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किसानों पर प्रकृति की मार, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें हुई बर्बाद - यूपी में बेमौसम बारिश

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. हरदोई में बारिश से सरकारी गल्ला मंडी में रखी कई धान की बोरी भींग गई तो चंदौली में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं. वहीं हमीरपुर में अचानक हुई ओलावृष्टि से किसान सदमे में हैं.

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यूपी में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें हुई बर्बाद.
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Published : Dec 13, 2019, 10:26 PM IST

चंदौली: जिले में गुरुवार रात से रुक-रुककर हो रही बारिश किसानों के लिए आफत बन गई. खेत में पानी भर जाने के चलते धान की फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही बारिश की वजह से गेहूं की बुआई भी पिछड़ रही है. प्रकृति की दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान इसके लिए योगी सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

चंदौली में किसानों के लिए आफत बनी बारिश.
धान के कटोरे चंदौली में धान की फसल बर्बाद होने से खेती पर निर्भर रहने वाले किसान भुखमरी की कगार पर खड़े हो जाएंगे. उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में किसान अब सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

हमीरपुर में फसल बर्बाद होने से सदमे में किसान
जिले में मौसम की बदली अचानक करवट ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी. सरीला, मौदहा तहसील सहित जिले के कुछ हिस्सों में अचानक हुई ओलावृष्टि ने न सिर्फ लोगों को हैरान कर दिया, बल्कि उन्हें सकते में भी डाल दिया. शुक्रवार को अचानक आए आंधी-तूफान और बड़े-बड़े ओला गिरने से खेतों की सारी फसल बर्बाद हो गई. इन फसलों की बर्बादी से किसान काफी सदमे में हैं. वहीं जिनके घर पक्के नहीं हैं, उन गरीबों के घरों को भी ओलावृष्टि से काफी नुकसान पहुंचा है.

हमीरपुर में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद.

बड़े-बड़े ओले गिरने की वजह से सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके साथ चना, अरहर, मटर, गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. बांधुर खुर्द के किसानों का कहना है कि बड़े-बड़े ओले गिरने से किसानों की भारी तबाही हुई है, उन्हें सरकार की ओर से तुरंत मुआवजे की घोषणा की जानी चाहिए. उपजिलाधिकारी जुबेरबेग ने अचानक हुई ओलावृष्टि में जांच करा कर नियमानुसार मदद करने की बात कही है.

हरदोई में खुले में रखा लाखों का धान भीग कर हुआ बर्बाद
जिले में सर्दी के मौसम में अचानक हुई बारिश के कारण जहां ठंड में इजाफा हुआ है तो वहीं जिले की सरकारी गल्ला मंडी में खुले में रखा व्यापारियों और किसानों का काफी धान भींगने के कारण खराब हो गया. सरकारी मंडी में वाटर लॉगिंग की समस्या के कारण खुले में रखे सैकड़ों धान के बोरे पानी में डूब गए. धान के भींगने के चलते व्यापारियों और किसानों को भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन का दावा है कि जल्द ही वाटर लॉगिंग की समस्या से निजात दिलाई जाएगी.

हरदोई में बारिश से किसानों और व्यापारियों को हुआ भारी नुकसान.

इस बारे में अपर जिला अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बारिश के चलते मंडी परिसर में व्यापारियों और किसानों का काफी धान भीग गया है. वहीं सरकारी क्रय केंद्र पर भी इसका असर पड़ा है और वहां भी काफी नुकसान हुआ है. जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने के लिए पानी के निकासी की व्यवस्था की जा रही है. पानी के निकास न होने की वजह से ऐसी समस्या आ रही है, जिसे जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा.

चंदौली: जिले में गुरुवार रात से रुक-रुककर हो रही बारिश किसानों के लिए आफत बन गई. खेत में पानी भर जाने के चलते धान की फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही बारिश की वजह से गेहूं की बुआई भी पिछड़ रही है. प्रकृति की दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान इसके लिए योगी सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

चंदौली में किसानों के लिए आफत बनी बारिश.
धान के कटोरे चंदौली में धान की फसल बर्बाद होने से खेती पर निर्भर रहने वाले किसान भुखमरी की कगार पर खड़े हो जाएंगे. उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में किसान अब सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

हमीरपुर में फसल बर्बाद होने से सदमे में किसान
जिले में मौसम की बदली अचानक करवट ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी. सरीला, मौदहा तहसील सहित जिले के कुछ हिस्सों में अचानक हुई ओलावृष्टि ने न सिर्फ लोगों को हैरान कर दिया, बल्कि उन्हें सकते में भी डाल दिया. शुक्रवार को अचानक आए आंधी-तूफान और बड़े-बड़े ओला गिरने से खेतों की सारी फसल बर्बाद हो गई. इन फसलों की बर्बादी से किसान काफी सदमे में हैं. वहीं जिनके घर पक्के नहीं हैं, उन गरीबों के घरों को भी ओलावृष्टि से काफी नुकसान पहुंचा है.

हमीरपुर में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद.

बड़े-बड़े ओले गिरने की वजह से सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. इसके साथ चना, अरहर, मटर, गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है. बांधुर खुर्द के किसानों का कहना है कि बड़े-बड़े ओले गिरने से किसानों की भारी तबाही हुई है, उन्हें सरकार की ओर से तुरंत मुआवजे की घोषणा की जानी चाहिए. उपजिलाधिकारी जुबेरबेग ने अचानक हुई ओलावृष्टि में जांच करा कर नियमानुसार मदद करने की बात कही है.

हरदोई में खुले में रखा लाखों का धान भीग कर हुआ बर्बाद
जिले में सर्दी के मौसम में अचानक हुई बारिश के कारण जहां ठंड में इजाफा हुआ है तो वहीं जिले की सरकारी गल्ला मंडी में खुले में रखा व्यापारियों और किसानों का काफी धान भींगने के कारण खराब हो गया. सरकारी मंडी में वाटर लॉगिंग की समस्या के कारण खुले में रखे सैकड़ों धान के बोरे पानी में डूब गए. धान के भींगने के चलते व्यापारियों और किसानों को भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन का दावा है कि जल्द ही वाटर लॉगिंग की समस्या से निजात दिलाई जाएगी.

हरदोई में बारिश से किसानों और व्यापारियों को हुआ भारी नुकसान.

इस बारे में अपर जिला अधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि बारिश के चलते मंडी परिसर में व्यापारियों और किसानों का काफी धान भीग गया है. वहीं सरकारी क्रय केंद्र पर भी इसका असर पड़ा है और वहां भी काफी नुकसान हुआ है. जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने के लिए पानी के निकासी की व्यवस्था की जा रही है. पानी के निकास न होने की वजह से ऐसी समस्या आ रही है, जिसे जल्द ही दुरुस्त कराया जाएगा.

Intro:चन्दौली - जिले में बीती रात से रुक रुक हो रही बारिश किसानों के लिए आफत बन गई. खेत मे पानी भर जाने के चलते धान की फसल बर्बाद हो रही है. तो वहीं बारिश की वजह से गेंहूँ की बुआई भी पिछड़ रही है. प्रकृति की दोहरी मार झेलने को मजबूर किसान इसके लिए योगी सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

Body:तश्वीरों से साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस बारिश के चलते खेत मे काट कर रखी धान की फसल पानी में भीग रहा है. तो वहीं खड़ी फसल भी बारिश की वजह से झुक गया है. अचानक बदले मौसम के मिजाज से सिर्फ धान की फसल ही नहीं बर्बाद हो रही है. बल्कि किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. बारिश की वजह मौजूदा धान की फसल तो बर्बाद होने के मुहाने पर है. साथ ही खेतो में पानी भर जाने के चलते गेंहूँ की बुआई भी पिछड़ जाएगी. जिससे किसानों पर प्रकृति की दोहरी मार पड़ेगी.

धान के कटोरे चंदौली में हुई आफत की बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. धान की फसल बर्बाद होने से खेती पर निर्भर रहने वाले किसान भुखमरी की कगार पर खड़े हो जाएंगे. उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में किसान अब सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे है.

प्रकृति की मार झेलने को मजबूर किसानों का आरोप है कि इसके लिए प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन जिम्मेदार है. जो बिना समुचित तैयारी के ही अचानक हार्वेस्टर से कटाई पर रोक लगा दी. जिससे किसानों की धान की फसल समय रहते नहीं कट सकी. उसके बाद बाकी का काम अचानक हुई बारिश ने पूरा कर दिया. जिससे किसान भुखमरी के कगार पर खड़ा है

बाइट - सुभाष (किसान)
बाइट - माधव (किसान)
बाइट - जयप्रकाश (किसान)

बहरहाल प्रकृति की मार से बेहाल किसान अब सरकार की तरफ आशा भरी निगाहों से टकटकी लगाए है. ऐसे में देखना होगा प्रकृति की सितम झेल रहे किसानों सिस्टम से कितना राहत मिल पाता है..Conclusion:यूपी में हो रही बारिश का किसानों के लिए आफत की बारिश साबित हो रही है. बारिश के धान की फसल में बर्बाद हो रही है. तो वहीं गेंहू की बुआई भी पिछड़ रही है.

कमलेश गिरी
चंदौली
9452845730

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