लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों ने कॉस्ट डाटाबुक के विपरीत उपभोक्ताओं से 100 करोड़ से ज्यादा की वसूली की. इस मामले में उपभोक्ता परिषद की याचिका पर जहां मध्यांचल, पश्चिमांचल, पूर्वांचल व केस्को के संबंध में छह दिसंबर को सुनवाई होनी है, वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के मामले में प्रबंध निदेशक अमित किशोर मंगलवार को नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य बीके श्रीवास्तव के सामने कोर्ट रूम में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. इस दौरान उन्होंने एक शपथ पत्र दाखिल किया और उपभोक्ताओं से अधिक की गई वसूली पर लिखित माफी मांगी.
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अंतर्गत अनेकों जनपदों में अधिक वसूली की गई. इसी क्रम में प्रबंध निदेशक ने कुल 118 विद्युत उपभोक्ताओं से की गई ज्यादा वसूली के मद में 24 लाख 43 हजार 25 रुपये उपभोक्ताओं को चेक के माध्यम से वापस करने का पूरा विस्तृत विवरण सौंपा. यह भी ब्यौरा दिया कि दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने किस उपभोक्ता को कितनी धनराशि किस चेक से वापस की है. उन्होंने थोड़ा और समय मांगते हुए सभी विद्युत उपभोक्ताओं की धनराशि को जल्द से जल्द वापस करने का भरोसा दिलाया. दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अमित किशोर की मांग को मानते हुए आयोग चेयरमैन ने उन्हें पांच जनवरी तक का और समय दिया. कहा जिन भी उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई उसे वापस करके आयोग के सामने पूरा ब्यौरा पेश करें. अब इस मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी.
बता दें कि सबसे पहले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने कहा था कि उनके क्षेत्र में उपभोक्ताओं से कोई भी अधिक वसूली नहीं की गई है. जब उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया तो एक नवंबर की सुनवाई में आयोग के सामने पेश होकर कहा कि केवल मैनपुरी में 12 उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई है और वह कुल धनराशि 40802 है, फिर जब उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया तो अब दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने एक अलग शपथ पत्र आयोग के सामने पेश किया जो उपभोक्ता परिषद की बात को सिद्ध करता है कि जैसे-जैसे कार्रवाई आगे बढे़गी, उपभोक्ताओं से अधिक वसूल की गई राशि बढ़ती रहेगी. सभी कंपनियों की वसूली 100 करोड़ तक निश्चित रूप से जाएगी.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सुनवाई में प्रदेश के उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए सबसे पहले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की तरफ से गलती मानते हुए विद्युत उपभोक्ताओं से की गई अधिक वसूली की आंशिक धनराशि को वापस करने की कार्रवाई शुरू करने को उचित कदम बताया. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द जिन भी उपभोक्ताओं से अधिक वसूली की गई है उनको धनराशि वापस की जाए.
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