लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है. इस वजह से सांस्कृतिक गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं. पिछले साल लाॅकडाउन के बाद नवम्बर में उ. प्र. संगीत नाटक अकादमी के वार्षिकोत्सव से सांस्कृतिक कार्यक्रम का दोबारा आयोजन शुरू हुआ था. शहर एक बार फिर से अपनी सांस्कृतिक चहलकदमी से गुलज़ार होने लगा था, लेकिन कोरोना की फिर से बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर रुकावट पैदा कर दी है.
कोरोनाकाल में कैसे हों नाटक
उत्तर प्रदेश कलाकार एसोसिएशन के अध्यक्ष संगम बहुगुणा कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग डरे हुए हैं. ऐसे में कोई कैसे नाटक कर सकता है? नाटक में तो 1-2 दर्जन कलाकार एक साथ भाग लेते हैं. कैसे सबकी जिम्मेदारी ली जा सकती है? उधर दर्शक भी नहीं आ पाएंगे.
बुकिंग न के बराबर
भारतेंदु नाट्य अकादमी के सहायक निदेशक रमेश गुप्ता बताते हैं कि यहां अकादमी में प्रेक्षागृह की बुकिंग बंद तो नहीं की है लेकिन अब न के बराबर ही लोग हाॅल बुक कराने आ रहे हैं. जो लोग बुक कराते भी हैं उनके लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन और पुलिस विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है.
लोग स्वयं ही नहीं आ रहे हैं
कैसरबाग स्थित कलामंडपम् प्रेक्षागृह के लवकुश द्विवेदी बताते हैं कि अभी तो लोग स्वयं ही हाॅल बुक कराने नहीं आ रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना बढ़ रहा है, उससे लगता है कि जल्दी ही प्रशासन हाॅल बुकिंग पर प्रतिबंध लगा सकता है.
इसे भी पढ़ें - लखनऊ में 8 से 16 अप्रैल तक लागू हुआ नाइट कर्फ्यू, बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से थम गईं सांस्कृतिक गतिविधियां - कोरोना अपडेट
उत्तर प्रदेश की राजधानी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी ग्रहण लगा दिया है. राजधानी में सांस्कृतिक गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं.
लखनऊ: राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो चुकी है. इस वजह से सांस्कृतिक गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं. पिछले साल लाॅकडाउन के बाद नवम्बर में उ. प्र. संगीत नाटक अकादमी के वार्षिकोत्सव से सांस्कृतिक कार्यक्रम का दोबारा आयोजन शुरू हुआ था. शहर एक बार फिर से अपनी सांस्कृतिक चहलकदमी से गुलज़ार होने लगा था, लेकिन कोरोना की फिर से बढ़ती रफ्तार ने एक बार फिर रुकावट पैदा कर दी है.
कोरोनाकाल में कैसे हों नाटक
उत्तर प्रदेश कलाकार एसोसिएशन के अध्यक्ष संगम बहुगुणा कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की वजह से लोग डरे हुए हैं. ऐसे में कोई कैसे नाटक कर सकता है? नाटक में तो 1-2 दर्जन कलाकार एक साथ भाग लेते हैं. कैसे सबकी जिम्मेदारी ली जा सकती है? उधर दर्शक भी नहीं आ पाएंगे.
बुकिंग न के बराबर
भारतेंदु नाट्य अकादमी के सहायक निदेशक रमेश गुप्ता बताते हैं कि यहां अकादमी में प्रेक्षागृह की बुकिंग बंद तो नहीं की है लेकिन अब न के बराबर ही लोग हाॅल बुक कराने आ रहे हैं. जो लोग बुक कराते भी हैं उनके लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन और पुलिस विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है.
लोग स्वयं ही नहीं आ रहे हैं
कैसरबाग स्थित कलामंडपम् प्रेक्षागृह के लवकुश द्विवेदी बताते हैं कि अभी तो लोग स्वयं ही हाॅल बुक कराने नहीं आ रहे हैं, लेकिन जिस तरह से कोरोना बढ़ रहा है, उससे लगता है कि जल्दी ही प्रशासन हाॅल बुकिंग पर प्रतिबंध लगा सकता है.
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