लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ संकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर की महत्वपूर्ण भूमिका है. यह काॅरिडोर रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर एक ग्रीन-फील्ड परियोजना है.
यह परियोजना डिफेंस तथा एयरोस्पेस उद्योग के लिए ही नहीं अपितु परियोजना क्षेत्र में स्थापित, रक्षा क्षेत्र से संबंध न रखने वाली एमएसएमई इकाइयों तथा स्टार्टअप के लिए भी लाभकारी होगी.
मुख्यमंत्री बुधवार को सीआईआई-इंडिजेनाइजेशन समिट ऑन डिफेंस एंड एयरोस्पेस -2021 (CII-Indigenization Summit on Defense and Aerospace-2021) को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने विश्वास जताया कि इस समिट के माध्यम से ऐसे उपयोगी सुझाव प्राप्त होंगे जो प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में उपयोगी सिद्ध होंगे.
प्रधानमंत्री के विकास माॅडल को पूरी प्रतिबद्धता से किया लागू
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के विकास के माॅडल को पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया. विगत 4 वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री की प्रेरणा व मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने जो पहल की, उसने देश व दुनिया में उत्तर प्रदेश के संबंध में लोगों की धारणा में परिवर्तन किया है. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेंस नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में देश में 02 डिफेंस काॅरिडोर स्थापित किए जाने की घोषणा की गयी थी. फरवरी, 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश इंवेस्टर्स समिट’ का शुभारम्भ किया गया था. इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर की स्थापना की घोषणा की गयी थी. इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से 03 लाख करोड़ के एमओयू क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.
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आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 6 नोड चिंहित
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर तथा लखनऊ में 06 नोड चिंहित किए गए हैं. सभी 06 नोड्स में लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है. इस परियोजना के प्रति निवेशकों एवं उद्यमियों के उत्साह को देखते हुए निर्देश दिए गए कि जहां पर भूमि की मांग अधिक है, वहां भूमि क्रय की जाए.
अलीगढ़ नोड में सड़क, बिजली एवं पानी की सुविधा विकसित करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. अलीगढ़ नोड में लगभग 74 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गयी है. इसका लगभग पूर्ण रूप से आवंटन 19 इकाइयों में हो चुका है. इनके माध्यम से कुल 1500 करोड़ रुपये का निवेश संभावित है. अलीगढ़ नोड का शिलान्यास अगस्त, 2021 में प्रस्तावित है.
एमएसएमई सेक्टर में लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है. राज्य में एमएसएमई सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत हैं. राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना लागू की गई है.
इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं. वर्तमान सरकार द्वारा बैंकों से समन्वय करते हुए अब तक 70 लाख 69 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 02 लाख 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि का ऋण उपलब्ध कराया गया है.
50 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू हुए थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफेंस एक्सपो के आयोजन से रक्षा उद्योग व एयरोस्पेस सेक्टर में उत्तर प्रदेश में भारी निवेश को बल मिला. उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल काॅरिडोर के तहत अभी तक 41 अनुबंध किए गए हैं. इनमें से 23 निवेशक कंपनियों के साथ 50 हजार करोड़ के निवेश के एमओयू डिफेंस एक्सपो-2020 के दौरान हस्ताक्षरित हुए. भारत सरकार के उपक्रम ओएफबी, एचएएल तथा बीईएल द्वारा आने वाले 05 वर्षाें में 2,317 करोड़ के निवेश की उद्घोषणा की गयी है. ओएफबी तथा एचएएल द्वारा लगभग 820 करोड़ का निवेश किया जा चुका है. इसके अलावा, निजी कंपनियों का निवेश भी चल रहा है.
राज्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 5 हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं. जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में इसकी संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी. प्रदेश में वर्ष 2017 में मात्र 04 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे तथा कुल 25 गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे.
वर्तमान में 08 एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं जिनसे कुल 71 गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. ‘उड़ान योजना’ के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है.
20 हजार करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ डाटा सेंटर नीति घोषित
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल खंड की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने अनेक नई नीतियां घोषित की हैं. प्रदेश में 250 मेगावाॅट क्षमता के डाटा सेंटर उद्योग में 20,000 करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ डाटा सेंटर नीति-2021 घोषित की गई है.
इसी प्रकार, गैर-आईटी आधारित स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई स्टार्ट अप नीति-2020 घोषित की है. इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डेवलपमेंट एंड मेंटेनेंस व कंपोनेंट निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई इलेक्ट्राॅनिक नीति-2020 के अंतर्गत नवीनीकृत प्लांट और मशीनरी पर स्थिर पूंजीगत निवेश के 40 प्रतिशत तक प्रोत्साहन प्रदान करने जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए हैं.
समिट को अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी, एसआईडीएम के प्रेसिडेंट जयंत पाटिल, एसआईडीएम यूपी चैप्टर के चेयरमैन सचिन अग्रवाल, सीआईआई नाॅर्दर्न रीजन कमेटी ऑन डिफेंस एंड एयरोस्पेस के चेयरमैन मनोज गुप्ता एवं को-चेयरमैन अमिता सेठी ने भी संबोधित किया.