लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मंदिर में पूजा-अर्चना करने गई महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लापरवाही के आरोप में उघैती थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है. अब इस घटना की जांच प्रशासन ने यूपी एसटीएफ को देने की बात कही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सामने आए तथ्यों से सभी स्तब्ध हैं. विवाहिता के साथ निर्भया जैसी हैवानियत की गई है. इस घटना को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों में से दो लोगों को मंगलवार रात गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके बाद भी सबसे बड़ा सवाल ये है कि सरकार के पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं और वह पूरी तरह से सक्षम भी है, इसके बाद भी वह महिलाओं की सुरक्षा में हर स्तर पर असफल क्यों हो रही है. महिलाओं के साथ इतनी हैवानियत तब हो रही है, जबकि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगभग हर रोज महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करते हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य पुलिस से तत्काल में दखल देने को कहा है. आयोग ने यह भी कहा है कि वह अपनी एक सदस्य को घटना की जांच के लिए भेजेगा. महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को तत्काल दखल देने के लिए पत्र लिखा.
इस मामले में विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में खोट है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि, हाथरस में सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी. सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया. बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी. घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया. महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में खोट है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि भाजपा सरकार का कुशासन अपराधियों की ढाल न बने. उन्होंने कहा कि बदायूं में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद हैवानियत और दरिंदगी का जो वीभत्स रूप पोस्टमार्टम में सामने आया है, वो दिल दहलानेवाला है.