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राजधानी के सरकारी स्कूल में शुरू हुआ 'साइबर सिक्योरिटी सेल', दी जा रही ये जानकारी

साइबर ठगों से बचाने के लिए सरकारी स्कूल में बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दी जा रही है. राजधानी के अमीनाबाद इंटर काॅलेज में 'साइबर सिक्योरिटी सेल' शुरू की गई है.

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Published : Apr 12, 2023, 4:35 PM IST

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ का अमीनाबाद इंटर कॉलेज पहला इंटर कॉलेज बना है, जहां पर बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी हुई चीजों के बारे में जानकारी दी जा रही है. विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से मौजूदा समय में साइबर अपराध की बढ़ रही समस्या को देखते हुए स्कूल में विस्थापित कंप्यूटर लैब में साइबर सिक्योरिटी सेल की स्थापना की है, जिसकी जिम्मेदारी कंप्यूटर लैब में कार्य कर रहे शिक्षक व सहायक को सौंपी है. नगर निगम की ओर से संचालित होने वाले अमीनाबाद इंटर कॉलेज में इस साल से छात्रों को साइबर फ्रॉड, साइबर क्राइम, साइबर सुरक्षा और उससे जुड़ी तकनीकी व दूसरे पहलुओं की जानकारी दी जा रही है.

ग्राफिक्स
ग्राफिक्स

विद्यालय के प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा ने बताया कि 'साइबर सिक्योरिटी सेल' के माध्यम से छात्रों को साइबर की दुनिया से जुड़ी अच्छी और बुरी चीजों के बारे में अवगत कराने के लिए इसकी शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि साइबर सिक्योरिटी सेल शुरू करने वाला हमारा विद्यालय राजधानी का न केवल पहला बल्कि प्रदेश का पहला सरकारी विद्यालय है. इस साल के माध्यम से हम विद्यार्थियों को साइबर फ्राॅड से बचने के तरीकों के बारे में अवगत कराने के साथ ही समाज में लोगों को कैसे जागरूक करें इसके बारे में भी जानकारी देंगे.'

सरकारी स्कूल में शुरू हुआ 'साइबर सिक्योरिटी सेल'
सरकारी स्कूल में शुरू हुआ 'साइबर सिक्योरिटी सेल'

प्रधानाचार्य ने बताया कि 'उनके विद्यालय में सभी बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. आए दिन उनके विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से शिकायत सुनने को मिलती थी कि उनके पिता या परिवार के लोगों के साथ साइबर ठगी हो गई है. किसी ने उनको फोन कर उनके बैंक पासवर्ड व ओटीपी मांग कर बैंक खाते से पैसा निकाल लिया तो किसी ने उनको कोई लिंक भेजकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लिए. यह समस्या लगातार बढ़ रही थी, प्रधानाचार्य ने बताया कि जब इस समस्या के बारे में अभिभावकों व आस-पास के लोगों से जानकारी की तो पता चला कि गरीब परिवार के लोगों को साइबर फ्राॅड करने वाले आसानी से निशाना बना लेते हैं, क्योंकि उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इसी के बाद विद्यालय में साइबर सेल की स्थापना का आइडिया आया, ताकि बच्चों को जागरूक कर उनके अभिभावकों तक को इससे अवगत कराया जा सकता है.'



प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा ने बताया कि 'विद्यालय में बने साइबर सेल के इंचार्ज प्रभारी शिक्षक शजाउल हसन को बनाया है. उन्होंने बताया कि शिक्षकों को उन्होंने जिम्मेदारी सौंपी है कि वह बच्चों को साइबर क्राइम से बचाव किस तरह हो, इसकी जानकारी उन्हें दें. इसके अलावा साइबर लैब में बच्चों को साइबर क्राइम व उससे जुड़े बचाव के संबंधित वीडियो भी बच्चों को दिखाए जा रहे हैं और उन्हें यह बताया जाता है कि साइबर ठगी आदि से कैसे बचा जा सकता है, ताकि वह यह सीखकर अपने अभिभावकों व परिवार के लोगों को भी जागरूक बना सकें. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोई भी अभिभावक या आम व्यक्ति विद्यालय के समय यदि किसी साइबर क्राइम से बचाव के तरीकों की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह हमारे विद्यालय में स्थापित साइबर सेल में संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकता है.'



यह भी पढ़ें : तीन आईपीएस अधिकारियों को चार रेंज की जेलों का बनाया गया डीआईजी, करेंगे यह काम

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लखनऊ : राजधानी लखनऊ का अमीनाबाद इंटर कॉलेज पहला इंटर कॉलेज बना है, जहां पर बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी हुई चीजों के बारे में जानकारी दी जा रही है. विद्यालय के प्रधानाचार्य की ओर से मौजूदा समय में साइबर अपराध की बढ़ रही समस्या को देखते हुए स्कूल में विस्थापित कंप्यूटर लैब में साइबर सिक्योरिटी सेल की स्थापना की है, जिसकी जिम्मेदारी कंप्यूटर लैब में कार्य कर रहे शिक्षक व सहायक को सौंपी है. नगर निगम की ओर से संचालित होने वाले अमीनाबाद इंटर कॉलेज में इस साल से छात्रों को साइबर फ्रॉड, साइबर क्राइम, साइबर सुरक्षा और उससे जुड़ी तकनीकी व दूसरे पहलुओं की जानकारी दी जा रही है.

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विद्यालय के प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा ने बताया कि 'साइबर सिक्योरिटी सेल' के माध्यम से छात्रों को साइबर की दुनिया से जुड़ी अच्छी और बुरी चीजों के बारे में अवगत कराने के लिए इसकी शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि साइबर सिक्योरिटी सेल शुरू करने वाला हमारा विद्यालय राजधानी का न केवल पहला बल्कि प्रदेश का पहला सरकारी विद्यालय है. इस साल के माध्यम से हम विद्यार्थियों को साइबर फ्राॅड से बचने के तरीकों के बारे में अवगत कराने के साथ ही समाज में लोगों को कैसे जागरूक करें इसके बारे में भी जानकारी देंगे.'

सरकारी स्कूल में शुरू हुआ 'साइबर सिक्योरिटी सेल'
सरकारी स्कूल में शुरू हुआ 'साइबर सिक्योरिटी सेल'

प्रधानाचार्य ने बताया कि 'उनके विद्यालय में सभी बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. आए दिन उनके विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से शिकायत सुनने को मिलती थी कि उनके पिता या परिवार के लोगों के साथ साइबर ठगी हो गई है. किसी ने उनको फोन कर उनके बैंक पासवर्ड व ओटीपी मांग कर बैंक खाते से पैसा निकाल लिया तो किसी ने उनको कोई लिंक भेजकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लिए. यह समस्या लगातार बढ़ रही थी, प्रधानाचार्य ने बताया कि जब इस समस्या के बारे में अभिभावकों व आस-पास के लोगों से जानकारी की तो पता चला कि गरीब परिवार के लोगों को साइबर फ्राॅड करने वाले आसानी से निशाना बना लेते हैं, क्योंकि उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इसी के बाद विद्यालय में साइबर सेल की स्थापना का आइडिया आया, ताकि बच्चों को जागरूक कर उनके अभिभावकों तक को इससे अवगत कराया जा सकता है.'



प्रधानाचार्य साहब लाल मिश्रा ने बताया कि 'विद्यालय में बने साइबर सेल के इंचार्ज प्रभारी शिक्षक शजाउल हसन को बनाया है. उन्होंने बताया कि शिक्षकों को उन्होंने जिम्मेदारी सौंपी है कि वह बच्चों को साइबर क्राइम से बचाव किस तरह हो, इसकी जानकारी उन्हें दें. इसके अलावा साइबर लैब में बच्चों को साइबर क्राइम व उससे जुड़े बचाव के संबंधित वीडियो भी बच्चों को दिखाए जा रहे हैं और उन्हें यह बताया जाता है कि साइबर ठगी आदि से कैसे बचा जा सकता है, ताकि वह यह सीखकर अपने अभिभावकों व परिवार के लोगों को भी जागरूक बना सकें. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोई भी अभिभावक या आम व्यक्ति विद्यालय के समय यदि किसी साइबर क्राइम से बचाव के तरीकों की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह हमारे विद्यालय में स्थापित साइबर सेल में संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकता है.'



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