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तेजी से महिलाओं के प्रति बढ़ रहा साइबर क्राइम, पिछले साल हुई 136 शिकायतें

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Published : Jan 12, 2021, 10:46 AM IST

यूपी में साइबर अपराध के मामले महिलाओं के साथ भी बढ़ रहे हैं. महिलाएं साइबर क्राइम में सबसे ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिकार हो रही है. वहीं महिलाओं के खिलाफ ज्यादातर साइबर अपराध उनके परिचित द्वारा किए जा रहे हैं. बीते साल 2020 में 136 साइबर अपराध की शिकार महिलाओं के मामले राज्य महिला आयोग ने दर्ज किए गए हैं.

महिलाओं के साथ बढ़ रहे साइबर अपराध.
महिलाओं के साथ बढ़ रहे साइबर अपराध.

लखनऊ: साइबर अपराध के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. वही इन अपराधों की शिकार महिलाएं भी है. हालांकि प्रदेश में 18 साइबर थाने खोल दिए गए हैं, लेकिन फिर भी रोज घट रहे नए-नए तरह के अपराध से लोग लगातार जालसाजी का शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाएं साइबर क्राइम का सबसे ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिकार हो रही है. वहीं महिलाओं के खिलाफ ज्यादातर साइबर अपराध उनके परिचित द्वारा किए जा रहे हैं. वहीं महिलाओं को साइबर अपराध से बचाने के लिए प्रभावी कानून भी उनकी सुरक्षा नहीं कर पा रहा है. बीते साल 2020 में 136 साइबर अपराध की शिकार महिलाओं के मामले राज्य महिला आयोग ने दर्ज किए गए हैं. वहीं महिला आयोग के द्वारा पीड़ित महिलाओं को साइबर क्राइम सेल की मदद से मदद की जा रही है.

महिलाओं के साथ बढ़ रहे साइबर अपराध.

साइबर अपराध की शिकार महिलाओं का सहारा महिला आयोग
राज्य महिला आयोग के पास जहां महिला उत्पीड़न से संबंधित हर तरह की शिकायतें पहुंचती है, तो वहीं बीते साल 2020 में साइबर अपराध की शिकार महिलाओं की शिकायतें भी खूब पहुंची. साइबर अपराध की शिकार ज्यादातर महिलाएं थाने में शिकायत न करके सीधे राज्य महिला आयोग में शिकायत करती है. क्योंकि उनके साथ ज्यादातर मामले उनके अपने परिचित या प्रेमियों के द्वारा उन्हें बदनाम करने और अश्लील वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल करने के हैं. बीते साल में कुल 136 साइबर अपराध की शिकार महिला आयोग के पास सामने आई है. वहीं आयोग के द्वारा इन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए भी पुलिस की मदद ली जा रही है.

साइबर स्टॉकिंग
राज्य महिला आयोग के पास पहुंचे मामलों में सबसे ज्यादा साइबरस्टॉकिंग के मामले हैं. इस तरह के अपराध में ऑनलाइन उत्पीड़न और ऑनलाइन दुरुपयोग के लिए किसी को परेशान करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है. इस तरह के अपराध में पीड़ित महिला को सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम करने की कोशिश होती है.

फिशिंग
इस तरह के साइबर अपराध में संवेदनशील जानकारी जैसे किसी महिला की फेसबुक और ईमेल का नाम पासवर्ड प्राप्त करके उसकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करना होता है. इस तरह के मामले भी महिला आयोग के पास पहुंचे हैं.

साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें महिलाएं
लखनऊ के साइबर क्राइम के एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि महिलाएं साइबर क्राइम का खूब शिकार हो रही हैं. ऐसे में महिलाओं को अपने सोशल मीडिया के फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर विशेष सावधानी रखने की जरूरत है. महिलाएं फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने प्रोफाइल को लॉक करके रखें, जिससे कि कोई भी व्यक्ति उनकी जानकारियों को कॉपी करके क्लोन आईडी न बना सके.

राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने बताया कि इस साल 2020 में महिलाएं साइबर अपराध का खूब शिकार हुई है. पूरे साल में 136 शिकायतें उनके यहां की गई है .ज्यादातर साइबर अपराध की शिकायतें महिला उत्पीड़न और शारीरिक शोषण से जुड़ी हुई है. वहीं कई शिकायतों में पति, प्रेमी के द्वारा महिलाओं को बदनाम करने और उनकी अश्लील क्लिपिंग बनाकर ब्लैकमेल करने की शिकायतें भी आई है. वहीं इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए साइबर क्राइम सेल की मदद से महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश हो रही है.

लखनऊ: साइबर अपराध के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं. वही इन अपराधों की शिकार महिलाएं भी है. हालांकि प्रदेश में 18 साइबर थाने खोल दिए गए हैं, लेकिन फिर भी रोज घट रहे नए-नए तरह के अपराध से लोग लगातार जालसाजी का शिकार हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाएं साइबर क्राइम का सबसे ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शिकार हो रही है. वहीं महिलाओं के खिलाफ ज्यादातर साइबर अपराध उनके परिचित द्वारा किए जा रहे हैं. वहीं महिलाओं को साइबर अपराध से बचाने के लिए प्रभावी कानून भी उनकी सुरक्षा नहीं कर पा रहा है. बीते साल 2020 में 136 साइबर अपराध की शिकार महिलाओं के मामले राज्य महिला आयोग ने दर्ज किए गए हैं. वहीं महिला आयोग के द्वारा पीड़ित महिलाओं को साइबर क्राइम सेल की मदद से मदद की जा रही है.

महिलाओं के साथ बढ़ रहे साइबर अपराध.

साइबर अपराध की शिकार महिलाओं का सहारा महिला आयोग
राज्य महिला आयोग के पास जहां महिला उत्पीड़न से संबंधित हर तरह की शिकायतें पहुंचती है, तो वहीं बीते साल 2020 में साइबर अपराध की शिकार महिलाओं की शिकायतें भी खूब पहुंची. साइबर अपराध की शिकार ज्यादातर महिलाएं थाने में शिकायत न करके सीधे राज्य महिला आयोग में शिकायत करती है. क्योंकि उनके साथ ज्यादातर मामले उनके अपने परिचित या प्रेमियों के द्वारा उन्हें बदनाम करने और अश्लील वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल करने के हैं. बीते साल में कुल 136 साइबर अपराध की शिकार महिला आयोग के पास सामने आई है. वहीं आयोग के द्वारा इन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए भी पुलिस की मदद ली जा रही है.

साइबर स्टॉकिंग
राज्य महिला आयोग के पास पहुंचे मामलों में सबसे ज्यादा साइबरस्टॉकिंग के मामले हैं. इस तरह के अपराध में ऑनलाइन उत्पीड़न और ऑनलाइन दुरुपयोग के लिए किसी को परेशान करने के लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है. इस तरह के अपराध में पीड़ित महिला को सोशल मीडिया के माध्यम से बदनाम करने की कोशिश होती है.

फिशिंग
इस तरह के साइबर अपराध में संवेदनशील जानकारी जैसे किसी महिला की फेसबुक और ईमेल का नाम पासवर्ड प्राप्त करके उसकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग करना होता है. इस तरह के मामले भी महिला आयोग के पास पहुंचे हैं.

साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें महिलाएं
लखनऊ के साइबर क्राइम के एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि महिलाएं साइबर क्राइम का खूब शिकार हो रही हैं. ऐसे में महिलाओं को अपने सोशल मीडिया के फेसबुक और इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर विशेष सावधानी रखने की जरूरत है. महिलाएं फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने प्रोफाइल को लॉक करके रखें, जिससे कि कोई भी व्यक्ति उनकी जानकारियों को कॉपी करके क्लोन आईडी न बना सके.

राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने बताया कि इस साल 2020 में महिलाएं साइबर अपराध का खूब शिकार हुई है. पूरे साल में 136 शिकायतें उनके यहां की गई है .ज्यादातर साइबर अपराध की शिकायतें महिला उत्पीड़न और शारीरिक शोषण से जुड़ी हुई है. वहीं कई शिकायतों में पति, प्रेमी के द्वारा महिलाओं को बदनाम करने और उनकी अश्लील क्लिपिंग बनाकर ब्लैकमेल करने की शिकायतें भी आई है. वहीं इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए साइबर क्राइम सेल की मदद से महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश हो रही है.

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