लखनऊः सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर शौचालय बनाने की योजना लांच की थी. इसके लिए जरुरतमंदों के खातों में पैसे भी भेजे. लेकिन, तमाम जिलों में लाभार्थियों ने शौचालय का पैसा निजी कार्यों में खर्च कर दिया. पूर्वांचल के करीब 78000 लाभार्थियों ने ओडीएफ फेस टू योजना के तहत करीब 94 करोड़ की धनराशि अपने निजी खर्चे पर कर दी. पंचायती राज विभाग ने इन लाभार्थियों की पहचान की है. इसके साथ ही उनसे पैसे वसूली तैयारी भी कर रहा है.
बता दें कि सभी संबंधित जिलों में ऐसे लाभार्थियों की पहचान के आधार पर उनसे वसूली की जाएगी या फिर उनके घर में शौचालय निर्माण कराया जाएगा. लोग खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति लगभग बंद कर रहे हैं. ज्यादातर जगहों पर काफी संख्या में शौचालय बने भी हैं. वहीं, पूर्वांचल के 10 जिलों में ओडीएफ फेस-2 का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. पहले चरण में जो लोग अनुदानित शौचालय पाने से वंचित रह गए थे. उनके लिए आवेदन की व्यवस्था भी शुरू की गई है.
पूर्वांचल के 10 जिलों में 5.49 लाख लोगों ने शौचालय के लिए आवेदन किया था. इसके पहले चरण में करीब 1.25 लाख लोगों को प्रति शौचालय के हिसाब से 12 हजार की धनराशि उनके खातों में भेजी गई. वहीं, पूर्वांचल के 10 जिलों में 78000 से अधिक लोगों ने पैसा आने के बाद भी अपना शौचालय बनाया ही नहीं. वहीं, खाते में भेजे गए पैसे को अपने दूसरे खर्चे में उड़ा दिया.
इनमें पूर्वांचल के आजमगढ़ की स्थिति सबसे खराब पायी गयी. यहां करीब 42 हजार लोगों को पहली किस्त की धनराशि मिली. लेकिन, उन्होंने अब तक काम नहीं शुरू कराया. वहीं, सोनभद्र और वाराणसी जिलों की स्थिति काफी बेहतर है. सोनभद्र में मात्र 17 ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने पैसा मिलने के बाद काम नहीं कराया. इसके अलावा वाराणसी में 500 लाभार्थी को डिफाल्टर घोषित किया गया है. गाजीपुर में 6169 लाभार्थी में धनराशि मिलने के बाद भी शौचालय का काम नहीं शुरू कराया.
पंचायती राज विभाग के निदेशक प्रमोद उपाध्याय ने बताया कि जिन भी जिले में धनराशि भेजे जाने के बावजूद लाभार्थियों ने शौचालय निर्माण नहीं कराया है. उन लोगों को नोटिस भेजकर शौचालय निर्माण कराने की दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. शौचालय निर्माण नहीं करने वाले लोगों से पैसे की रिकवरी कराई जाएगी. जिस काम के लिए जो पैसा दिया गया है. वहीं, काम कराया जाना योजना का सर्वोच्च मकसद है.
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