लखनऊः नगरीय निकाय विभाग को 95 नए ऑफिसर मिले हैं. नगरीय प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान द्वारा नवनियुक्त उत्तर प्रदेश पालिका (केन्द्रीयित) सेवा के अधिशासी अधिकारी/सहायक नगर आयुक्त, सहायक अभियंता (ट्रैफिक), अधिशासी अधिकारी (नगर पंचायत ) एवं राजस्व निरीक्षकों के आधारभूत प्रशिक्षण के समापन पर सोमवार को समारोह का आयोजन किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नवनियुक्त अधिकारियों को आशीर्वाद देने के साथ ही मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि बेहतर जीवन जीने की अवधारणा तेजी से बढ़ रही है और इस वजह से शहरों में जनसंख्या भी तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2011 में प्रदेश के शहरों में 31% आबादी निवास कर रहे थी जो अब बढ़कर 36% हो गई है. मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर उस जिले का स्थापना दिवस मनाए. यह देखा जाना चाहिए कि एक साल के अंदर जिले में कितनी प्रगति की और भविष्य की क्या संभावनाएं हैं.
मुख्य सचिवने कहा कि हर कर्मचारी को अपने कार्य और दायित्व के प्रति गंभीर रहना चाहिए और इसी वजह से केंद्र सरकार की मिशन कर्मयोगी योजना से राज्य के प्रत्येक कर्मचारी को जोड़ेंगे और पंजीकरण अनिवार्य कराएंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि 50 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक शहर का जीआईएस बेस तैयार हो रहा है और इसके बाद इन सभी जिलों का एक मास्टर प्लान तैयार होगा, ताकि इनका विकास एक तय नीति के अनुसार हो सके. उन्होंने कहा के बिना प्लान तैयार के जो विकास होता है.
उसमें सुधार से ज्यादा गड़बड़ी की आशंका रहती हैं. इसलिए सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है. मुख्य सचिव ने नवनियुक्त अधिकारियों को सीख दी कि उनके अंदर सीखने की भूख कभी कम नहीं होनी चाहिए. अपने उदाहरण देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि आज भी वह 40 साल की नौकरी करने के बाद हर दिन कुछ ना कुछ नया सीखते हैं.
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने नवनियुक्त अफसरों से यह भी आह्वान किया कि उनका यह दायित्व है कि वह जहां पर अब नियुक्त हुए हैं उसमें पूरा मन लगाकर कार्य करें.कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने नगरीय प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यों में आए बदलाव पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पहले नगरीय निकायों में नाली सफाई,सड़क की सफाई मच्छरों की रोकथाम, त्योहारों पर ड्यूटी जैसा काम होता है परंतु आज के हमारे नगरीय प्रशासन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, एयर क्वालिटी कंट्रोल जैसी उम्मीद की जाती हैं. इसलिए, इस प्रशिक्षण की आवश्यकता थी.