लखनऊ : 'सरकार महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है. प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में लांच अल्ट्रासाउंड ऐप के माध्यम से महिलाएं घर बैठे जांच की तारीख ले सकती हैं और निशुल्क अल्ट्रासाउंड करवा सकती हैं. इस अल्ट्रासाउंड में होने वाला खर्च सरकार द्वारा होगा.' यह बातें मंगलवार को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहीं.
दरअसल, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के शहीद पथ स्थित राम प्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु स्टेट रेफरल चिकित्सालय में संचालित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में रिप्रोडक्टिव मेडिसिन ओपीडी का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि डिप्टी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'सरकार की मिशन इंद्रधनुष योजना के अंतर्गत जो बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए थे, उनका टीकाकरण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है कि अस्पताल में जन्मा हर नवजात शिशु घर जाने से पहले अस्पताल से जरूरी टीकाकरण करा करके ही भेजा जाए.'
कार्यक्रम के दौरान संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर स्मृति अग्रवाल, संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर अजय कुमार सिंह, डॉ तनवीर रोशन खान, संकाय सदस्य, कर्मचारी, ओपीडी में मौजूद मरीज एवं तीमारदार मौजूद रहे.
'बगैर परीक्षण दूसरे अस्पताल को रेफर न करें मरीज' : 'प्रदेश भर के सीएचसी-पीएचसी पर आने वाले मरीजों का बगैर परीक्षण किए दूसरे अस्पतालों में रेफर न किया जाए. बिना सूचना अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. शाम पांच बजे के बाद भी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक की तैनाती की जाए.' यह निर्देश मंगलवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को दिए.
एनेक्सी भवन में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'सभी जिला चिकित्सालयों, सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटरों एवं वेलनेस सेंटरों में नार्मस के अनुसार चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल वर्कर्स की अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज की जाए. अगर कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी बगैर सूचना दिए अनुपस्थित रहता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि शाम पांच बजे के बाद प्रत्येक सीएचसी में एक चिकित्सक की उपस्थिति जरूर रहे. बिना परीक्षण मरीज को किसी अन्य अस्पताल के लिए रेफर न किया जाए. जिला चिकित्सालय सहित समस्त सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर, वेलनेस सेंटरों में अनिवार्य रूप से जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता के भी निर्देश दिए एवं समय-समय पर स्वच्छता अभियान चलाया जाए.
डिप्टी सीएम ने कहा कि 'नवनिर्मित सीएचसी को क्रियाशील करने के लिए पदों के सृजन का प्रस्ताव एक सप्ताह के अंदर महानिदेशालय द्वारा शासन को उपलब्ध कराया जाए. संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर, उसके क्रियांवयन के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि स्कूलों के माध्यम से किशोरियों को किशोरी योजना के तहत सेनेट्री नेपकिन वितरित किए जाएं. स्कूलों में टीम भेजकर विद्यार्थियों की जांच कराई जाए एवं विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डिजीटल एक्स-रे मशीनों को 90 दिनों में स्थापित किया जाए.' बैठक में प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, समस्त विशेष सचिव, एमडी एनएचएम, एमडी उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन, महानिदेशालय के समस्त निदेशक एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहें.