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लखनऊ: गृह कर में करोड़ों का हेरफेर, लेखा विभाग तक नहीं पहुंचा ब्योरा

लखनऊ नगर निगम ने बकायेदारों के विरुद्ध अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत बकाया शुल्क ना जमा करने वाले भवनों को सील किया जा रहा है. वहीं ऐसे में जोनल अधिकारियों के लेखा विभाग की रिपोर्ट में 22 करोड़ रुपये से अधिक के हेरफेर की बात सामने आ रही है. जिसके बाद निश्चित रूप से नगर निगम के अधिकारियों की कार्यशैली संदेह के घेरे में हैं.

गृह कर में करोड़ों का हेरफेर
गृह कर में करोड़ों का हेरफेर
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Published : Jan 19, 2021, 2:23 AM IST

लखनऊ: इन दिनों लखनऊ नगर निगम ने बकायेदारों के विरुद्ध अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के क्रम में बड़े बड़े बकायेदारों से शुल्क भी जमा कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में जमा हो रहे गृह कर की रकम का ब्योरा अभी तक लेखा विभाग तक पहुंचा ही नहीं है. ऐसे में 22.45 करोड़ रुपये के हेरफेर की बात सामने आ रही है.

लखनऊ नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे हाउस टैक्स की रकम लेखा विभाग तक पहुंच ही नहीं रही है. इस रुपये के बारे में जोनल कार्यालयों को भी जानकारी नहीं है. ऐसे में 22 करोड़ से अधिक के हेरफेर की बात सामने आ रही है.

जोन 6 में मिला बड़ा अन्तर
गृह कर में हो रही वसूली का सबसे अधिक अंतर जोन 6 और 7 में पाया गया है. जहां एक तरफ जोन 6 में 416.74 लाख रुपये का अंतर पाया गया है, वहीं जोन 7 में 418.88 लाख रुपये का अंतर पाया गया है. ऐसे में जोनल अधिकारियों को जमा रकम का मिलान लेखा विभाग से करने को कहा गया है.

22.45 करोड़ का आ रहा है अंतर
नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे गृह कर के बारे में जोनल अधिकारियों ने दिसंबर महीने में दी गई अपनी रिपोर्ट में 17,447.77 लाख रुपये जमा करने की बात कही है, जबकि लेखा विभाग के यहां जो रकम जमा हुई है वह 15,202.67 लाख रुपये है. वहीं जोनल अधिकारियों को लेखा विभाग के तरफ से जो जानकारी मिली है, उसमें 2245.10 लाख रुपये का अंतर आ रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी
लेखा विभाग और जोनल अधिकारियों द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में जिस तरह से 22 करोड़ से अधिक का हेरफेर आ रहा है. इस बारे में अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि निश्चित रूप से या बड़ा अंतर है और इसकी जांच भी की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: इन दिनों लखनऊ नगर निगम ने बकायेदारों के विरुद्ध अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के क्रम में बड़े बड़े बकायेदारों से शुल्क भी जमा कराया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में जमा हो रहे गृह कर की रकम का ब्योरा अभी तक लेखा विभाग तक पहुंचा ही नहीं है. ऐसे में 22.45 करोड़ रुपये के हेरफेर की बात सामने आ रही है.

लखनऊ नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे हाउस टैक्स की रकम लेखा विभाग तक पहुंच ही नहीं रही है. इस रुपये के बारे में जोनल कार्यालयों को भी जानकारी नहीं है. ऐसे में 22 करोड़ से अधिक के हेरफेर की बात सामने आ रही है.

जोन 6 में मिला बड़ा अन्तर
गृह कर में हो रही वसूली का सबसे अधिक अंतर जोन 6 और 7 में पाया गया है. जहां एक तरफ जोन 6 में 416.74 लाख रुपये का अंतर पाया गया है, वहीं जोन 7 में 418.88 लाख रुपये का अंतर पाया गया है. ऐसे में जोनल अधिकारियों को जमा रकम का मिलान लेखा विभाग से करने को कहा गया है.

22.45 करोड़ का आ रहा है अंतर
नगर निगम द्वारा वसूले जा रहे गृह कर के बारे में जोनल अधिकारियों ने दिसंबर महीने में दी गई अपनी रिपोर्ट में 17,447.77 लाख रुपये जमा करने की बात कही है, जबकि लेखा विभाग के यहां जो रकम जमा हुई है वह 15,202.67 लाख रुपये है. वहीं जोनल अधिकारियों को लेखा विभाग के तरफ से जो जानकारी मिली है, उसमें 2245.10 लाख रुपये का अंतर आ रहा है.

क्या कहते हैं अधिकारी
लेखा विभाग और जोनल अधिकारियों द्वारा दी गई अपनी रिपोर्ट में जिस तरह से 22 करोड़ से अधिक का हेरफेर आ रहा है. इस बारे में अपर नगर आयुक्त अमित कुमार का कहना है कि निश्चित रूप से या बड़ा अंतर है और इसकी जांच भी की जा रही है. इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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