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डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश, बिना उपचार अस्पताल से न लौटें डेंगू के मरीज - डिप्टी सीएम

अस्पताल आने वाला डेंगू पीड़ित कोई भी मरीज बगैर उपचार के ना लौटे. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए. जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो. यह निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (deputy cm brajesh pathak) ने मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक में दिए.

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Published : Nov 1, 2022, 8:29 PM IST

Updated : Nov 1, 2022, 9:47 PM IST

लखनऊ. अस्पताल आने वाला डेंगू पीड़ित कोई भी मरीज बगैर उपचार के ना लौटे. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए. जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो. यह निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (deputy cm brajesh pathak) ने मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक में दिए. उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए. किसी भी चिकित्सालय में दवाओं की कमी न हो और मरीजों को बाहर से दवाएं न लिखी जाएं.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए. जिसके माध्यम से समस्त चिकित्सालयों में मरीजों के उपचार एवं अन्य चिकित्सकीय सेवाओं का अनुश्रवण किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी सीएमओ व सीएमएस से संपर्क कर जानकारी ली जाए कि उनके यहां चिकित्सालय में मरीजों के उपचार, एंबुलेंस, साफ-सफाई एवं पेयजल आदि की क्या स्थिति है? उन्होंने प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए समुचित अध्ययन कर चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश भी निर्देश जारी किए. कहा कि मरीजों की देखभाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य लिली सिंह, निदेशक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, निदेशक, मेडिकल केयर एवं संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव बंसवाल उपस्थित रहे.

लखनऊ. अस्पताल आने वाला डेंगू पीड़ित कोई भी मरीज बगैर उपचार के ना लौटे. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए. जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो. यह निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (deputy cm brajesh pathak) ने मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक में दिए. उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में जीवन रक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए. किसी भी चिकित्सालय में दवाओं की कमी न हो और मरीजों को बाहर से दवाएं न लिखी जाएं.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए. जिसके माध्यम से समस्त चिकित्सालयों में मरीजों के उपचार एवं अन्य चिकित्सकीय सेवाओं का अनुश्रवण किया जा सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी सीएमओ व सीएमएस से संपर्क कर जानकारी ली जाए कि उनके यहां चिकित्सालय में मरीजों के उपचार, एंबुलेंस, साफ-सफाई एवं पेयजल आदि की क्या स्थिति है? उन्होंने प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए समुचित अध्ययन कर चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश भी निर्देश जारी किए. कहा कि मरीजों की देखभाल सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य लिली सिंह, निदेशक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, निदेशक, मेडिकल केयर एवं संयुक्त निदेशक डॉ. राजीव बंसवाल उपस्थित रहे.

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Last Updated : Nov 1, 2022, 9:47 PM IST
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