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यूपी में बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सुनवाई की तिथियां जारी, नियामक आयोग की यह है तैयारी

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Published : Mar 24, 2023, 10:21 AM IST

बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर सुनवाई को लेकर तिथि जारी कर दी गई है. नियामक आयोग 10, 21, 27 व 28 अप्रैल सुनवाई करेगा. सुनवाई बनारस, लखनऊ, आगरा और ग्रेटर नोएडा में होगी.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आम जनता की सुनवाई की तिथियां जारी हो गई हैं. नियामक आयोग बिजली दरों में बढ़ोतरी पर 10 अप्रैल को बनारस, 21 अप्रैल को लखनऊ, 27 अप्रैल को आगरा और 28 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा में सुनवाई करेगा. प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2023-24 व बिजली दर प्रस्ताव पर सुनवाई की बात सामने आते ही उपभोक्ता परिषद ने किसी भी हालत में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं होने देने की बात कही है.



उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं की बिजली दरों में लगभग 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया है, जिसकी विधिवत सुनवाई 10 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चलेगी. पहले चरण में 10 अप्रैल को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुबह 11 बजकर 30 मिनट कमिश्नर ऑफिस ऑडिटोरियम बनारस में होगी. दूसरी सुनवाई मध्यांचल और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की 28 अप्रैल को गोमती नगर में विद्युत नियामक आयोग सभागार में बुलाई गई है. तीसरी सुनवाई दक्षिणांचल और केस्को की 27 अप्रैल को 11 बजकर 30 मिनट पर ही आगरा के राव कृष्ण पाल सिंह ऑडिटोरियम में बुलाई गई है. अंतिम सुनवाई पश्चिमांचल व नोएडा पावर कंपनी की 11 बजकर 30 मिनट पर गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में होगी. सुनवाई की तिथि की घोषणा विद्युत नियामक आयोग से जारी होने के बाद उपभोक्ता परिषद ने पूरी तैयारी के साथ सुनवाई में हिस्सा लेने की बात कही है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'इस बार बिजली कंपनियों की बढ़ोतरी प्रस्ताव की सुनवाई में स्वयं भाग लेकर सभी की पोल खोलेंगे. वहां पर यह बताएंगे कि बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल प्रस्ताव पूरी तरह असंवैधानिक है. देश का कोई भी कानून इस बात की इजाजत नहीं देता कि जिस राज्य में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड़ रुपए सरप्लस निकल रहा है, ऐसे में उस राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव दाखिल ही नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद बिजली कंपनियों ने बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव दाखिल किया है, उसका विधिक तथ्यों के आधार पर पुरजोर विरोध किया जाएगा.'



उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के अपने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह हर सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध करे.

यह भी पढ़ें : Lucknow News : झगड़े के दौरान पत्नी पर बेलन से हमलाकर मौत के घाट उतारा, खुदकुशी साबित करने के लिए रची थी साजिश

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आम जनता की सुनवाई की तिथियां जारी हो गई हैं. नियामक आयोग बिजली दरों में बढ़ोतरी पर 10 अप्रैल को बनारस, 21 अप्रैल को लखनऊ, 27 अप्रैल को आगरा और 28 अप्रैल को ग्रेटर नोएडा में सुनवाई करेगा. प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता वर्ष 2023-24 व बिजली दर प्रस्ताव पर सुनवाई की बात सामने आते ही उपभोक्ता परिषद ने किसी भी हालत में बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं होने देने की बात कही है.



उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं की बिजली दरों में लगभग 18 से 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया है, जिसकी विधिवत सुनवाई 10 अप्रैल से शुरू होकर 28 अप्रैल तक चलेगी. पहले चरण में 10 अप्रैल को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुबह 11 बजकर 30 मिनट कमिश्नर ऑफिस ऑडिटोरियम बनारस में होगी. दूसरी सुनवाई मध्यांचल और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन की 28 अप्रैल को गोमती नगर में विद्युत नियामक आयोग सभागार में बुलाई गई है. तीसरी सुनवाई दक्षिणांचल और केस्को की 27 अप्रैल को 11 बजकर 30 मिनट पर ही आगरा के राव कृष्ण पाल सिंह ऑडिटोरियम में बुलाई गई है. अंतिम सुनवाई पश्चिमांचल व नोएडा पावर कंपनी की 11 बजकर 30 मिनट पर गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में होगी. सुनवाई की तिथि की घोषणा विद्युत नियामक आयोग से जारी होने के बाद उपभोक्ता परिषद ने पूरी तैयारी के साथ सुनवाई में हिस्सा लेने की बात कही है.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 'इस बार बिजली कंपनियों की बढ़ोतरी प्रस्ताव की सुनवाई में स्वयं भाग लेकर सभी की पोल खोलेंगे. वहां पर यह बताएंगे कि बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल प्रस्ताव पूरी तरह असंवैधानिक है. देश का कोई भी कानून इस बात की इजाजत नहीं देता कि जिस राज्य में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का ही बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड़ रुपए सरप्लस निकल रहा है, ऐसे में उस राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव दाखिल ही नहीं किया जा सकता. इसके बावजूद बिजली कंपनियों ने बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव दाखिल किया है, उसका विधिक तथ्यों के आधार पर पुरजोर विरोध किया जाएगा.'



उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश के अपने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह हर सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध करे.

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