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ई रिक्शा मालिक व चालकों का रखा जाएगा ब्योरा, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बताई जाम लगने की यह तीन वजह - कानून व्यवस्था

राजधानी में शनिवार को ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल (Details of e-rickshaw owners and drivers) ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने बढ़ते जाम की समस्या को लेकर कई दिशा निर्देश दिए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 7:05 PM IST

लखनऊ : शहर में बढ़ते जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. शनिवार को उन्होंने प्रेसवार्ता करके जाम की मुख्य तीन कारणों को बताया और उसके समाधान के बारे में दिशा निर्देश जारी किए. उन्होंने बताया कि राजधानी में जाम के तीन कारणों में से सबसे पहला ई रिक्शा, दूसरा स्ट्रीट वेंडर, तीसरा रोडवेज बस कारण है.

31 जनवरी होगी लास्ट डेट : पिछले सप्ताह जेपीसी उपेंद्र अग्रवाल जाम में फंसे थे, जिसके बाद उन्होंने जाम की समस्या पर कई बार चर्चा की. उन्होंने उससे निपटने के उपाय पर काम किया है. उन्होंने बताया कि 'ई रिक्शा में परमिट व्यवस्था से अलग है. कई बार देखा गया है कि ई रिक्शा नाबालिग चलाते हैं. कई बार अपराधी भी चलाते हैं, जिससे घटना हो सकती है. हम ई रिक्शा मालिक व चालकों का ब्योरा रखेंगे. जिससे उनका डाटा तैयार हो सके. ई रिक्शा के लिए एक फॉर्म दिया जाएगा. फॉर्म निशुल्क दिया जाएगा, 31 जनवरी लास्ट डेट होगी. जिसमें ई रिक्शा के मालिक व चालक का आधार जमा करना होगा. यह फॉर्म किसी भी थाने में जमा किया जा सकता है. जिसकी एक स्लिप वह ई रिक्शा पर चिपकाना होगा. फॉर्म आने के बाद ऑनलाइन उसका डेटा अपलोड किया जाएगा, जिसके बाद एसीपी क्षेत्र को 16 जोन में बांटा गया है. जहां ई रिक्शा अपने रुट पर ही चलेगा. ई रिक्शा सिर्फ तीन थाना क्षेत्र में चलाना होगा, जो थाना क्षेत्र आवंटित होगा उससे बाहर ई रिक्शा चलाने पर कार्रवाई होगी. इसके साथ ही स्टीकर बनाया जाएगा, जो ई रिक्शा पर चिपकाया जाएगा. स्टीकर से पता चल सकेगा कि ई रिक्शा किस क्षेत्र का है. ई रिक्शा से जुड़े हम डेटा बेस बनाएगे.'

डीसीपी यातायात को देनी होगी जानकारी : उन्होंने बताया कि 'वर्तमान समय में 48 हजार के करीब ई रिक्शा हैं. अभी ई रिक्शा पूरे शहर में घूम रहे हैं. 31 जनवरी के बाद ऐसा नहीं हो पायेगा. जब ई रिक्शा का चालक बदलेगा, उसकी जानकारी तीन दिनों के अंदर डीसीपी यातायात को देनी होगी. ई रिक्शा का डेटा लखनऊ पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. एक हजार फॉर्म आरटीओ को भेजा जाएगा. जिससे नया रिक्शा लेते समय जानकारी उपलब्ध कराना पड़ेगी. पुराने ई रिक्शा का फॉर्म पुलिस द्वारा बांटकर भराया जाएगा. फॉर्म में आरसी, डीएल, आधार कार्ड आपराधिक रेकॉर्ड भरना होगा.'

लखनऊ : शहर में बढ़ते जाम की समस्या को समाप्त करने के लिए ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. शनिवार को उन्होंने प्रेसवार्ता करके जाम की मुख्य तीन कारणों को बताया और उसके समाधान के बारे में दिशा निर्देश जारी किए. उन्होंने बताया कि राजधानी में जाम के तीन कारणों में से सबसे पहला ई रिक्शा, दूसरा स्ट्रीट वेंडर, तीसरा रोडवेज बस कारण है.

31 जनवरी होगी लास्ट डेट : पिछले सप्ताह जेपीसी उपेंद्र अग्रवाल जाम में फंसे थे, जिसके बाद उन्होंने जाम की समस्या पर कई बार चर्चा की. उन्होंने उससे निपटने के उपाय पर काम किया है. उन्होंने बताया कि 'ई रिक्शा में परमिट व्यवस्था से अलग है. कई बार देखा गया है कि ई रिक्शा नाबालिग चलाते हैं. कई बार अपराधी भी चलाते हैं, जिससे घटना हो सकती है. हम ई रिक्शा मालिक व चालकों का ब्योरा रखेंगे. जिससे उनका डाटा तैयार हो सके. ई रिक्शा के लिए एक फॉर्म दिया जाएगा. फॉर्म निशुल्क दिया जाएगा, 31 जनवरी लास्ट डेट होगी. जिसमें ई रिक्शा के मालिक व चालक का आधार जमा करना होगा. यह फॉर्म किसी भी थाने में जमा किया जा सकता है. जिसकी एक स्लिप वह ई रिक्शा पर चिपकाना होगा. फॉर्म आने के बाद ऑनलाइन उसका डेटा अपलोड किया जाएगा, जिसके बाद एसीपी क्षेत्र को 16 जोन में बांटा गया है. जहां ई रिक्शा अपने रुट पर ही चलेगा. ई रिक्शा सिर्फ तीन थाना क्षेत्र में चलाना होगा, जो थाना क्षेत्र आवंटित होगा उससे बाहर ई रिक्शा चलाने पर कार्रवाई होगी. इसके साथ ही स्टीकर बनाया जाएगा, जो ई रिक्शा पर चिपकाया जाएगा. स्टीकर से पता चल सकेगा कि ई रिक्शा किस क्षेत्र का है. ई रिक्शा से जुड़े हम डेटा बेस बनाएगे.'

डीसीपी यातायात को देनी होगी जानकारी : उन्होंने बताया कि 'वर्तमान समय में 48 हजार के करीब ई रिक्शा हैं. अभी ई रिक्शा पूरे शहर में घूम रहे हैं. 31 जनवरी के बाद ऐसा नहीं हो पायेगा. जब ई रिक्शा का चालक बदलेगा, उसकी जानकारी तीन दिनों के अंदर डीसीपी यातायात को देनी होगी. ई रिक्शा का डेटा लखनऊ पुलिस की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. एक हजार फॉर्म आरटीओ को भेजा जाएगा. जिससे नया रिक्शा लेते समय जानकारी उपलब्ध कराना पड़ेगी. पुराने ई रिक्शा का फॉर्म पुलिस द्वारा बांटकर भराया जाएगा. फॉर्म में आरसी, डीएल, आधार कार्ड आपराधिक रेकॉर्ड भरना होगा.'

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