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Deputy Transport Commissioner ने कहा, आरटीओ में अगर न मिलें अधिकारी तो आवेदक करें मेरे सीयूजी नंबर पर फोन - आरटीओ कार्यालय का इंस्पेक्शन

आरटीओ कार्यालय का इंस्पेक्शन करने पहुंचे डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (Deputy Transport Commissioner) ने नाराजगी जताई है. आरटीओ कार्यालय से लगातार अधिकारियों के न होने की शिकायत लगातार मिल रही थी.

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Published : Feb 27, 2023, 11:35 AM IST

लखनऊ : आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई के वीआईपी ड्यूटी में लग जाने से आवेदकों को दिक्कत हो रही है. इसे लेकर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि 'किसी भी कीमत पर आवेदकों को बिना काम कराए आरटीओ कार्यालय से वापस न लौटना पड़े. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आरटीओ कार्यालय का इंस्पेक्शन करने पहुंचे. यहां पर उन्होंने साफ कर दिया कि अगर किसी आवेदक को कोई समस्या होती है, कोई अधिकारी अगर आरटीओ कार्यालय में नहीं मिलता है तो सीधे मेरे सीयूजी नंबर पर संपर्क करे.'


अब अगर ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय के संभागीय निरीक्षक वीआईपी ड्यूटी में गए हैं तो उनके बदले दूसरा आरआई आवेदकों के काम निबटाएगा. एक दिन पहले एआरटीओ प्रशासन को बिना बताए आरआई संजीत कुमार काउंटर नंबर 12 छोड़कर वीआईपी ड्यूटी में चले गए थे. इस दौरान आवेदकों ने हंगामा किया था. बगैर काम कराए आवेदक खाली हाथ लौटने को मजबूर हुए. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद शनिवार को आरटीओ कार्यालय गए. आरआई संजीत कुमार को चेतावनी देते हुए दोबारा शिकायत का मौका नहीं देने की बात कही. एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने कहा कि 'किसी अधिकारी की वीआईपी ड्यूटी लगने पर अन्य अधिकारी आवेदकों का काम करेंगे.'



सूत्रों का कहना है कि आरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारियों की आपस में ही नहीं बनती है. वह एक दूसरे से बात करने से भी कतराते हैं. कार्यालय में काम करने का माहौल नहीं है. सीनियर अधिकारी को बिना बताए ही जूनियर अधिकारी कहीं भी चले जाते हैं. वे अपनी मनमानी कर रहे हैं. किसी अधिकारी का काम अगर दूसरे अधिकारी को आवंटित किया जा रहा है तो इसमें भी अधिकारियों को दिक्कत हो रही है.

यह भी पढ़ें : Lucknow Indira Bridge : लखनऊ का एक और पुल बंद, टीम करेगी सर्वे

लखनऊ : आरटीओ कार्यालय में तैनात आरआई के वीआईपी ड्यूटी में लग जाने से आवेदकों को दिक्कत हो रही है. इसे लेकर डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि 'किसी भी कीमत पर आवेदकों को बिना काम कराए आरटीओ कार्यालय से वापस न लौटना पड़े. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर आरटीओ कार्यालय का इंस्पेक्शन करने पहुंचे. यहां पर उन्होंने साफ कर दिया कि अगर किसी आवेदक को कोई समस्या होती है, कोई अधिकारी अगर आरटीओ कार्यालय में नहीं मिलता है तो सीधे मेरे सीयूजी नंबर पर संपर्क करे.'


अब अगर ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय के संभागीय निरीक्षक वीआईपी ड्यूटी में गए हैं तो उनके बदले दूसरा आरआई आवेदकों के काम निबटाएगा. एक दिन पहले एआरटीओ प्रशासन को बिना बताए आरआई संजीत कुमार काउंटर नंबर 12 छोड़कर वीआईपी ड्यूटी में चले गए थे. इस दौरान आवेदकों ने हंगामा किया था. बगैर काम कराए आवेदक खाली हाथ लौटने को मजबूर हुए. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद शनिवार को आरटीओ कार्यालय गए. आरआई संजीत कुमार को चेतावनी देते हुए दोबारा शिकायत का मौका नहीं देने की बात कही. एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने कहा कि 'किसी अधिकारी की वीआईपी ड्यूटी लगने पर अन्य अधिकारी आवेदकों का काम करेंगे.'



सूत्रों का कहना है कि आरटीओ कार्यालय में तैनात अधिकारियों की आपस में ही नहीं बनती है. वह एक दूसरे से बात करने से भी कतराते हैं. कार्यालय में काम करने का माहौल नहीं है. सीनियर अधिकारी को बिना बताए ही जूनियर अधिकारी कहीं भी चले जाते हैं. वे अपनी मनमानी कर रहे हैं. किसी अधिकारी का काम अगर दूसरे अधिकारी को आवंटित किया जा रहा है तो इसमें भी अधिकारियों को दिक्कत हो रही है.

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