ETV Bharat / state

तेजी से चल रहा डिफेंस कॉरिडोर का काम, जानिए कब शुरू होगा उत्पादन

प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का काम जोर-शोर से चल रहा है. अब तक यूपीडा से कुल 93 कंपनियां एमओयू कर चुकी हैं. इससे 11256 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. 30 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, जिनमें 27 को मौके पर कब्जा भी दे दिया गया है.

डिफेंस कॉरिडोर
डिफेंस कॉरिडोर
author img

By

Published : Aug 24, 2022, 9:33 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का काम जोर-शोर से चल रहा है. अब तक यूपीडा से कुल 93 कंपनियां एमओयू कर चुकी हैं. इससे 11256 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. 30 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, जिनमें 27 को मौके पर कब्जा भी दे दिया गया है. डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के सिलसिले में पांच फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया था. इस आयोजन में 70 देशों की रक्षा उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी करीब 1029 कंपनियों ने भाग लिया था. इसमें 172 कंपनियां विदेश की थीं. उस समय 22 एमओयू पर दस्तखत हुए थे. इसी वजह से उस समय इसे देश का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सिबिशन प्लेटफॉर्म माना गया था. यही नहीं इसकी तुलना वैश्विक स्तर पर भी उच्च कोटि में की गई थी. बाद में यूपीडीआईसी ने 2021 में एयरो इंडिया 2021 में भाग लिया था. उस आयोजन में रक्षा उपकरणों से जुड़ी 17 कंपनियों ने यूपीडा के साथ एमओयू पर दस्तखत हुए थे.


देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण होने लगेगा. शुरू में सौ से अधिक मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया गया है. पांच से सात साल में नौ सौ करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का लक्ष्य है. इस बाबत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और रसियन कंपनी एनपीओएम के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरटेकिंग (एमओयू) हो चुका है. यह कंपनियां शुरू में तीन सौ करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. इसके लिए कॉरिडोर के लखनऊ नोड में आस्सी एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. 26 दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास भी हो चुका है.


डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को गति मिले. इसमें निवेश करने वालों को पूंजी की दिक्कत न आए इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिडबी, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से एमओयू कर चुका है.


डिफेंस कॉरिडोर में कुल छह (झांसी, चित्रकूट,कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ और आगरा) नोड्स हैं. इकाई लगाने वालों के लिए अब तक करीब 1643 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जा चुकी है. इसमें से करीब 1600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है. निवेश के लिए कुल 93 एमओयू भी हो चुके हैं. इसमें से 72 इंडस्ट्रियल इकाइयों से और 21 संस्थाओं के साथ किए गए हैं. सर्वाधिक 35 एमओयू अलीगढ़ नोड्स के लिए हुए हैं. लखनऊ, कानपुर, झांसी और आगरा नोड्स के लिए क्रमशः 15, 12, 9 और दो एमओयू हुए हैं.

यह भी पढ़ें : देश की पहली लेडी डाॅन जिससे कांपते थे देश के बड़े बड़े व्यापारी, जानिये अनसुनी कहानी

इस संबंध में यूपीडा के विशेष कार्याधिकारी दुर्गेश उपाध्याय बताते हैं कि पूर्व घोषित उत्तर प्रदेश डिफेंस एंड एयरोस्पेस एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन पॉलिसी के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में निवेशकों के हित में और भी कई नीतिगत बदलाव किए हैं. यह सभी बदलाव यूपीडा की वेब साईट पर उपलब्ध हैं. यकीनन इन बदलावों से डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए और निवेशक आकर्षित होंगे.

लखनऊ : प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर का काम जोर-शोर से चल रहा है. अब तक यूपीडा से कुल 93 कंपनियां एमओयू कर चुकी हैं. इससे 11256 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. 30 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है, जिनमें 27 को मौके पर कब्जा भी दे दिया गया है. डिफेंस कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के सिलसिले में पांच फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया था. इस आयोजन में 70 देशों की रक्षा उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी करीब 1029 कंपनियों ने भाग लिया था. इसमें 172 कंपनियां विदेश की थीं. उस समय 22 एमओयू पर दस्तखत हुए थे. इसी वजह से उस समय इसे देश का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सिबिशन प्लेटफॉर्म माना गया था. यही नहीं इसकी तुलना वैश्विक स्तर पर भी उच्च कोटि में की गई थी. बाद में यूपीडीआईसी ने 2021 में एयरो इंडिया 2021 में भाग लिया था. उस आयोजन में रक्षा उपकरणों से जुड़ी 17 कंपनियों ने यूपीडा के साथ एमओयू पर दस्तखत हुए थे.


देश के दूसरे डिफेंस कॉरिडोर में अगले तीन साल में अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्माण होने लगेगा. शुरू में सौ से अधिक मिसाइलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया गया है. पांच से सात साल में नौ सौ करोड़ रुपये की मिसाइलों के उत्पादन का लक्ष्य है. इस बाबत डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और रसियन कंपनी एनपीओएम के बीच मेमोरंडम ऑफ अंडरटेकिंग (एमओयू) हो चुका है. यह कंपनियां शुरू में तीन सौ करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. इसके लिए कॉरिडोर के लखनऊ नोड में आस्सी एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. 26 दिसंबर 2021 को इसका शिलान्यास भी हो चुका है.


डिफेंस कॉरिडोर परियोजना को गति मिले. इसमें निवेश करने वालों को पूंजी की दिक्कत न आए इसके लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सिडबी, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से एमओयू कर चुका है.


डिफेंस कॉरिडोर में कुल छह (झांसी, चित्रकूट,कानपुर, अलीगढ़, लखनऊ और आगरा) नोड्स हैं. इकाई लगाने वालों के लिए अब तक करीब 1643 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जा चुकी है. इसमें से करीब 1600 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हो चुका है. निवेश के लिए कुल 93 एमओयू भी हो चुके हैं. इसमें से 72 इंडस्ट्रियल इकाइयों से और 21 संस्थाओं के साथ किए गए हैं. सर्वाधिक 35 एमओयू अलीगढ़ नोड्स के लिए हुए हैं. लखनऊ, कानपुर, झांसी और आगरा नोड्स के लिए क्रमशः 15, 12, 9 और दो एमओयू हुए हैं.

यह भी पढ़ें : देश की पहली लेडी डाॅन जिससे कांपते थे देश के बड़े बड़े व्यापारी, जानिये अनसुनी कहानी

इस संबंध में यूपीडा के विशेष कार्याधिकारी दुर्गेश उपाध्याय बताते हैं कि पूर्व घोषित उत्तर प्रदेश डिफेंस एंड एयरोस्पेस एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन पॉलिसी के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में निवेशकों के हित में और भी कई नीतिगत बदलाव किए हैं. यह सभी बदलाव यूपीडा की वेब साईट पर उपलब्ध हैं. यकीनन इन बदलावों से डिफेंस कॉरिडोर में निवेश के लिए और निवेशक आकर्षित होंगे.

यह भी पढ़ें : अब बिना वर्दी पहने किया बस संचालन तो लगेगा जुर्माना, चालक परिचालक को मिले 1800 रुपए

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.