लखनऊ : राजधानी स्थित एसजीपीजीआई में लगी आग के बाद बुधवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना. डिप्टी सीएम ने घटना स्थल पर चिकित्साधिकारियों के साथ पहुंचकर प्रकरण की विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने कहा कि 'इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.'
आग लगने की जगह को किया गया सील : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बुधवार को राजधानी स्थित एसजीपीजीआई पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की. उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 'फिलहाल आग लगने की जगह को सील कर दिया गया है. साफ-सफाई कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के कारणों का पता चलेगा. उन्होंने बताया कि पीजीआई सहित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों एवं ऑपरेशन थियेटरों का फायर ऑडिट कराया जा रहा है.'
इंडोक्राइन सर्जरी की ओटी-1 में आग : बता दें कि पीजीआई के ओटी कॉम्प्लेक्स स्थित इंडोक्राइन सर्जरी की ओटी-1 में सोमवार दोपहर करीब 12:40 मिनट पर मॉनीटर में स्पार्किंग होने से आग लगी थी. इस दौरान पीलीभीत तयबा (26) की सर्जरी चल रही थी. धुआं भरता देख सर्जरी को बीच में ही रोकते हुए मरीज को शिफ्ट कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका था. वहीं, पास में ही सीवीटीएस की ओटी में गाजीपुर निवासी नेहा के बच्चे (25 दिन) की हार्ट सर्जरी चल रही थी, वहां भी धुआं भरने से डॉक्टर और स्टाफ मौके से भाग निकले थे, किसी तरह मासूम को निकालकर डायलिसिस आईसीयू में ले जाया गया था, पर उसे बचाया नहीं जा सका था. इसके अलावा सोनभद्र निवासी संतोष पांडेय के बेटे गौरव (10 वर्षीय) को 28 नवंबर को पीजीआई में भर्ती कराया था. यहां वेंटिलेटर सपोर्ट पर उसका इलाज चल रहा था. आग लगी तो वह सीसीएम के बाहर ही बैठे थे. भीतर तक धुआं भरा हुआ था. कुछ देर बाद उन्हें बताया गया कि उनके बेटे की मौत हो गई है. कुछ लोगों का यह भी कहना था कि अंदर ब्लास्ट भी हुआ था, जिससे आगे फैली थी. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी.