लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को लखनऊ इंटेलेक्चुअल फाउंडेशन के कार्यक्रम में कहा कि कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से देश की आर्थिक स्थिति वहां तक नहीं पहुंच पाई, जहां जाने की उम्मीद थी. बात केवल भारत की नहीं है, अमेरिका भी पिछले 40 साल की अभूतपूर्व महंगाई का सामना कर रहा है. इसके बावजूद भारत ने अच्छा काम किया है. दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई आर्थिक विशेषज्ञों ने भारत की आर्थिक नीतियों की तारीफ की है. भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब अलग पहचान रखता है. उन्होंने कहा कि हमारा सम्मान बढ़ा है.
निराला नगर स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे लिए भाषण देना लगभग रोज का काम है. मैं यहां भाषण तैयार करके आया था. लेकिन, मैं अब तैयार स्पीच पर नहीं बोलूंगा. मैं जानता हूं कि यह कोई नहीं सकता है कि हमने समग्र विकास किया है. मैं इतना कह सकता हूं कि मैंने ईमानदारी से काम किया. 104 किमी. की आउटर रिंग रोड का निर्माण चल रहा है. काम धीमा है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अफसरों को फटकारा है. 104 किमी. की रिंग रोड 65 किमी. बन चुकी है. इससे यातायात की परेशानी कम हो जाएगी. छह फ्लाईओवर बन गए हैं. पांच स्वीकृत हो गए हैं. रेलवे स्टेशन का काम भी ठीक होगा. उन्होंने कहा कि गोमतीनगर में काम चल रहा है. रेलवे की लैंड खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार से जनता खुश है, इसलिए दोबारा जनता ने चुना है. जबकि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभाली है तब से माहौल बदला है. पहले भारत को गम्भीरता से नहीं लिया जाता था. अब भारत को पूरी गम्भीरता से लिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन-साढ़े तीन घंटे ही सोते हैं. भारत की रक्षा क्षमता बढ़ी है. भारत की आर्थिक ताकत भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अभी भारत छठे स्थान पर हैं. भारत 10 साल में दुनिया की टॉप थ्री इकॉनमी में शामिल होगा. महंगाई की बात करें तो अमेरिका में 40 साल में इतनी महंगाई नहीं हुई है. यह सब कोरोना और युक्रेन की लड़ाई की वजह से हुआ है.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिस्टम में बदलाव लाकर भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकती है. इस बार इंडो-चाइना स्टैंड ऑफ में भारत ने अपनी ताकत का संदेश पूरी दुनिया को दिया है. पहले हर सामान दुनिया के दूसरे देश से मंगाते थे. हम रक्षा में भारत को आत्मनिर्भर बना रहे हैं. 309 आइटम घोषित किए हैं. ये सारे हथियार भारत की धरती पर बनाएंगे. हम विदेशियों से भारत में बनवाएंगे. उन्होंने कहा कि 68 फीसदी बजट देसी रक्षा उद्योग पर खर्च होगा. प्राइवेट इंडस्ट्री को मदद देंगे.
इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार ने बताया कि पूरे देश में हमको 29वीं रैंक मिली है. हमने अनेक कार्यक्रमों में सहयोग किया. वरिष्ठ साहित्यकार विद्या बिंदु सिंह ने कहा कि लोक विरासत को एक विषय के तौर पर पढ़ाया जाए. विश्वविद्यालय में अलग से सृजनपीठ बने. उन्होंने कहा कि लखनऊ का नाम लक्ष्मणपुरी किया जाए.
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