लखनऊ: यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़कों के चल रहे गड्ढा मुक्त अभियान में ग्रामीण सम्पर्क मार्गों को विशेष प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने कहा कि मरम्मत व पैच वर्क के कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिये. अधिकारी इन कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करें. इसके साथ ही जनता व जनप्रतिनिधि इन कार्यों पर नजर रखें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह भी विभागीय योजनाओं खासकर गड्ढा मुक्त अभियान का निरीक्षण करने फील्ड में निकलेंगे. मिसिंग लिंक मार्गों को भी चयनित कर पूरा कराया जाए. मौर्य आज अपने सरकारी आवास-7 कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे.
उन्होंने निर्देश दिया कि पुल, पुलियों, आरओबी, फ्लाईओवर आदि जहां भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनकी भी मरम्मत सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर करा ली जाए. बरसात के दौरान जहां सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी भी सूची तैयार कर आवश्यक कार्रवाई की जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि धार्मिक स्थलों व मेलों को जोड़ने वाले सम्पर्क मार्गों की मरम्मत भी शीर्ष प्राथमिकता पर करायी जाए. उन्होंने कहा कि सभी कार्यों की माइक्रो लेवल पर माॅनिटरिंग की जाए. कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग की सभी योजनाओं को मूर्त रूप देने व अमलीजामा पहनाने में कोई कोर कसर बाकी न रखी जाए.
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सांसद आदर्श गांवों में विश्वकर्मा जयन्ती से पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती तक (17 से 25 सितम्बर 2020 तक) विशेष अभियान चलाकर मरम्मत व चौड़ीकरण के कार्य अनिवार्य रूप से कराया जाए.
मौर्य ने कहा कि प्रदेश के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में जनहित को देखते हुए सभी क्षेत्रों में संतुलित रूप से सड़क, लघु सेतु, सम्पर्क मार्ग आदि के 5-5 काम चिन्हित किए जाए. इसके लिए एक फार्मेट बनाकर सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ताओं से रिपोर्ट ली जाए. यह कार्य 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए. केन्द्रीय मार्ग निधि की दृष्टि से जो प्रस्ताव मंगाये जाने हैं, उन्हें भी मंगा लिये जाएं. सामान्य मरम्मत, विशेष मरम्मत व नवीनीकरण के कार्यों में भी तेजी लायी जाए.
केशव मौर्य ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों की सूची तैयार करते हुए आपदा राहत विभाग के साथ क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के सम्बन्ध में चर्चा करते हुए जरूरी कदम उठाये जाएं. उन्होंने निर्देश दिया कि विशेष और तात्कालिक मरम्मत की दृष्टिकोण से रोड एम्बुलेंस के कांसेप्ट को प्रभावी बनाने का प्रयास किया जाए और इसका प्रयोग सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नगरीय क्षेत्रों में किया जाए.