ETV Bharat / state

सावधन! साइबर अपराधियों ने QR कोड से इजाद किया ठगी का नया तरीका

author img

By

Published : Jun 2, 2021, 5:00 PM IST

अब साइबर अपराधी बेहद सुरक्षित माने जाने वाले क्यूआर कोड (Quick Response Code) का इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं. राजधानी लखनऊ में ऐसे दो मामले सामने आए हैं. साइबर अपराधियों ने QR कोड स्कैन कराकर खाते से हजारों रुपये निकाल लिए.

एसीपी साइबर सेल प्रभारी विवेक  ACP Cyber ​​Cell In-charge Vivek  Two cases of cyber fraud in Lucknow  लखनऊ में साइबर ठगी के दो मामले
साइबर क्राइम.

लखनऊः कैशलेस ट्रांजैक्शन के बढ़ते चलन के साथ ही साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. कार्ड क्लोनिंग, बैंक के कस्टमर केयर कर्मी बनकर फोन की डिटेल हासिल करने के साथ ही रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड करवा कर ठगी कर रहे हैं. पुराने तरीके आम होने पर साइबर अपराधी बेहद सुरक्षित माने जाने वाले क्यूआर कोड (Quick Response Code) का इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं. QR Code के जरिये सूबे की राजधानी लखनऊ में ठगी का एक मामला प्रकाश में आया है. साइबर जालसाजों ने KBC के जरिए इनाम का झांसा देकर क्यूआर कोड के जरिए व्हाट्सएप (Whatsapp) हैक कर लिया और उसके परिचितों से रुपये मांगे. पीड़ित की शिकायत पर कृष्णानगर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है.

लखनऊ.
एप डाउनलोड कराने के बाद व्हाट्सएप किया हैक
कृष्णानगर स्थित कनौसी के ओशो नगर निवासी अधिवक्ता अजय प्रकाश के मुताबिक उनके भाई वरुण प्रकाश और चंद्र प्रकाश के पास 27 मई को फोन आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय राणा प्रताप सिंह के रूप में दिया. उसने कहा कि आपने KBC के माध्यम से 25-25 लाख रुपये जीते हैं. यही नहीं जालसाज ने फर्जी चेक भी व्हाट्सएप पर भेज दिया. इसके बाद जालसाजों ने वरुण और चंद्र प्रकाश को वीडियो कॉल कर बिना टैक्स चेक देने का भरोसा दिलाया और एक एप डाउनलोड करने को कहा.
साइबर क्राइम  cyber crime  cyber criminals  cheating with QR code  QR कोड से ठगी का नया तरीका  Quick Response Code  Cheating in the name of winning prize in KBC in Lucknow  लखनऊ में केबीसी में इनाम जीतने के नाम पर ठगी  कृष्णानगर में ऑनलाइन ठगी  online fraud in krishnanagar  एसीपी साइबर सेल प्रभारी विवेक  ACP Cyber ​​Cell In-charge Vivek  Two cases of cyber fraud in Lucknow  लखनऊ में साइबर ठगी के दो मामले
इस तरह साइबर अपराधियों से बचें.

परिचितों से पैसे मांगने पर खुली पोल
इसके बाद पीड़ित से व्हाट्सएप बारकोड के जरिए ऐप कॉलिंग करने को कहा, ऐसा करते ही व्हाट्सएप हैक हो गया. आरोपी पीड़ित के व्हाट्सएप के जरिए उसके परिचितों से रुपये की डिमांड करने लगा. परिचितों ने फोन कर वरुण और चंद्र प्रकाश को रुपये मांगने का कारण पूछा. इसके बाद जालसाजों की पोल खुली और पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया.

पिता का दोस्त बनकर की ठगी
वहीं, दूसरा ऑनलाइन ठगी का मामला विकास नगर में सामने आया है. विकास नगर शिव विहार कॉलोनी निवासी कोनिका अग्रहरि के पिता अरुण गुप्ता व्यापार करते हैं. कोनिका के मुताबिक 20 मई को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई थी. फोन करने वाले अपनी पहचान अनिल शर्मा के तौर पर दी थी. खुद को अरुण गुप्ता का दोस्त बताया. पिता के मित्र का फोन आने पर उसने बात कर ली. अनिल ने कोनिका को बताया कि उसके पिता के मोबाइल पर दिक्कत है. इसलिए व्यापार से जुड़ा पेमेंट नहीं हो पा रहा है. उन्होंने तुम्हारा नंबर देते हुए फोन-पे-ऐप से रुपये भेजने को कहा है. इसके बाद जालसाज ने एक बार कोड भेजा, जिसके स्कैन करते ही उसके खाते से 20 रुपये कट गए. कोनिका ने बताया कि उसके ऐतराज जताने पर अनिल ने कहा कि गलती से रुपये कट गए हैं. मैं दोबारा के बार कोड भेज रहा हूं, उसे स्कैन करो. इसके बाद उसने दूसरा कोड भी स्कैन कर दिया, जिसके बाद खाते से 25 हजार रुपये निकल गए. कोनिका ने विकास नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

यह भी पढ़ें-साइबर फ्रॉड : बेड और ऑक्सीजन दिलाने के नाम पर हो रही ठगी

क्यूआर कोड स्कैन करते समय बरतें सावधानी
एसीपी साइबर सेल प्रभारी विवेक रंजन राय बताते हैं कि क्यूआर कोड इंक्रिपटेड होते हैं. जिन्हें स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड स्केनर की जरूरत होती है, जो गूगल एप और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है. बैंक और ई-वॉलेट एप में भी क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा होती है. एसीपी के मुताबिक, क्यूआर कोड को बेहद सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में कोड स्कैन करते वक्त लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते. इसी लापरवाही का फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं. मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत व इंटरनेट के एक्सपर्ट कार्तिकेय पांडे वह बताते हैं कि अगर कोई आपको क्यू आर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहता है तो सचेत हो जाएं. यह ठगों का तरीका है, क्योंकि अपने अकाउंट में रुपये मांगने के लिए क्यूआर कोड स्कैन या पिन नहीं डालना होता है. बैंक में ऐसा करने के लिये नहीं कहता है.

लखनऊः कैशलेस ट्रांजैक्शन के बढ़ते चलन के साथ ही साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. कार्ड क्लोनिंग, बैंक के कस्टमर केयर कर्मी बनकर फोन की डिटेल हासिल करने के साथ ही रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड करवा कर ठगी कर रहे हैं. पुराने तरीके आम होने पर साइबर अपराधी बेहद सुरक्षित माने जाने वाले क्यूआर कोड (Quick Response Code) का इस्तेमाल ठगी के लिए कर रहे हैं. QR Code के जरिये सूबे की राजधानी लखनऊ में ठगी का एक मामला प्रकाश में आया है. साइबर जालसाजों ने KBC के जरिए इनाम का झांसा देकर क्यूआर कोड के जरिए व्हाट्सएप (Whatsapp) हैक कर लिया और उसके परिचितों से रुपये मांगे. पीड़ित की शिकायत पर कृष्णानगर कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है.

लखनऊ.
एप डाउनलोड कराने के बाद व्हाट्सएप किया हैक
कृष्णानगर स्थित कनौसी के ओशो नगर निवासी अधिवक्ता अजय प्रकाश के मुताबिक उनके भाई वरुण प्रकाश और चंद्र प्रकाश के पास 27 मई को फोन आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय राणा प्रताप सिंह के रूप में दिया. उसने कहा कि आपने KBC के माध्यम से 25-25 लाख रुपये जीते हैं. यही नहीं जालसाज ने फर्जी चेक भी व्हाट्सएप पर भेज दिया. इसके बाद जालसाजों ने वरुण और चंद्र प्रकाश को वीडियो कॉल कर बिना टैक्स चेक देने का भरोसा दिलाया और एक एप डाउनलोड करने को कहा.
साइबर क्राइम  cyber crime  cyber criminals  cheating with QR code  QR कोड से ठगी का नया तरीका  Quick Response Code  Cheating in the name of winning prize in KBC in Lucknow  लखनऊ में केबीसी में इनाम जीतने के नाम पर ठगी  कृष्णानगर में ऑनलाइन ठगी  online fraud in krishnanagar  एसीपी साइबर सेल प्रभारी विवेक  ACP Cyber ​​Cell In-charge Vivek  Two cases of cyber fraud in Lucknow  लखनऊ में साइबर ठगी के दो मामले
इस तरह साइबर अपराधियों से बचें.

परिचितों से पैसे मांगने पर खुली पोल
इसके बाद पीड़ित से व्हाट्सएप बारकोड के जरिए ऐप कॉलिंग करने को कहा, ऐसा करते ही व्हाट्सएप हैक हो गया. आरोपी पीड़ित के व्हाट्सएप के जरिए उसके परिचितों से रुपये की डिमांड करने लगा. परिचितों ने फोन कर वरुण और चंद्र प्रकाश को रुपये मांगने का कारण पूछा. इसके बाद जालसाजों की पोल खुली और पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया.

पिता का दोस्त बनकर की ठगी
वहीं, दूसरा ऑनलाइन ठगी का मामला विकास नगर में सामने आया है. विकास नगर शिव विहार कॉलोनी निवासी कोनिका अग्रहरि के पिता अरुण गुप्ता व्यापार करते हैं. कोनिका के मुताबिक 20 मई को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई थी. फोन करने वाले अपनी पहचान अनिल शर्मा के तौर पर दी थी. खुद को अरुण गुप्ता का दोस्त बताया. पिता के मित्र का फोन आने पर उसने बात कर ली. अनिल ने कोनिका को बताया कि उसके पिता के मोबाइल पर दिक्कत है. इसलिए व्यापार से जुड़ा पेमेंट नहीं हो पा रहा है. उन्होंने तुम्हारा नंबर देते हुए फोन-पे-ऐप से रुपये भेजने को कहा है. इसके बाद जालसाज ने एक बार कोड भेजा, जिसके स्कैन करते ही उसके खाते से 20 रुपये कट गए. कोनिका ने बताया कि उसके ऐतराज जताने पर अनिल ने कहा कि गलती से रुपये कट गए हैं. मैं दोबारा के बार कोड भेज रहा हूं, उसे स्कैन करो. इसके बाद उसने दूसरा कोड भी स्कैन कर दिया, जिसके बाद खाते से 25 हजार रुपये निकल गए. कोनिका ने विकास नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.

यह भी पढ़ें-साइबर फ्रॉड : बेड और ऑक्सीजन दिलाने के नाम पर हो रही ठगी

क्यूआर कोड स्कैन करते समय बरतें सावधानी
एसीपी साइबर सेल प्रभारी विवेक रंजन राय बताते हैं कि क्यूआर कोड इंक्रिपटेड होते हैं. जिन्हें स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड स्केनर की जरूरत होती है, जो गूगल एप और एप्पल स्टोर पर उपलब्ध है. बैंक और ई-वॉलेट एप में भी क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा होती है. एसीपी के मुताबिक, क्यूआर कोड को बेहद सुरक्षित माना जाता है. ऐसे में कोड स्कैन करते वक्त लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते. इसी लापरवाही का फायदा साइबर अपराधी उठाते हैं. मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत व इंटरनेट के एक्सपर्ट कार्तिकेय पांडे वह बताते हैं कि अगर कोई आपको क्यू आर कोड भेजकर स्कैन करने के लिए कहता है तो सचेत हो जाएं. यह ठगों का तरीका है, क्योंकि अपने अकाउंट में रुपये मांगने के लिए क्यूआर कोड स्कैन या पिन नहीं डालना होता है. बैंक में ऐसा करने के लिये नहीं कहता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.