लखनऊ: यूपी में मच्छरों का हमला नहीं थम रहा है. ऐसे में डेंगू का प्रकोप छाया हुआ है. हर रोज कई मरीज बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. राज्य में सोमवार को डेंगू के 200 नए केस मिले हैं. जिसके बाद मरीजों की संख्या 22,200 के करीब पहुंच गई है.
लखनऊ में 18 नए मरीज मिले
यूपी में फिरोजाबाद,मथुरा में डेंगू कहर बरपा रहा है. वहीं लखनऊ में भी बीमारी आफत बनी हुई है. यहां अब तक 16,500 के करीब डेंगू के केस पाए जा चुके हैं. सोमवार को लखनऊ में डेंगू के 18 नए केस मिले. इसके अलावा 26 घरों में मच्छरों का लार्वा मिलने पर नोटिस जारी की गई.
डेंगू स्ट्रेन टू बरपा रहा कहर
इस वर्ष डेंगू का स्ट्रेन-टू कहर बरपा रहा है. यूपी में कुल डेंगू के केस में 90 फीसद में स्ट्रेन-टू मिला. इसका खुलासा आईसीएमआर ने किया है.केजीएमयू की आईसीएमआर लैब की प्रभारी डॉ सुरुचि शुक्ला ने कहा कि बुखार को हल्के में न लें. इस समय कोविड, डेंगू और जीका के मामले आ रहे हैं. ऐसे में जांच अवश्य कराएं. कोविड के जहां 90 फीसद डेल्टा वायरस के केस मिल रहे हैं. वहीं डेंगू में 90 फीसद स्ट्रेन -टू मिल रहा है.
डेंगू के प्रकार
टाइप- 1- सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.
टाइप- 2- डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं. जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.
टाइप - 3 - डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाते हैं. जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना, चेहरा, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मिचलाना, चेहरे- गर्दन -चेस्ट पर लाल गुलाबी रंग के मैसेज पड़ना प्रमुख लक्षण हैं. वहीं डेंगू हेमोरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े और गुदा से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लड प्रेशर लो होना, बेहोशी होना, शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होना प्रमुख लक्षण हैं.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
इसे भी पढे़ं- कानपुर एटीएस के हत्थे चढ़े चार संदिग्ध, सियालदह राजधानी से कर रहे थे यात्रा
खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.
लोहिया संस्थान में डेंगू के मरीज को नहीं किया भर्ती, निजी अस्पताल पहुंचते ही मौत
लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है. स्थिति यह है कि सोमवार को डेंगू पीड़ित युवती के परिजन गिड़गिड़ाते रहे. मगर, उसे भर्ती नहीं किया गया.ऐसे में उसे परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद आक्रोशित घरवालों ने सीएम से ड्यूटी पर तैनात स्टाफ पर कार्रवाई की मांग की है. गौरतलब है कि गोमतीनगर निवासी आकृति बाजपेई (18) को सप्ताहभर से बुखार आ रहा था. परिवारीजनों ने पहले आकृति को गोमतीनगर स्थित मिशनरी अस्पताल में भर्ती कराया. परिजन ऋषि के मुताबिक, डॉक्टर की सलाह पर डेंगू की जांच कराई गई जिसमें आकृति में डेंगू की पुष्टि हुई. इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज का इलाज शुरू किया. मगर राहत मिलने के बजाए हालत बिगड़ती गई. ऐसे के सोमवार सुबह डॉक्टरों ने मरीज को लोहिया संस्थान रेफर कर दिया. सुबह करीब चार बजे आकृति को लेकर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में पहुंचे.आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने मरीज का इलाज नहीं किया. स्टॉफ ने यहां तक कह दिया कि ये बचेगी नहीं, कहीं और ले जाओ.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप