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Groceries Cyber ​​Fraud: घर बैठे ऑनलाइन मंगवा रहे सस्ते दाम पर ग्रॉसरी का समान तो हो जाए सतर्क

यदि आप घर बैठे ही सस्ते दाम पर ऑनलाइन ग्रॉसरी का समान मंगाते हैं तो यह खबर आपके लिए है. सस्ते दाम पर ड्राई फ्रूट्स खरीदने के चक्कर में एक शख्स के क्रेडिट कार्ड से अपने आप 48 हजार रुपये कट गए.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 24, 2023, 9:29 PM IST

Updated : Sep 24, 2023, 9:43 PM IST

लखनऊ: राजधानी के गोमती नगर निवासी गुलाब सिंह को सोशल मीडिया में एक कंपनी में सस्ते दाम पर ड्राई फ्रूट्स की सेल दिखी. उन्होंने उस एड पर क्लिक किया. प्रोडक्ट स्लेक्ट कर अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल भी भर दी. महज, 399 रुपये के समान के लिए उनके क्रेडिट कार्ड से अपने आप 48 हजार रुपये कट गए. यही हाल हुसैनगंज की रहने वाली अनुराधा के साथ हुआ. सस्ती ग्रॉसरी खरीदने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया में एक प्रतिष्ठित ब्रांड के लिंक में क्लिक किया, ग्रॉसरी तो नहीं मिली. लेकिन, उस वेबसाइट पर क्रेडिट कार्ड डिटेल भरने से उनके 57 हजार रुपये ठगों ने ठग लिए. दरअसल, साइबर जालसाज कई प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. ठगों ने इन वेबसाइट्स से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर इंटरनेट मीडिया में उसका प्रचार किया. ज्यादा लोगों से ठगी करने के लिए ठग उन्हें सस्ती ग्रोसरी का लालच दे रहे हैं.

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ठगी से कैसे बचें

ग्रोसरी के नाम पर ठगी: राजधानी गोमती नगर के रहने वाले गुलाब सिंह सोशल मीडिया में अपना टाइम पास कर रहे थे. इसी दौरान उनके सामने एक कंपनी का एक पोस्ट आया और उसमें सस्ते दाम पर ड्राई फ्रूट्स मिल रहे थे. गुलाब सिंह घर बैठे ही सब्जी, ग्रॉसरी मंगवाने के आदी हो चुके हैं. लिहाजा ड्राई फ्रूट्स भी उन्होंने ऑनलाइन मंगवाना ठीक समझा. गुलाब सिंह ने उस पोस्ट पर क्लिक किया तो एक वेबसाइट खुल गई. उसमें उन्होंने ड्राई फ्रूट्स के लिए क्रेडिट कार्ड से 399 रुपये का पेमेंट किया. लेकिन, वह पूर्ण नहीं हो पाया. थोड़ी देर बाद उनके पास 24,210 और 24,412 रुपये कटने के दो मैसेज आए. उन्हें यह समझ में आ चुका था कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है. पीड़ित गुलाब सिंह ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

क्रेडिट कार्ड से ठगी: हुसैनगंज की रहने वाली अनुराधा और उनके पति दोनों ही नौकरी करते हैं. हफ्ते में एक दिन साप्ताहिक अवकाश में दोनों ही घर पर रहते हैं और जो भी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली ग्रॉसरी होती है, उसे ऑनलाइन ही मंगवाना पसंद करते हैं. ऐसे में उन्हें इंटरनेट मीडिया में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारी सेल के विज्ञापन दिखे. उन्होंने एक कंपनी की वेबसाइट पर क्लिक किया और कुल 3 हजार के प्रोडक्ट ऑर्डर कर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर दिया. लेकिन, उनके अतिरिक्त पेमेंट किए बिना ही 57 हजार रुपए कट गए.

इसे भी पढ़े-सावधान! साइबर क्रिमिनल सर्जरी के नाम पर डॉक्टर्स को एडवांस भुगतान का झांसा देकर कर रहे खाता साफ

कैसे कर रहे ठगी: लखनऊ साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू बताते है कि इस तरह की ठगी करने के लिए साइबर जालसाज लोगों को लुभावने ऑफर के बहाने लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं. सतीश साहू के मुताबिक, साइबर अपराधी ओरिजनल जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट्स बनाकर उन्हें इंटरनेट मीडिया में प्रचारित करते हैं. इन फर्जी वेबसाइट्स के नाम, लोगो सबकुछ ओरिजनल वेबसाइट्स जैसे ही होते हैं. जालसाज लोगों को लालच देने के लिए स्कैमर्स ग्रोसरी पर हैवी डिस्काउंट और कैशबैक के ऑफर्स देते है. ऐसे में जब यूजर इन वेबसाइट को बार बार अपने सामने इंटरनेट मीडिया में देखते है तो इन्ही वेबसाइट्स को ओरिजनल समझते हैं. फिर जैसे ही इन वेबसाइट पर पेमेंट करने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड डिटेल भरी जाती है, जालसाज अकाउंट्स से पैसे उड़ा लेते है.

यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते है कि साइबर अपराधी हूबहू ओरिजनल जैसी दिखने वाली वेबसाइट बनाते है. लेकिन, ऐसा नही है कि आम आदमी ओरिजेनल और फर्जी वेबसाइट में अंतर न पता कर सकें. अंतर पता करने के लिए वेबसाइट की स्पेलिंग और बाकी डिटेल्स चेक की जा सकती है. इसके अलावा अधिकतर आप उसी वेबसाइट में अपने कार्ड या बैंक अकाउंट डिटेल भरें जिसके यूआरएल में https लगा हुआ हो. इसके अलावा यदि उस वेबसाइट में पाप-अप ब्रेक आ रहे हैं, यानी यदि आप वेबसाइट के किसी भी हिस्से में क्लिक करते है तो एक दूसरी वेबसाइट खुल रही हो तो ऐसे वेबसाइट से दूर रहे.

यह भी पढ़े-Cyber Fraud: साइबर ठगी के मामले में असिस्टेंट बैंक मैनेजर समेत 8 गिरफ्तार, जानिए क्रेडिट कार्ड देने के नाम पर कैसे करते थे फ्रॉड

लखनऊ: राजधानी के गोमती नगर निवासी गुलाब सिंह को सोशल मीडिया में एक कंपनी में सस्ते दाम पर ड्राई फ्रूट्स की सेल दिखी. उन्होंने उस एड पर क्लिक किया. प्रोडक्ट स्लेक्ट कर अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल भी भर दी. महज, 399 रुपये के समान के लिए उनके क्रेडिट कार्ड से अपने आप 48 हजार रुपये कट गए. यही हाल हुसैनगंज की रहने वाली अनुराधा के साथ हुआ. सस्ती ग्रॉसरी खरीदने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया में एक प्रतिष्ठित ब्रांड के लिंक में क्लिक किया, ग्रॉसरी तो नहीं मिली. लेकिन, उस वेबसाइट पर क्रेडिट कार्ड डिटेल भरने से उनके 57 हजार रुपये ठगों ने ठग लिए. दरअसल, साइबर जालसाज कई प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. ठगों ने इन वेबसाइट्स से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर इंटरनेट मीडिया में उसका प्रचार किया. ज्यादा लोगों से ठगी करने के लिए ठग उन्हें सस्ती ग्रोसरी का लालच दे रहे हैं.

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ठगी से कैसे बचें

ग्रोसरी के नाम पर ठगी: राजधानी गोमती नगर के रहने वाले गुलाब सिंह सोशल मीडिया में अपना टाइम पास कर रहे थे. इसी दौरान उनके सामने एक कंपनी का एक पोस्ट आया और उसमें सस्ते दाम पर ड्राई फ्रूट्स मिल रहे थे. गुलाब सिंह घर बैठे ही सब्जी, ग्रॉसरी मंगवाने के आदी हो चुके हैं. लिहाजा ड्राई फ्रूट्स भी उन्होंने ऑनलाइन मंगवाना ठीक समझा. गुलाब सिंह ने उस पोस्ट पर क्लिक किया तो एक वेबसाइट खुल गई. उसमें उन्होंने ड्राई फ्रूट्स के लिए क्रेडिट कार्ड से 399 रुपये का पेमेंट किया. लेकिन, वह पूर्ण नहीं हो पाया. थोड़ी देर बाद उनके पास 24,210 और 24,412 रुपये कटने के दो मैसेज आए. उन्हें यह समझ में आ चुका था कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है. पीड़ित गुलाब सिंह ने गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

क्रेडिट कार्ड से ठगी: हुसैनगंज की रहने वाली अनुराधा और उनके पति दोनों ही नौकरी करते हैं. हफ्ते में एक दिन साप्ताहिक अवकाश में दोनों ही घर पर रहते हैं और जो भी रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली ग्रॉसरी होती है, उसे ऑनलाइन ही मंगवाना पसंद करते हैं. ऐसे में उन्हें इंटरनेट मीडिया में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारी सेल के विज्ञापन दिखे. उन्होंने एक कंपनी की वेबसाइट पर क्लिक किया और कुल 3 हजार के प्रोडक्ट ऑर्डर कर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर दिया. लेकिन, उनके अतिरिक्त पेमेंट किए बिना ही 57 हजार रुपए कट गए.

इसे भी पढ़े-सावधान! साइबर क्रिमिनल सर्जरी के नाम पर डॉक्टर्स को एडवांस भुगतान का झांसा देकर कर रहे खाता साफ

कैसे कर रहे ठगी: लखनऊ साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू बताते है कि इस तरह की ठगी करने के लिए साइबर जालसाज लोगों को लुभावने ऑफर के बहाने लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं. सतीश साहू के मुताबिक, साइबर अपराधी ओरिजनल जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट्स बनाकर उन्हें इंटरनेट मीडिया में प्रचारित करते हैं. इन फर्जी वेबसाइट्स के नाम, लोगो सबकुछ ओरिजनल वेबसाइट्स जैसे ही होते हैं. जालसाज लोगों को लालच देने के लिए स्कैमर्स ग्रोसरी पर हैवी डिस्काउंट और कैशबैक के ऑफर्स देते है. ऐसे में जब यूजर इन वेबसाइट को बार बार अपने सामने इंटरनेट मीडिया में देखते है तो इन्ही वेबसाइट्स को ओरिजनल समझते हैं. फिर जैसे ही इन वेबसाइट पर पेमेंट करने के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड डिटेल भरी जाती है, जालसाज अकाउंट्स से पैसे उड़ा लेते है.

यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते है कि साइबर अपराधी हूबहू ओरिजनल जैसी दिखने वाली वेबसाइट बनाते है. लेकिन, ऐसा नही है कि आम आदमी ओरिजेनल और फर्जी वेबसाइट में अंतर न पता कर सकें. अंतर पता करने के लिए वेबसाइट की स्पेलिंग और बाकी डिटेल्स चेक की जा सकती है. इसके अलावा अधिकतर आप उसी वेबसाइट में अपने कार्ड या बैंक अकाउंट डिटेल भरें जिसके यूआरएल में https लगा हुआ हो. इसके अलावा यदि उस वेबसाइट में पाप-अप ब्रेक आ रहे हैं, यानी यदि आप वेबसाइट के किसी भी हिस्से में क्लिक करते है तो एक दूसरी वेबसाइट खुल रही हो तो ऐसे वेबसाइट से दूर रहे.

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Last Updated : Sep 24, 2023, 9:43 PM IST
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