लखनऊ: राजधानी स्थित केजीएमयू के दंत संकाय को कोरोना के प्रशिक्षण के लिए नोडल सेंटर बनाया गया है. यहां पर अब तक हर विभाग के हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना के इलाज और हेल्थ केयर से जुड़े प्रशिक्षण दिए जा रहे थे. अब इसमें डेंटिस्ट्री विभाग के हेल्थ केयर वर्कर्स भी शामिल हो गए हैं, जो आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों के इलाज में अपना योगदान देंगे.
प्रशिक्षण में केजीएमयू के डेंटल फैकल्टी भी शामिल
केजीएमयू के दंत संकाय के डीन प्रो. अनिल चंद्रा कहते हैं कि कोरोना का प्रशिक्षण हम पिछले डेढ़ महीनों से कर रहे हैं. इसमें हम हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना से जुड़े हर पहलू की जानकारी दे रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं. इस प्रशिक्षण में केजीएमयू के डेंटल फैकल्टी को भी शामिल किया गया है जो आगे आने वाले दिनों में कोरोना के मरीजों के इलाज में ड्यूटी करेंगे.
वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण देने की कोशिश
प्रो. चंद्रा ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 मॉड्यूल का है, जिसमें कोरोना के इलाज, पीपीई किट, मास्क, ड्यूटी करने से जुड़ी जानकारियां, स्टरलाइजेशन, सैनिटाइजेशन समेत कई बातें शामिल की गई हैं. प्रो चंद्रा के अनुसार अब तक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से लगभग 400 लोगों को कोरोना इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है.
वहीं अब प्रदेश भर के डेंटल फैकल्टी और डेंटल काउंसिल से जुड़े हुए लोगों के प्रशिक्षण का लक्ष्य इस ट्रेनिंग कमेटी ने तय किया है. इस के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ के आसपास के जिलों से डॉक्टर केजीएमयू में प्रशिक्षण लेने के लिए आ रहे हैं. वहीं जो लोग इस प्रशिक्षण में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें वीडियो कॉलिंग और ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं.
यह प्रशिक्षण 16 मॉड्यूल के तहत दिया जा रहा
हेल्थ वर्कर्स को ट्रेनिंग देने का काम कर रहे केजीएमयू के प्रोस्थोडोंटिक्स डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रो. कौशल किशोर अग्रवाल ने बताया कि हम हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना में ड्यूटी करने के तरीकों के बारे में समझा रहे हैं. साथ ही उनके जीवन से जुड़े कुछ अन्य पहलुओं को भी इसमें शामिल कर रहे हैं. हेल्थ केयर वर्कर्स को किस तरह से संक्रमण में इलाज करना है, कैसे ड्यूटी करनी है, किन बातों का ध्यान रखना है, यह सभी प्रशिक्षण हम 16 मॉड्यूल के तहत उन्हें दे रहे हैं. इसके साथ ही साथ उनके सेल्फ केयर के बारे में भी बात कर रहे हैं.
मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश
कोरोना के बचाव में न तो अब तक कोई दवा मिली है, न ही वैक्सीनेशन है और अब ज्यादातर में न ही इसके लक्षण मिल रहे हैं. इस वजह से हेल्थ केयर वर्कर्स में भी डिप्रेशन और स्ट्रेस देखा जा रहा है. इसी वजह से इस प्रशिक्षण में उनकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. हेल्थ केयर वर्कर्स सकारात्मक सोच के साथ इलाज करेंगे तो उनकी मानसिक स्थिति भी बेहतर रहेगी. साथ ही वह बेहतर तरीके से खुद को और अपने आसपास के लोगों को संभाल सकते हैं.