लखनऊः राजधानी में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अस्पताल आया एक दुष्कर्म का बंदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने बंदी की तलाश में उसके घर पर दबिश दी. लेकिन, वह वहां नहीं मिला. बंदी को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमे लगाई गई हैं. बंदी के खिलाफ रविवार को एक दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म और और मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था.
इंस्पेक्टर बाजारखाला अजय नारायण सिंह ने बताया कि ऐशबाग के करेहटा के रहने वाले संदीप तिवारी को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. उसके खिलाफ बाजारखाला कोतवाली की एक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने, दुष्कर्म और मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद उसे दो सिपाही सुजीत कुमार और उमाकांत की अभिरक्षा में चिकित्सकीय परीक्षण के लिए राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल भेजा गया. यहां चेकअप के बाद सिपाही रजिस्टर पर दस्तखत करने लगे. इस बीच ही संदीप ने सिपाही का हाथ झटक दिया और वहां से भाग निकाला.
इंस्पेक्टर बाजारखाला के अनुसार, बंदी को पकड़ने के लिए सिपाहियों ने कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया. लेकिन, उसे पकड़ नहीं सके. सिपाहियों ने काफी देर तक आस-पास उसकी तलाश की. लेकिन, उसका कुछ पता नहीं चला. इसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचना दी. फिलहाल, उसे पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं. लगातार उसके घर और अन्य जगहों पर दबिश दी जा रही है.
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