लखनऊ: कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के अध्यापकों द्वारा बहाली को लेकर राजधानी के आलमबाग स्थित धरना स्थल पर लगातार 15 दिन से धरना किया जा रहा है. इस अवसर पर शिक्षकों द्वारा अपने बच्चों को भी धरना स्थल पर शामिल किया गया. धरना के 15 दिन बीत जाने के बावजूद अभी तक धरना स्थल पर अध्यापकों की सुध लेने कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है. इसको देखते हुए अध्यापकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
लखनऊ के इको गार्डन मे नौकरी बहाली की मांग को लेकर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं का धरना अनवरत जारी है. लेकिन अभी तक विभाग का कोई भी आला अफसर धरना स्थल पर वार्ता करने नहीं आया है. लगातार चल रहे धरना के 15वें दिन धरना में शिक्षकों के बच्चे भी सम्मिलित हुए. इन बच्चों ने बताया कि पिताजी की नौकरी चले जाने के बाद लोग ताने मारते हैं और फीस न जमा करने के कारण स्कूल से उन्हें निकाल दिया गया है. शिक्षकों की बच्चियों ने कहा की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले सीएम योगी की सरकार में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं की नौकरी छीन कर हम जैसे अनगिनत बेटियों का भविष्य अंधकारमय कर दिया गया है.
कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का निर्माण सुदूरवर्ती क्षेत्रों की बालिकाओं की सुरक्षा के लिए किया गया था. इन विद्यालयों में 75 प्रतिशत बालिकाएं एससी- एसटी पिछड़ी जाति या अल्पसंख्यक वर्ग की पढ़ाई करती हैं. 2005-06 में इन विद्यालयों की स्थापना की गई थी. भारत में महिलाओं की शिक्षा की खराब स्थिति को देखते हुए कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की स्थापना की गई थी.