लखनऊः कोरोना का कहर पूरे देश में जारी है. राजधानी लखनऊ भी इस कहर से अछूती नहीं है. राजधानी में कोरोना से आये दिन लोगों की मौत हो रही हैं. ये मौतें ऑक्सीजन, दवा और वेंटिलेटर का समय पर मरीज को न मिल पाने की वजह से हुई हैं. हालांकि सीएम योगी ने इस ओर काफी काम किया. उन्होंने झारखंड से कई खेप ऑक्सीजन मंगवायें. लेकिन ये महामारी इतनी तेजी से लोगों को अपने आगोश में ले रही है कि मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में राजधानी में एक बार फिर ऑक्सीजन, दवा और वेंटिलेटर का संकट गहराने लगा है. रेमडेसिविर के लिए मरीजों के परिजन भटक रहे हैं.
निजी अस्पतालों में फिर गहराया ऑक्सीजन का संकट
प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहराता जा रहा है. ये लोग लगातार ऑक्सीजन की मांग को लेकर अधिकारियों से गुजारिश कर रहे हैं. लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. मरीज बिना ऑक्सीजन तड़प रहे हैं. नादरगंज में ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लाइन लगाए मरीजों के परिजन बेहाल हैं. केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया, एरा, बलरामपुर, लोकबंधु समेत दूसरे बड़े कोविड अस्पतालों में बेड भरा पड़ा है. निजी छोटे अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं.
बिना इलाज गंभीर हो रहे मरीज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी लखनऊ में सीएमओ के पत्र की अनिवार्यता खत्म नहीं हुई है. मरीज सीएमओ के पत्र के लिए भटक रहे हैं. सीएमओ कार्यालय में मरीजों के परिजन धक्के खा रहे हैं. लालबाग स्थित कोविड कमांड सेंटर से भी मरीजों को निराशा मिल रही है.
इसे भी पढ़ें- यूपी में 24 घंटे में कोरोना के 34,626 नए मामले, 332 मौतें
भर्ती के लिए 3 दिन से परेशान है बुजुर्ग
बुजुर्ग आरती कोरोना की चपेट में आ गई हैं. परिजन उन्हें भर्ती कराने के लिए तीन दिन से परेशान हैं. कहीं भर्ती नहीं हो पा रही है. किसी तरह ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया गया. लगातार कोविड कमांड सेंटर पर पंजीकरण के बाद फोन कर मदद की गुहार लगा रहे हैं.
सीएमओ कार्यालय में घुसने ही नहीं दिया जा रहा
सीएमओ कार्यालय में तो बेबस और परेशान लोगों को दाखिल तक नहीं होने दिया जा रहा है. इससे लोग बेहाल हैं. इसी तरह विकासनगर निवासी साहिल को भी दो दिन बाद भी बेड नसीब नहीं हुए. मरीज घर पर तड़प रहा है. परिवार रात-रात भर लाइन में लगकर ऑक्सीजन का इंतजाम कर रहे हैं.
हो रहे हैं इंतजाम
प्रभारी अधिकारी कोविड-19 डॉक्टर रोशन जैकब ने बताया कि सभी अस्पतालों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं. फिलिंग स्टेशनों पर बढ़ रही भीड़ के दृष्टिगत वितरण के लिए नई कार योजना बनाई जा रही है.