लखनऊ: डिफेंस एकस्पो में भारत-अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों की कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मित्र अफ्रीकी देशों के साथ रक्षा जुड़ाव को अगले स्तर तक ले जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत के जुड़ाव का और ज्यादा विस्तार होगा'. यह विशेष रूप से रक्षा सहयोग पर एक साझेदारी होगी.
उन्होंने कहा कि इनमें आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने में सहयोग और आपसी क्षमताओं को मजबूत करना, हमारे साइबरस्पेस को सुरक्षित रखना और आगे बढ़ने और शांति बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र को सहायता प्रदान करना शामिल है.
12 देशों के रक्षा मंत्री थे शामिल
भारत-अफ्रीका के रक्षा मंत्रियों की कॉन्क्लेव में 12 देशों के रक्षा मंत्री और 38 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे. इस मौके पर रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और रक्षा मंत्रालय व विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय रक्षा विनिर्माण कंपनियां अब कारोबार में कुछ प्रमुख नामों के साथ साझेदारी कर रही हैं और उनकी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा हैं. रक्षा उद्योग के क्षेत्र में निवेश, रक्षा उपकरण, सॉफ्टवेयर, डिजिटल रक्षा, अनुसंधान एवं विकास में संयुक्त उद्यम, रक्षा उपकरण एवं स्पेयर्स मुहैया करवाने और उनका रखरखाव करने सहित रक्षा उद्योग के क्षेत्र में अत्यधिक सहयोग के लिए नई दिल्ली उम्मीद लगाए हुए है.
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में संभावनाएं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में भारतीय रक्षा उद्योग द्वारा की जा रही तेजी से प्रगति और रक्षा आर एंड डी (R&D) ने हमारे व्यवसाय को अगले स्तर पर ले जाने के लिए सहयोग की नई संभावनाएं खोल रखी हैं. भारत हमारे अफ्रीकी समकक्षों को ऑफशोर पेट्रोल वेसल (ओपीवी), फास्ट इंटरसेप्टर बोट, बॉडी और वाहन कवच, नाइट विजन गॉगल्स (एनवीजी), मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), डोर्नियर विमान और हथियार और गोला-बारूद प्रदान करने के लिए तैयार है. अफ्रीकी देशों द्वारा सामना की जाने वाली रक्षा की छोटी से छोटी जरूरतों और चुनौतियों के समाधानों के लिए डिफेंस एक्सेलेंस के लिए नवाचार (iDEX ) और मेक- II प्रापण प्रक्रिया जैसे भारत के अनुभव को साझा करने की पेशकश की.
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दोनों देशों के लिए सुरक्षा समान हित का विषय
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि अफ्रीका के साथ हमारी साझेदारी एक खुली साझेदारी है, जिसमें हमारी ओर से सहयोग के लिए सभी संभावनाओं की खुली सहमति है और आप अपनी प्राथमिकताओं तथा आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के लिए सागर (सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास) सहित अफ्रीकी दृष्टिकोण के साथ भारत हमारे समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को गहरा करना चाहता है. भारत और अफ्रीका दोनों के लिए इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा समान हित का विषय है. सरकार ने भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए सागर (सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास) के माद्यम से अत्यधिक बल दिया है.