लखनऊ: यूपी की स्टेट मेडिकल फैकल्टी में पंजीकरण नंबरों में धांधली चल रही है. यहां के कर्मचारी-दलालों का गुपचुप लंबा रैकेट चल रहा है. आरोप है कि वह मानकों को पूरा करने के लिए नर्सिंग कॉलेजों-अस्पतालों को पंजीकरण बेचने का धंधा कर रहे हैं. ऐसे में कोर्स पूरा कर घर पर बैठे अभ्यर्थियों को भी कागजों पर नौकरी में दर्शाया जा रहा है. लिहाजा, एक छात्र ने भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ की लिखित शिकायत की है.
ये है पूरी शिकायत
राजधानी निवासी मुहम्मद आकिब अंसारी ने नर्सिंग का कोर्स किया है. आकिब के मुताबिक 14 दिसंबर 2018 को उनका स्टेट मेडिकल फैकल्टी के नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण हुआ. इसका नंबर काउंसिल द्वारा 70662 जारी किया गया. इसके बाद 2020 मई तक शहर के निजी अस्पतालों में काम किया. जुलाई 2020 से वह किसी अस्पताल में नौकरी नहीं कर रहा है. ऐसे में जून में उसने घर में काउंसिल की वेबसाइट चेक की. इस पर सर्विस स्टेट्स में उसको मथुरा के निजी अस्पताल में नौकरी पर दिखाया गया. आकिब के मुताबिक उसने मथुरा में कभी नौकरी नहीं की. आकिब का आरोप है कि दलाल-विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से पैसा लेकर पंजीकरण नंबर बेचा गया है. यह भविष्य के साथ खिलवाड़ है. वेबसाइट पर से निजी अस्पताल से पंजीकरण का लिंक हटाया जाए. पीड़ित ने मामले की लिखित शिकायत काउंसिल में की है.
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क्या कहते हैं अफसर
स्टेट मेडिकल फैकल्टी के सचिव डॉ एके सिंह से बात की कोशिश की गई, तो फोन रिसीव नहीं हुआ. वहीं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सुनीता मलिक ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. उसकी पड़ताल कराई जा रही है.