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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- कार्यकर्ताओं से मेरा आत्मीय रिश्ता, दूर रहने से होती है पीड़ा - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) आज लखनऊ में आयोजित संवाद कार्यक्रम (Samvad Program In Lucknow) में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं से उनका आत्मीय रिश्ता है. कहा कि उनसे दूर रहने से पीड़ा होती है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 9:28 PM IST

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कार्यकर्ताओ से कहा कि जहां आप बैठे हैं, वहीं से उठकर मैं गया हूं. मैं भी संगठन में जिला अध्यक्ष, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष, युवा मोर्चा राष्ट्रीय महासचिव और दो बार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहा हूं. इसलिए मैं अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलूंगा. आपके ही रूप में मैंने भी कार्य किया है. वहीं, कार्यकर्ताओं ने भी अपनी भावनाओं और आवश्यकताओं को रक्षा मंत्री के सामने प्रकट किया.

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप ही बताइए जो व्यक्ति अपनी जड़ों को भूल जाएगा तो क्या खड़ा रह पाएगा? मैं जानता हूं कि यदि मैं आपसे कट जाऊंगा तो मेरा अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा. प्रत्यक्ष रूप से भले ही आपसे भेंट न हो पाए. लेकिन, मन से और भावनात्मक रूप से मैं सदैव अपने कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ा हूं. उन्होंने कहा कि यदि किसी समान कार्यकर्ता का भी टेलीफोन दिल्ली गया तो सदैव बात की है. सामान्य लोगों का भी यदि टेलीफोन पहुंचता है तो बात अवश्य करने का प्रयास करता हूं. ऐसा किसी मजबूरी में नहीं करता, बल्कि उनसे बात करने में आनंद की अनुभूति होती है. रात में खाना खाने के बाद लिस्ट मांगता हूं कि दिनभर में किनका फोन आया. उसमें गवर्नर, चीफ मिनिस्टर, मंत्री, विधायकों और कार्यकर्ताओं के भी फोन आते हैं. लेकिन, सबसे भले ही बात ना कर पाऊं. लेकिन, कार्यकर्ता से अवश्य बात करता हूं.

कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ता
कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ता

उन्होंने कहा कि वे लोगों को बताना चाहते हैं कि जिस दिन भी आप महसूस करेंगे कि वे आप लोगों से दूर हैं तो मुझे बहुत पीड़ा महसूस होगी और ऐसी सांसदी कभी नहीं करना चाहूंगा. पूरी भारतीय जनता पार्टी कर्मठ कार्यकर्ताओं के दम पर खड़ी है और इस हकीकत को तहे दिल से मानता हूं. हो सकता है कि मिलने पर चेहरे से पहचानने के बावजूद किसी का नाम एकदम से याद ना आए. लेकिन, यह कभी नहीं होगा कि कोई अपनी बात करना चाहे या जो समस्या रखना चाहे तो वे उस पर ध्यान नहीं दें, ऐसा कभी भी नहीं होगा. दिल्ली में भी प्रतिदिन 10 से 15 लखनऊ से पहुंचे लोगों से अवश्य मिलता हूं. भले ही किसी दूसरे राज्यों के वरिष्ठ नेताओं से न मिल पाऊं. लेकिन, लखनऊ का कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे और उससे ना मिलूं ऐसा नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी उन्होंने कहा था कि बूथों का गठन होना चाहिए. उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी बूथ का गठन हुआ और पूरे देश में बूथ संगठन का कार्य आरंभ हुआ. सबसे पहले गुजरात में नरेंद्र मोदी ने इस कार्य को प्रारंभ किया था और गुजरात में भी उस समय उनके कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए वे गए थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि पार्टी यदि आज एक वृहद वृक्ष का रूप बनकर खड़ी हुई है तो उसके वट वृक्ष बनने में खाद और पानी की भूमिका कोई निभा सकता है तो वह जड़ में कार्य करने वाला कार्यकर्ता ही कर सकता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ ने राजधानी के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि लखनऊ में जो विकास हुआ है, परमात्मा ने शक्ति दी है. इसीलिए सब संभव हुआ है और यह लखनऊ के लोगों का भाग्य था. परमात्मा की इच्छा थी तो सभी को ओवरब्रिज और सड़के इतनी बड़ी मात्रा में मिलीं. लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनेगी ऐसी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन, अब दुनिया के दूसरे देशों को ब्रह्मोस मिसाइल का एक्सपोर्ट होगा. इससे बहुत लोगों को रोजगार मिलेगा. 2026-27 तक ब्रह्मेस्त्र पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: सेना दिवस: शौर्य, पराक्रम और साहस को मिला वीरता पुरस्कार, जवानों ने दिखाए हैरतअंगेज कारनामे

यह भी पढ़ें: भारतीय सेना का है गौरवशाली इतिहास, जानें सेना के लिए क्यों खास है 15 जनवरी का दिन

लखनऊ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कार्यकर्ताओ से कहा कि जहां आप बैठे हैं, वहीं से उठकर मैं गया हूं. मैं भी संगठन में जिला अध्यक्ष, प्रदेश युवा मोर्चा अध्यक्ष, युवा मोर्चा राष्ट्रीय महासचिव और दो बार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष रहा हूं. इसलिए मैं अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलूंगा. आपके ही रूप में मैंने भी कार्य किया है. वहीं, कार्यकर्ताओं ने भी अपनी भावनाओं और आवश्यकताओं को रक्षा मंत्री के सामने प्रकट किया.

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आप ही बताइए जो व्यक्ति अपनी जड़ों को भूल जाएगा तो क्या खड़ा रह पाएगा? मैं जानता हूं कि यदि मैं आपसे कट जाऊंगा तो मेरा अस्तित्व भी संकट में पड़ जाएगा. प्रत्यक्ष रूप से भले ही आपसे भेंट न हो पाए. लेकिन, मन से और भावनात्मक रूप से मैं सदैव अपने कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ा हूं. उन्होंने कहा कि यदि किसी समान कार्यकर्ता का भी टेलीफोन दिल्ली गया तो सदैव बात की है. सामान्य लोगों का भी यदि टेलीफोन पहुंचता है तो बात अवश्य करने का प्रयास करता हूं. ऐसा किसी मजबूरी में नहीं करता, बल्कि उनसे बात करने में आनंद की अनुभूति होती है. रात में खाना खाने के बाद लिस्ट मांगता हूं कि दिनभर में किनका फोन आया. उसमें गवर्नर, चीफ मिनिस्टर, मंत्री, विधायकों और कार्यकर्ताओं के भी फोन आते हैं. लेकिन, सबसे भले ही बात ना कर पाऊं. लेकिन, कार्यकर्ता से अवश्य बात करता हूं.

कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ता
कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ता

उन्होंने कहा कि वे लोगों को बताना चाहते हैं कि जिस दिन भी आप महसूस करेंगे कि वे आप लोगों से दूर हैं तो मुझे बहुत पीड़ा महसूस होगी और ऐसी सांसदी कभी नहीं करना चाहूंगा. पूरी भारतीय जनता पार्टी कर्मठ कार्यकर्ताओं के दम पर खड़ी है और इस हकीकत को तहे दिल से मानता हूं. हो सकता है कि मिलने पर चेहरे से पहचानने के बावजूद किसी का नाम एकदम से याद ना आए. लेकिन, यह कभी नहीं होगा कि कोई अपनी बात करना चाहे या जो समस्या रखना चाहे तो वे उस पर ध्यान नहीं दें, ऐसा कभी भी नहीं होगा. दिल्ली में भी प्रतिदिन 10 से 15 लखनऊ से पहुंचे लोगों से अवश्य मिलता हूं. भले ही किसी दूसरे राज्यों के वरिष्ठ नेताओं से न मिल पाऊं. लेकिन, लखनऊ का कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचे और उससे ना मिलूं ऐसा नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी उन्होंने कहा था कि बूथों का गठन होना चाहिए. उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी बूथ का गठन हुआ और पूरे देश में बूथ संगठन का कार्य आरंभ हुआ. सबसे पहले गुजरात में नरेंद्र मोदी ने इस कार्य को प्रारंभ किया था और गुजरात में भी उस समय उनके कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए वे गए थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि पार्टी यदि आज एक वृहद वृक्ष का रूप बनकर खड़ी हुई है तो उसके वट वृक्ष बनने में खाद और पानी की भूमिका कोई निभा सकता है तो वह जड़ में कार्य करने वाला कार्यकर्ता ही कर सकता है.

रक्षा मंत्री राजनाथ ने राजधानी के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि लखनऊ में जो विकास हुआ है, परमात्मा ने शक्ति दी है. इसीलिए सब संभव हुआ है और यह लखनऊ के लोगों का भाग्य था. परमात्मा की इच्छा थी तो सभी को ओवरब्रिज और सड़के इतनी बड़ी मात्रा में मिलीं. लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनेगी ऐसी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन, अब दुनिया के दूसरे देशों को ब्रह्मोस मिसाइल का एक्सपोर्ट होगा. इससे बहुत लोगों को रोजगार मिलेगा. 2026-27 तक ब्रह्मेस्त्र पूरी तरह से तैयार होने की उम्मीद है.

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