लखनऊ: UP STF ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में नियमित कराने का झांसा देकर 1300 श्रमिकों के 20 करोड़ ठगने वाले शातिर ठगों के गैंग का भंडाफोड़ कर 25 हजार के इनामी मास्टर माइंड ठग देवेश सिंह को आशियाना के पराग डेरी से दबोचा है. जबकि, गैंग के अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है. देवेश पर 150 श्रमिकों से 2 करोड़ रुपए हड़पने का आरोप है. आरोपी देवेश, 631 पूरबखेड़ा सिविल लाइन उन्नाव का रहने वाला है. STF ने आरोपी के पास से नगदी समेत 2 मोबाइल फोन, एक टोयटा ग्लैन्जा कार व पैन कार्ड बरामद किया है.
UP STF के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल सिसौदिया के मुताबिक, गिरफ्त में आए आरोपी देवेश सिंह पर फतेहपुर में फर्जीवाड़ा कर श्रमिकों को नियमित करने का झांसा देकर रुपए ऐंठने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. इसमें शातिर जालसाज देवेश सिंह ने श्रमिकों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दिए, जो बाद में फर्जी निकले. छानबीन में पता चला कि देवेश अपने साथी एसके पांडेय के साथ मिलकर नियमित कराने का झांसा देकर श्रमिकों से करोड़ों रुपए ठगे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में दोनों के खिलाफ कई मुकदमे पंजीकृत हैं. पुलिस ने देवेश पर 25 हजार इनाम भी घोषित कर रखा है. बता दें, आरोपियों को पकड़ने के लिए यूपी एसटीएफ को लगाया गया था. एसटीएफ ने मंगलवार को देवेश सिंह को लखनऊ के आशियाना थाना क्षेत्र स्थित पराग डेयरी चौराहे के पास से दबोच लिया.
ठगी की कहानी आरोपी देवेश की जुबानी
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त देवेश सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में आल इंडिया वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन एम्पलाइज यूनियन उप्र में चुनाव लड़कर यूनियन का महामंत्री बन गया. इसी बीच उसकी मुलाकात एसके पांडेय से हुई. वह भी यूनियन में महामंत्री थे.
अभियुक्त देवेश सिंह ने बताया कि उन्होंने आसानी से रुपया कैसे कमा सकते हैं. इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में नियमित कराने का झांसा देकर श्रमिकों को अपने जाल में फंसाया और लूट शुरू कर दी.
डेढ़ से 2 लाख लेकर 1,300 श्रमिकों से 20 करोड़ हड़पे
आरोपी देवेश ने बताया कि उसने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम में काम कर रहे श्रमिकों को समझाया कि डेढ़ से 2 लाख रुपए जो भी जमा करेगा. कोर्ट के माध्यम से उसे राज्य भडारण निगम में परमानेन्ट नियुक्ति मिल जाएगी. इसके बाद लगभग 1300 लोगों से डेढ़ से दो लाख रुपये जमा करा लिए गए.
अभियुक्त देवेश सिंह ने तकरीबन 150 लोगों से 2 करोड़ रुपये जमा कराए और उसके बाद एसके पांडेय के साथ मिलकर कूटरचित नियुक्ति पत्र तैयार कर रुपये दे चुके श्रमिकों को दे दिए. नियुक्ति पत्र लेकर श्रमिक भंडारण निगम पहुंचे तो पता चला कि यह नियुक्ति पत्र कूटरचित है. जिस कारण क्षेत्रीय प्रबंधक प्रयागराज उप्र राज्य भण्डारण निगम व अन्य लोगों ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कई मुकदमे पंजीकृत करा दिए. थोड़े दिन बाद ही कोतवाली फतेहपुर पुलिस ने एसके पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था. जबकि, देवेश व अन्य कई लोग फरार हो गए. STF अफसरों के मुताबिक, तभी से देवेश फरार चल रहा था. आरोपी देवेश और उसके गैंग के सदस्यों ने प्रदेश भर में करीब 1,300 लोगों से 20 करोड़ रुपए की ठगी की गई है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है.
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