लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में निरुद्ध रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर अरुण कुमार मित्तल की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्त के अपराध को गम्भीर करार दिया है. कोर्ट ने कहा है कि रिश्वत की रकम के अलावा तीन करोड़ रुपये की चल अचल सम्पति भी अभियुक्त से बरामद हुई है व विवेचना अभी चल रही है. लिहाजा इस स्तर पर अभियुक्त की जमानत अर्जी मंजूर करने योग्य नहीं है.
एक दिसंबर, 2022 को सीबीआई द्वारा अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था. अभियुक्त के विरुद्ध इस मामले की शिकायत सुनील कुमार श्रीवास्तव ने दर्ज कराई थी. शिकायत के मुताबिक चार लाख 83 हजार रुपये का लम्बित बिल पास करने के एवज में अभियुक्त उससे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था. सीबीआई ने रिश्वत की इस रकम के साथ अभियुक्त को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. साथ ही उसकी निशानदेही पर उसके घर से एक करोड़ 37 लाख रुपये नगद व करीब दो करोड़ की बेनामी सम्पतियां के दस्तावेज भी बरामद किए. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है. कहा गया कि विभागीय राजनीति में शिकायतकर्ता को आगे करते हुए, सीबीआई की मिलीभगत से उसे फंसाया गया है. हालांकि कोर्ट ने अभियुक्त पक्ष की दलीलें खारिज कर दीं.
नाबालिग से छेड़छाड़ में तीन साल की सजा : एक अन्य मामले में पॉक्सो के विशेष जज विजेन्द्र त्रिपाठी ने एक नाबालिग से छेड़खानी करने के दोषी करार दिए गए अभियुक्त धीरेंद्र कुमार दीक्षित को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. विशेष लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक 20 अगस्त 2015 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता ने थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी.
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