ETV Bharat / state

पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दी श्रद्धांजलि

भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि आज 12 नवंबर को लोगों ने अलग-अलग ढंग से मनाया. वहीं राजधानी लखनऊ में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने आवास पर मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.

पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दी श्रद्धांजलि.
पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दी श्रद्धांजलि.
author img

By

Published : Nov 12, 2020, 10:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने आवास पर भारत रत्न मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि आज 12 नवंबर को लोगों ने अलग-अलग ढंग से मनाया.

मदन मोहन मालवीय का परिचय
मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ था. वहीं मदन मोहन मालवीय ने अंतिम सांस 12 नवंबर 1946 को वाराणसी में लिया था. मदन मोहन मालवीय ने अपनी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कोलकाता विश्वविद्यालय से किया था. वहीं मदन मोहन मालवीय के पांच बच्चे थे.

हिन्दू मुस्लिम एकता के समर्थक
अक्सर मालवीय को हिंदू राष्ट्रवादी दिखाने की कोशिश की जाती है, लेकिन उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए काफी काम किए. उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द पर दो प्रसिद्ध भाषण दिए, जिनमें से एक भाषण उन्होंने 1922 में लाहौर में दिया था ,और दूसरा 1931 में कानपुर में.

कांग्रेस से संबंध
भले ही आज बीजेपी के लोग उनको अपना ज्यादा करीब मानते है. अपना पथ प्रदर्शक मानते हैं. वहीं बल्लभ भाई पटेल की तरह मालवीय जी भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिग्गजों में से एक थे. वह चार बार 1909 ,1918, 1932, 1933 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.

बीएचयू की स्थापना
मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू जैसे संस्थानों की स्थापना करने में अपनी अहम भूमिका और कठिन परिश्रम किया. यूनिवर्सिटी खोलने के लिए उन्होंने निजाम से आर्थिक मदद मांगी थी, लेकिन इसको लेकर निजाम ने मना कर दिया था. निजाम ने कहा कि मेरी जूती ले जाओ. स्वाभिमानी मदन मोहन मालवीय ने जूती को लेकर बाजार में नीलामी के लिए बोली लगवाई. चकित कर देने वाली बात यह थी, कि इस जूती की नीलामी के समय सबसे बड़ी रकम देकर निजाम ने ही जूती को खरीदा था.

लखनऊ: राजधानी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को अपने आवास पर भारत रत्न मदन मोहन मालवीय जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि आज 12 नवंबर को लोगों ने अलग-अलग ढंग से मनाया.

मदन मोहन मालवीय का परिचय
मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ था. वहीं मदन मोहन मालवीय ने अंतिम सांस 12 नवंबर 1946 को वाराणसी में लिया था. मदन मोहन मालवीय ने अपनी उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कोलकाता विश्वविद्यालय से किया था. वहीं मदन मोहन मालवीय के पांच बच्चे थे.

हिन्दू मुस्लिम एकता के समर्थक
अक्सर मालवीय को हिंदू राष्ट्रवादी दिखाने की कोशिश की जाती है, लेकिन उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए काफी काम किए. उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द पर दो प्रसिद्ध भाषण दिए, जिनमें से एक भाषण उन्होंने 1922 में लाहौर में दिया था ,और दूसरा 1931 में कानपुर में.

कांग्रेस से संबंध
भले ही आज बीजेपी के लोग उनको अपना ज्यादा करीब मानते है. अपना पथ प्रदर्शक मानते हैं. वहीं बल्लभ भाई पटेल की तरह मालवीय जी भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दिग्गजों में से एक थे. वह चार बार 1909 ,1918, 1932, 1933 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे.

बीएचयू की स्थापना
मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू जैसे संस्थानों की स्थापना करने में अपनी अहम भूमिका और कठिन परिश्रम किया. यूनिवर्सिटी खोलने के लिए उन्होंने निजाम से आर्थिक मदद मांगी थी, लेकिन इसको लेकर निजाम ने मना कर दिया था. निजाम ने कहा कि मेरी जूती ले जाओ. स्वाभिमानी मदन मोहन मालवीय ने जूती को लेकर बाजार में नीलामी के लिए बोली लगवाई. चकित कर देने वाली बात यह थी, कि इस जूती की नीलामी के समय सबसे बड़ी रकम देकर निजाम ने ही जूती को खरीदा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.