लखनऊ: भ्रष्टाचार के मामले में कानपुर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विनय पाठक (Kanpur University Vice Chancellor Vinay Pathak) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले डेविड मारियो डेनिस को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को गिरफ्तार (Enforcement Directorate arrested David Mario) कर लिया. सूत्रों के मुताबिक यह गिरफ्तारी आगरा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस और बीएएमएस परीक्षा की कॉपियां बदलने के मामले में हुई. दरअसल, आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में एमबीबीएस और बीएएमएस परीक्षा की कॉपियां बदलने के मामले में ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. इसी के तहत 28 जून को एजेंसी ने आगरा, लखनऊ, कानपुर, कासगंज, फिरोजाबाद, दिल्ली के ठिकानों पर छापेमारी की थी.
VC विनय पाठक के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा: 27 अगस्त 2022 को आगरा विश्वविद्यालय के तत्कालीन वीसी विनय कुमार पाठक के निर्देश पर गणित विभाग के अध्यक्ष संजीव कुमार ने हरिपर्वत थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इसमें परीक्षा केंद्र सेंट जोंस कॉलेज से परीक्षा कराने वाली एजेंसी के पास कॉपियां ले जाने वाले टेंपो चालक देवेंद्र को आरोपी बनाया गया था. पुलिस ने अपनी जांच में देवेंद्र के अलावा भीकम सिंह, शैलेंद्र बघेल उर्फ शैलू, उमेश, छात्रनेता राहुल पाराशर, शिवकुमार दिवाकर, कासगंज निवासी पुनीत, कानपुर निवासी अतुल, जौनपुर निवासी दुर्गेश कुमार को गिरफ्तार किया था.
परीक्षा की कॉपी की होती थी हेरा फेरी: पुलिस की जांच में सामने आया था कि एमबीबीएस और बीएएमएस के परीक्षा केंद्र से परीक्षा के बाद कॉपी एकत्र कर एजेंसी भेजी जाती थीं. कॉपी ले जाने वाला टैंपो चालक देवेंद्र इन कॉपियों को मथुरा निवासी छात्र नेता राहुल पराशर को देता था. इसके बाद राहुल अपने साथियों के साथ इन कॉपियों को हेरा फेरी करता था. इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि पुलिस ने अपनी चार्जशीट में डेविड मारियो को आरोपी नहीं बनाया था.
पूछताछ करने के बाद ED ने डेविड को किया गिरफ्तार: पुलिस के अलावा इस मामले की ईडी भी जांच कर रही थी. सूत्रों के अनुसार, एजेंसी को डेविड और उसकी एजेंसी डिजिटेक्स टेक्लोनॉजीज़ के खिलाफ सबूत मिले, तो डेविड को पूछताछ के लिए कई बार बुलाया गया था. बीते गुरुवार को भी एजेंसी ने डेविड मारियो को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. एजेंसी ने शुक्रवार तक पूछताछ करने के बाद डेविड को गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने डेविड के साथ ही जमानत पर छूटे छात्र नेता राहुल पराशर और टेंपो चालक देवेंद्र को भी गिरफ्तार किया है.
डेविड ने विनय पाठक के खिलाफ दर्ज कराई थी FIR: लखनऊ के इंदिरानगर थाने में 26 अक्टूबर को डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज़ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने वर्तमान में कानपुर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि, उनकी कंपनी वर्ष 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है.
वर्ष 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ, तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज़ ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच वर्ष 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपये बिल बकाया हो गया था. इसी दौरान जनवरी 2022 में आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला, तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की थी.
डेविड द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की जांच शासन ने यूपी एसटीएफ से करवाई. एसटीएफ ने इस मामले में अपनी जांच के दौरान तत्कालीन आगरा के भीम राव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी के वीसी विनय पाठक के खिलाफ कई सबूत इकट्ठे किए थे. इस मामले में एसटीएफ ने पाठक के करीबी अजय मिश्रा, अजय जैन और संतोष सिंह को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए योगी सरकार ने सिफारिश की थी. अब सीबीआई इस पूरे मामले की जांच कर रही है, हालांकि डेविड मारियो एक बार भी सीबीआई के सामने अपने बयान दर्ज कराने नही पहुंचे थे. (Crime News Lucknow)