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नौकरी दिलाने के नाम पर लखनऊ नगर निगम कर्मचारी ने दस लाख ठगे, पीड़ित युवाओं ने की शिकायत

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 29, 2023, 7:09 AM IST

नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से लखनऊ नगर निगम के कर्मचारी ने 10 लाख रुपये ठग (Lucknow Municipal Corporation employee cheated 10 lakhs) लिये. पीड़ित युवाओं ने शुक्रवार को अधिकारियों से इसकी शिकायत की.

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लखनऊ: नगर निगम में वैक्सीनेटर ,माली, चपरासी समेत अन्य पदों पर भर्ती कराने के नाम पर नगर निगम के कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा ने एक दर्जन युवकों से दस लाख से अधिक रुपये की ठगी (Lucknow Municipal Corporation employee cheated 10 lakhs) की. काफी समय से युवकों को झूठे वादे कर नौकरी का पत्र देने की बात कह रहे कर्मचारी से परेशान जौनपुर से तीन युवक राजधानी में नगर निगम पहुंचे. उन्होंने नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह से मुलाकात कर पूरे मामले की शिकायत कर आरोपी कर्मचारी के विरुद्घ कारवाई की मांग की. नगर निगम के कपूरथला स्थित जोन तीन कार्यालय से जुड़ा मामला है. ठगी करने वाला कर्मचारी उमेश चन्द जोन तीन के स्वास्थ विभाग में गैंग कुली के पद पर तैनात है.

इससे पहले भी कार्यदायी संस्था से निगम में सर्वे कार्य में लगी एक महिला कर्मचारी ने भी नौकरी दिलाने को लेकर कई लोगो से लाखों रुपये की ठगी कर चुकी है. जिसके पश्चात नगर निगम प्रशासन की सख्ती पर निजी संस्था ने उक्त कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर सेवाएं समाप्त कर दी थीं. बताया जा रहा है ठगी के पश्चात से ही उक्त आरोपी कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा बीते काफी समय से अपनी डयूटी पर से भी नदारद है. नगर निगम कर्मचारी की ठगी के शिकार हुए जौनपुर के मछली शहर निवासी तीन युवक सुशील गौतम, राहुल गौतम व सुनील कुमार गौतम गुरुवार को नगर निगम के कपूरथला स्थित जोन तीन कार्यालय पहुंचे थे.

यंहा आरोपी कर्मचारी से मुलाकात न होने पर व नगर निगम के लालबाग स्थित मु यालय भवन पहुँचे थे. वहां आरोपी कर्मचारी के रिश्तेदार से मिलकर पैसा वापस करने की मांग करने समेत नगर निगम के उच्च स्तर के अधिकारियो से मिल कर आरोपी कर्मचारी के विरुद्घ कारवाई की मांग की है. ठगी का शिकार हुए युवकों ने बताया की आरोपी कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा की उनसे मुलाकात बिहार निवासी दिलीप भारती ने करायी थी. इसके पश्चात आरोपी नगर निगम कर्मचारी ने उन्हे वैक्सीनेटर,माली,चपरासी समेत एक दर्जन से अधिक अन्य पदों पर भर्ती कराने का झांसा दिया था. जिसके एवज में उसने कई लाख रुपये की डिमान्ड रखी थी.

इसमें तैनाती से पूर्व एक-एक लाख रुपये तथा बाकी की धनराशि स्थिति के अनुसार धीरे-धीरे देने के लिए कहा था. जिसमे ंउनके ही परिवार के अन्य सदस्यो सुशील,सुनील ,राहुल व अन्य लोगो उदय राज, पति की मृत्यु के पश्चात साथ रह रही बेवा बहन पूनम गौतम,दिनेश कुमार ,कुसुम गौतम व अनीता देवी समेत एक दर्जन लोगो से कई लाख रुपये की अवैध वसूली की है. बार -बार नौकरी दिलाये जाने के दबाव के पश्चात भी कोई भी कारवाई न होने पर शक हुआ तो लखनऊ पहुँच कर जांच पड़ताल की तो सच सामने आया है.

बताया कि तब से लगातार कई बार लखनऊ आकर अपना पैसा वापस मांगने के लिए कहा है. लेकिन आरोपी अब कार्यालय से भी नदारद रहने लगा. मछली शहर निवासी तीनों युवकों ने बताया की गुरुवार को जोन तीन कार्यालय में संपर्क करने की कोशिश की तो आरोपी कर्मचारी के न मिलने पर नगर निगम में तैनात आरोपी के एक रिश्तेदार से मिलकर नगर निगम के अन्य अधिकारियो से मामले की शिकायत कर आरोपी पर कारवाई की मांग कर अपना पैसा वापस दिलाए जाने की मांग की है.

कर निर्धारण में खेल, अधिकारी, कर्मचारियों पर कारवाई: नगर निगम में ग्रहकर निर्धारण में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. जोन 8 में भवन के कर निर्धारण में खेल किए जाने शिकायत के मामले से पर्दा उठा है. नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर कई अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की गई है जबकि कई के खिलाफ कारवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. अपर नगर आयुक्त डा अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अंबी बिष्ट ने शिकायत पर जांच की तो तत्कालीन कर अधीक्षक राम सागर कुशवाहा, राजस्व निरीक्षक शिप्रा सिंह, दोषी मिलीं. इनके खिलाफ आरोप गठित कर स्थानीय निकाय निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी गई है.

लिपिक बलविंदर कौर, प्रतिमा यादव को भी क्षति पहुंचाने और दतित्वों का निर्वहन न करने का दोषी पाया गया है. इनके खिलाफ विभागीय कारवाई शुरू की गई है. वहीं जोनल अधिकारी आकाश को जांच अधिकारी नामित किया गया है. जबकि निजी संस्था के कंप्यूटर ऑपरेटर अजय त्रिपाठी को हटा दिया गया है. भवन संख्या 591/103 का कर निर्धारण एक अप्रैल 2002 से सिर्फ 9180 रूपये था. एक अप्रैल 2010 के सर्वे के आधार पर इसे 33750 तथा एक अप्रैल 2014 के सर्वे रिपोर्ट पर इसे 91800 कर दिया गया. इसके बाद इस मकान का कर निर्धारण एक अप्रैल 2016 को 21420 किया गया. फिर एक अप्रैल 2021 को 274171 कर दिया गया.

कूड़ा गाड़ियों के ड्राइवरों ने वेतन न मिलने पर बंद किया का काम: नगर निगम जोन 3 के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है जिसकी वजह कर्मचारियों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि जोन 3 में करीब तीन सौ से ज्यादा कूड़ा गाड़ियां कूड़ा उठाने के लिए चल रही है. ड्राइवरों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. करीब 105 कूड़ा गाड़ियों के ड्राइवरों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया. हालांकि नगर निगम के अधिकारी ने कर्मचारियों से बात कर कर्मचारियों को आश्वासन दिया है. कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि 2 महीने से अधिक हो जाने के बाद भी हमारी सेलरी नहीं दी गई, इसी को लेकर हम हड़ताल पर गए हैं.

नगर निगम प्रशासन जब तक हमारी सेलरी नही दिला देता, तब तक हम सभी कूड़ा गाड़ियों का संचालन पूरी तरह बंद रखेगें. कर्मचारीयों की माने तो नगर निगम के अधिकारियों से कई बार बात की जा चुकी है, हर बार तारीख देते, सेलरी नही दिलाते, उनकी मांग है ठेका व्यवस्था खत्म करके सीधे नगर निगम अपने कॉन्ट्रेक्ट पर उन्हें रख कर सेलरी दे, ताकि ठेकदारों की लेटलतीफी से उन्हें निजात मिल सके. इन ठेका कर्मचारियों के साथ ऐसा पहली बार नही हुआ, इन ठेका ड्राइवरों को इससे पहले भी सेलरी नही मिलने की शिकायत रही है.

पशु पालकों ने कैटिल कैचिंग दस्ते पर किया हमला: शहरी सीमा में अवैध रुप से डेयरी हटाने पहुंची नगर निगम के कैटिग कैचिंग टीम पर डेरी संचालकों ने हमला कर दिया. कर्मचारियों पर डेरी संचालकों ने ईट-पत्थर से हमला कर निगम की गाड़ियों को भी तोड़ दिया. कई कर्मचारियो की लाठी डण्डों से पिटाई की गई. इससे निगम कर्मी शाहबाज मिर्जा, शिवेक, ए महेंद्र और आकाश कुमार चोटिल हो गए. नगर निगम प्रशासन की ओर से हमला करने वाले एक युवक समेत उसके चार अज्ञात साथियों पर आशियाना थाने में प्राथमीकि दर्ज कराने के लिए पत्र दिया गया है. पशु कल्याण अधिकारी डा अभिनव वर्मा ने बताया कि नगर निगम का कैटिल कैचिंग दस्ता गुरुवार को शिकायत मिलने पर आशियाना इलाके के रुचि खण्ड में अवैध रुप से संचालित हो रही डेरी के विरुद्घ कारवाई करने पहुँचा था. इस दौरान इलाके में चार डेरियों के विरुद्घ कारवाई की गयी. (Crime News UP)

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लखनऊ: नगर निगम में वैक्सीनेटर ,माली, चपरासी समेत अन्य पदों पर भर्ती कराने के नाम पर नगर निगम के कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा ने एक दर्जन युवकों से दस लाख से अधिक रुपये की ठगी (Lucknow Municipal Corporation employee cheated 10 lakhs) की. काफी समय से युवकों को झूठे वादे कर नौकरी का पत्र देने की बात कह रहे कर्मचारी से परेशान जौनपुर से तीन युवक राजधानी में नगर निगम पहुंचे. उन्होंने नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह से मुलाकात कर पूरे मामले की शिकायत कर आरोपी कर्मचारी के विरुद्घ कारवाई की मांग की. नगर निगम के कपूरथला स्थित जोन तीन कार्यालय से जुड़ा मामला है. ठगी करने वाला कर्मचारी उमेश चन्द जोन तीन के स्वास्थ विभाग में गैंग कुली के पद पर तैनात है.

इससे पहले भी कार्यदायी संस्था से निगम में सर्वे कार्य में लगी एक महिला कर्मचारी ने भी नौकरी दिलाने को लेकर कई लोगो से लाखों रुपये की ठगी कर चुकी है. जिसके पश्चात नगर निगम प्रशासन की सख्ती पर निजी संस्था ने उक्त कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर सेवाएं समाप्त कर दी थीं. बताया जा रहा है ठगी के पश्चात से ही उक्त आरोपी कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा बीते काफी समय से अपनी डयूटी पर से भी नदारद है. नगर निगम कर्मचारी की ठगी के शिकार हुए जौनपुर के मछली शहर निवासी तीन युवक सुशील गौतम, राहुल गौतम व सुनील कुमार गौतम गुरुवार को नगर निगम के कपूरथला स्थित जोन तीन कार्यालय पहुंचे थे.

यंहा आरोपी कर्मचारी से मुलाकात न होने पर व नगर निगम के लालबाग स्थित मु यालय भवन पहुँचे थे. वहां आरोपी कर्मचारी के रिश्तेदार से मिलकर पैसा वापस करने की मांग करने समेत नगर निगम के उच्च स्तर के अधिकारियो से मिल कर आरोपी कर्मचारी के विरुद्घ कारवाई की मांग की है. ठगी का शिकार हुए युवकों ने बताया की आरोपी कर्मचारी उमेश चन्द शर्मा की उनसे मुलाकात बिहार निवासी दिलीप भारती ने करायी थी. इसके पश्चात आरोपी नगर निगम कर्मचारी ने उन्हे वैक्सीनेटर,माली,चपरासी समेत एक दर्जन से अधिक अन्य पदों पर भर्ती कराने का झांसा दिया था. जिसके एवज में उसने कई लाख रुपये की डिमान्ड रखी थी.

इसमें तैनाती से पूर्व एक-एक लाख रुपये तथा बाकी की धनराशि स्थिति के अनुसार धीरे-धीरे देने के लिए कहा था. जिसमे ंउनके ही परिवार के अन्य सदस्यो सुशील,सुनील ,राहुल व अन्य लोगो उदय राज, पति की मृत्यु के पश्चात साथ रह रही बेवा बहन पूनम गौतम,दिनेश कुमार ,कुसुम गौतम व अनीता देवी समेत एक दर्जन लोगो से कई लाख रुपये की अवैध वसूली की है. बार -बार नौकरी दिलाये जाने के दबाव के पश्चात भी कोई भी कारवाई न होने पर शक हुआ तो लखनऊ पहुँच कर जांच पड़ताल की तो सच सामने आया है.

बताया कि तब से लगातार कई बार लखनऊ आकर अपना पैसा वापस मांगने के लिए कहा है. लेकिन आरोपी अब कार्यालय से भी नदारद रहने लगा. मछली शहर निवासी तीनों युवकों ने बताया की गुरुवार को जोन तीन कार्यालय में संपर्क करने की कोशिश की तो आरोपी कर्मचारी के न मिलने पर नगर निगम में तैनात आरोपी के एक रिश्तेदार से मिलकर नगर निगम के अन्य अधिकारियो से मामले की शिकायत कर आरोपी पर कारवाई की मांग कर अपना पैसा वापस दिलाए जाने की मांग की है.

कर निर्धारण में खेल, अधिकारी, कर्मचारियों पर कारवाई: नगर निगम में ग्रहकर निर्धारण में एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है. जोन 8 में भवन के कर निर्धारण में खेल किए जाने शिकायत के मामले से पर्दा उठा है. नगर निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर कई अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की गई है जबकि कई के खिलाफ कारवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. अपर नगर आयुक्त डा अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अंबी बिष्ट ने शिकायत पर जांच की तो तत्कालीन कर अधीक्षक राम सागर कुशवाहा, राजस्व निरीक्षक शिप्रा सिंह, दोषी मिलीं. इनके खिलाफ आरोप गठित कर स्थानीय निकाय निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी गई है.

लिपिक बलविंदर कौर, प्रतिमा यादव को भी क्षति पहुंचाने और दतित्वों का निर्वहन न करने का दोषी पाया गया है. इनके खिलाफ विभागीय कारवाई शुरू की गई है. वहीं जोनल अधिकारी आकाश को जांच अधिकारी नामित किया गया है. जबकि निजी संस्था के कंप्यूटर ऑपरेटर अजय त्रिपाठी को हटा दिया गया है. भवन संख्या 591/103 का कर निर्धारण एक अप्रैल 2002 से सिर्फ 9180 रूपये था. एक अप्रैल 2010 के सर्वे के आधार पर इसे 33750 तथा एक अप्रैल 2014 के सर्वे रिपोर्ट पर इसे 91800 कर दिया गया. इसके बाद इस मकान का कर निर्धारण एक अप्रैल 2016 को 21420 किया गया. फिर एक अप्रैल 2021 को 274171 कर दिया गया.

कूड़ा गाड़ियों के ड्राइवरों ने वेतन न मिलने पर बंद किया का काम: नगर निगम जोन 3 के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है जिसकी वजह कर्मचारियों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि जोन 3 में करीब तीन सौ से ज्यादा कूड़ा गाड़ियां कूड़ा उठाने के लिए चल रही है. ड्राइवरों को पिछले दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. करीब 105 कूड़ा गाड़ियों के ड्राइवरों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया. हालांकि नगर निगम के अधिकारी ने कर्मचारियों से बात कर कर्मचारियों को आश्वासन दिया है. कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि 2 महीने से अधिक हो जाने के बाद भी हमारी सेलरी नहीं दी गई, इसी को लेकर हम हड़ताल पर गए हैं.

नगर निगम प्रशासन जब तक हमारी सेलरी नही दिला देता, तब तक हम सभी कूड़ा गाड़ियों का संचालन पूरी तरह बंद रखेगें. कर्मचारीयों की माने तो नगर निगम के अधिकारियों से कई बार बात की जा चुकी है, हर बार तारीख देते, सेलरी नही दिलाते, उनकी मांग है ठेका व्यवस्था खत्म करके सीधे नगर निगम अपने कॉन्ट्रेक्ट पर उन्हें रख कर सेलरी दे, ताकि ठेकदारों की लेटलतीफी से उन्हें निजात मिल सके. इन ठेका कर्मचारियों के साथ ऐसा पहली बार नही हुआ, इन ठेका ड्राइवरों को इससे पहले भी सेलरी नही मिलने की शिकायत रही है.

पशु पालकों ने कैटिल कैचिंग दस्ते पर किया हमला: शहरी सीमा में अवैध रुप से डेयरी हटाने पहुंची नगर निगम के कैटिग कैचिंग टीम पर डेरी संचालकों ने हमला कर दिया. कर्मचारियों पर डेरी संचालकों ने ईट-पत्थर से हमला कर निगम की गाड़ियों को भी तोड़ दिया. कई कर्मचारियो की लाठी डण्डों से पिटाई की गई. इससे निगम कर्मी शाहबाज मिर्जा, शिवेक, ए महेंद्र और आकाश कुमार चोटिल हो गए. नगर निगम प्रशासन की ओर से हमला करने वाले एक युवक समेत उसके चार अज्ञात साथियों पर आशियाना थाने में प्राथमीकि दर्ज कराने के लिए पत्र दिया गया है. पशु कल्याण अधिकारी डा अभिनव वर्मा ने बताया कि नगर निगम का कैटिल कैचिंग दस्ता गुरुवार को शिकायत मिलने पर आशियाना इलाके के रुचि खण्ड में अवैध रुप से संचालित हो रही डेरी के विरुद्घ कारवाई करने पहुँचा था. इस दौरान इलाके में चार डेरियों के विरुद्घ कारवाई की गयी. (Crime News UP)

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