लखनऊ : कुकरैल रिवरफ्रंट डेवलपमेंट को लेकर अकबरनगर बस्ती को ध्वस्त करने की कार्रवाई फिलहाल कुछ दिनों के लिए टलती आ रही है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लखनऊ में 2 दिन के दौरे को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से व्यस्त है, ऐसे में या कार्रवाई अभी नहीं हो सकेगी. जिसकी वजह से यहां रहने वाले हजारों लोगों को फिलहाल राहत मिल रही है. इस बीच लखनऊ विकास प्राधिकरण ने यहां के विस्थापितों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के शिविर में पंजीकरण राशि आधी कर दी है.
सिर्फ 5,000 रुपये पंजीकरण धनराशि
अकबरनगर प्रथम और द्वितीय में कुकरैल नदी और बंधे के विस्थापितों को प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों का आवंटन कराने के लिए अब सिर्फ 5,000 रुपये पंजीकरण धनराशि जमा करनी होगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से विस्थापितों के लिए अकबरनगर में लगाए गए विशेष पंजीकरण शिविर में पहुंचे उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने लोगों की मांग पर पंजीकरण धनराशि घटाकर आधी कर दी है. इसके अलावा विस्थापितों को आवास और दुकान के लिए कई सहूलियतें दी गई हैं. रविवार को शिविर के दूसरे दिन 08 लोगों ने धनराशि जमा कराकर प्रधानमंत्री आवास के लिए पंजीकरण कराया.
विशेष पंजीकरण शिविर स्थापित
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि विस्थापितों को आवास के लिए पंजीकरण कराने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए अकबरनगर पुलिस चौकी के निकट ही विशेष पंजीकरण शिविर स्थापित किया गया है. यह शिविर दिनांक-09 से 11 दिसंबर तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगाया जा रहा है. बताया कि रविवार को भी कैम्प में भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने योजना व पंजीकरण के सम्बंध में जानकारी ली. इस दौरान 82 लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के फार्म लिए. जिसमें से अकबरनगर प्रथम की हसीन जहां, कुतुबुद्दीनबेग, लतीफ खान तथा अकबरनगर द्वितीय के मो. शफीक, मधु सोनकर, राम खिलावन, राजेश शिल्पकार एवं रमेश कुमार ने समस्त दस्तावेजों के साथ 5 हजार रुपये जमा कर आवास के लिए पंजीकरण कराया. इसके अलावा कैम्प में आए 21 विस्थापितों ने डूडा आसरा आवास योजना के लिए पंजीकरण कराया.
दस वर्षों तक देनी होगी किस्त
अपर सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों के लिए पंजीकरण धनराशि 10,000 रुपये थी, जिसे उपाध्यक्ष ने विस्थापितों की सहूलियत के लिए घटाकर 5,000 रूपये कर दिया है. शेष धनराशि 10 वर्षों की आसान किस्तों में देनी होगी. इसी तरह व्यावसायिक श्रेणी के विस्थापित एलडीए की विभिन्न योजनाओं में रिक्त दुकानों को एक या उससे अधिक संख्या में ले सकेंगे. जिसके लिए मात्र 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर दुकान का कब्जा दे दिया जाएगा, शेष धनराशि 10 वर्षों की आसान किस्तों में देनी होगी.
बताया कि विस्थापितों में जिनके परिवार बड़े हैं या फिर जो अधिक क्षेत्रफल के आवास लेना चाहते हैं वे कानपुर रोड, जानकीपुरम, शारदा नगर, प्रियदर्शिनी योजना समेत प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में रिक्त फ्लैटों को 15 प्रतिशत धनराशि के अग्रिम भुगतान पर ले सकेंगे. शेष रकम 10 साल की आसान किस्तों में देनी होगी. कैम्प में विशेष कार्याधिकारी डीके सिंह, श्रद्धा चौधरी, रविनंदन सिंह, रोहित सिंह व अधिशासी अभियंता संजीव कुमार गुप्ता समेत अन्य अधिकारी, अभियंता व कर्मचारी गण उपस्थित रहे.