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अब कम दाम में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच, CSIR-CDRI ने बनाई स्वदेशी जांच किट

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Published : Jan 23, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Jan 23, 2022, 5:59 PM IST

लखनऊ स्थित CSIR-CDRI संस्थान ने विकसित की कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को जांचने की किफायती किट.

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अब कम दान में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच

लखनऊ : सीएसआईआर-सीडीआरआई(CSIR-CDRI) के वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की जांच के लिए स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट "ओम" बनाया है. रविवार को सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी. सीडीआरआई की आरटी-पीसीआर किट "ओम" ऑमीक्रोन का पता लगाने के लिए जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग) पर निर्भरता को कम करेगी. आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की पहल के तहत, सीडीआरआई ने एक स्वदेशी आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक किट "ओम" विकसित की है.

सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने बताया कि कोविड संक्रमणों में मौजूदा उछाल भारतीय आबादी में फैल रहे SARS-Cov-2 वायरस के नए वेरिएंट को दर्शाता है. अब तक अधिकांश RT-PCR टेस्ट पर आधारित डायग्नोस्टिक किट ओमीक्रोन वेरिएंट की पुष्टि नहीं करते हैं.

अब कम दान में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच, CSIR-CDRI ने बनाई स्वदेशी जांच किट
अब कम दान में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच, CSIR-CDRI ने बनाई स्वदेशी जांच किट

"ओम" किट लखनऊ स्थित सीएसआईआर-सीडीआरआई(CSIR-CDRI) के वैज्ञानिक डॉ. अतुल गोयल, डॉ. नीति कुमार एवं डॉ. आशीष अरोरा की टीम ने हैदराबाद स्थित सीडीआरआई के इंडस्ट्री पार्टनर बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड के साथ मिलकर विकसित किया है. ओमीक्रोन वेरिएंट की विशिष्ट पहचान के लिए स्वदेशी आरटी-पीसीआर (RT-PCR) किट को इंडिकोव-ओम TM (INDICOV-Om TM) नाम दिया गया है.

CSIR-CDRI के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना वायरस म्यूटेटेड(परिवर्तित) होता जा रहा है, उसके विभिन्न रूपों का निदान और उपचार करना और भी चुनौतीपूर्ण हो रहा है. कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट लक्षणों की जटिलताओं और मृत्युदर के मामले में पूर्ववर्ती कोविड वेरिएंट के मुकाबले कम घातक है, लेकिन यह(ओमीक्रोन) एक सुपर स्प्रेडर कोविड वेरिएंट है. यह वायरस पूरी दुनियां में आग की तरह फैल रहा है.

किट विकसित करने वाले वैज्ञानिकों के टीम लीडर डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि डॉ.आशीष अरोड़ा और डॉ.नीति कुमार के संयुक्त प्रयासों से उन्होंने मरीज के सैंपल से ओमीक्रोन वेरिएंट का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की है. इस सीडीआरआई की प्राइमरी जांच किट का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी(KGMU) की प्रो.अमिता जैन ने कई कोविड पॉजिटिव मरीजों के नमूनों का परीक्षण और सत्यापन किया है.

यह किट एक बड़ी आबादी के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की तुलना में ओमीक्रोन वेरिएंट की त्वरित और कम कीमत में प्रभावी जांच उपलब्ध कराएगी. डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि फरवरी माह के मध्य तक इंडिकोव-ओम TM (INDICOV-Om TM) किट को बाजार में उपलब्ध हो सकती है. इसके लिए नियामक अनुमोदन (रेगुलेटरी अप्रूवल) और किट की असेंबली पर ध्यान दिया जा रहा है.

इसे पढ़ें- UP Corona Update: आज प्रदेश में मिले कोरोना के 8,321 नए मरीज, एक की मौत

लखनऊ : सीएसआईआर-सीडीआरआई(CSIR-CDRI) के वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की जांच के लिए स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट "ओम" बनाया है. रविवार को सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने प्रेस रिलीज जारी करके इसकी जानकारी दी. सीडीआरआई की आरटी-पीसीआर किट "ओम" ऑमीक्रोन का पता लगाने के लिए जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग) पर निर्भरता को कम करेगी. आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की पहल के तहत, सीडीआरआई ने एक स्वदेशी आरटी-पीसीआर डायग्नोस्टिक किट "ओम" विकसित की है.

सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने बताया कि कोविड संक्रमणों में मौजूदा उछाल भारतीय आबादी में फैल रहे SARS-Cov-2 वायरस के नए वेरिएंट को दर्शाता है. अब तक अधिकांश RT-PCR टेस्ट पर आधारित डायग्नोस्टिक किट ओमीक्रोन वेरिएंट की पुष्टि नहीं करते हैं.

अब कम दान में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच, CSIR-CDRI ने बनाई स्वदेशी जांच किट
अब कम दान में हो सकेगी 'ओमीक्रोन' की जांच, CSIR-CDRI ने बनाई स्वदेशी जांच किट

"ओम" किट लखनऊ स्थित सीएसआईआर-सीडीआरआई(CSIR-CDRI) के वैज्ञानिक डॉ. अतुल गोयल, डॉ. नीति कुमार एवं डॉ. आशीष अरोरा की टीम ने हैदराबाद स्थित सीडीआरआई के इंडस्ट्री पार्टनर बायोटेक डेस्क प्रा. लिमिटेड के साथ मिलकर विकसित किया है. ओमीक्रोन वेरिएंट की विशिष्ट पहचान के लिए स्वदेशी आरटी-पीसीआर (RT-PCR) किट को इंडिकोव-ओम TM (INDICOV-Om TM) नाम दिया गया है.

CSIR-CDRI के निदेशक प्रो. तपस के. कुंडू ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना वायरस म्यूटेटेड(परिवर्तित) होता जा रहा है, उसके विभिन्न रूपों का निदान और उपचार करना और भी चुनौतीपूर्ण हो रहा है. कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट लक्षणों की जटिलताओं और मृत्युदर के मामले में पूर्ववर्ती कोविड वेरिएंट के मुकाबले कम घातक है, लेकिन यह(ओमीक्रोन) एक सुपर स्प्रेडर कोविड वेरिएंट है. यह वायरस पूरी दुनियां में आग की तरह फैल रहा है.

किट विकसित करने वाले वैज्ञानिकों के टीम लीडर डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि डॉ.आशीष अरोड़ा और डॉ.नीति कुमार के संयुक्त प्रयासों से उन्होंने मरीज के सैंपल से ओमीक्रोन वेरिएंट का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की है. इस सीडीआरआई की प्राइमरी जांच किट का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी(KGMU) की प्रो.अमिता जैन ने कई कोविड पॉजिटिव मरीजों के नमूनों का परीक्षण और सत्यापन किया है.

यह किट एक बड़ी आबादी के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की तुलना में ओमीक्रोन वेरिएंट की त्वरित और कम कीमत में प्रभावी जांच उपलब्ध कराएगी. डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि फरवरी माह के मध्य तक इंडिकोव-ओम TM (INDICOV-Om TM) किट को बाजार में उपलब्ध हो सकती है. इसके लिए नियामक अनुमोदन (रेगुलेटरी अप्रूवल) और किट की असेंबली पर ध्यान दिया जा रहा है.

इसे पढ़ें- UP Corona Update: आज प्रदेश में मिले कोरोना के 8,321 नए मरीज, एक की मौत

Last Updated : Jan 23, 2022, 5:59 PM IST
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