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AI से ठगी: साले को जज की आवाज में व्हाट्सएप कॉल; दोस्त के साथ हादसे का झांसा दे 1.5 लाख खाते में ट्रांसफर कराए - लखनऊ की खबर

शातिर ठग अब एआई तकनीक से ठगी अंजाम देने लगे हैं. कुछ ऐसा ही मामला लखनऊ में सामने आया है.चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 6:40 AM IST

Updated : Dec 20, 2023, 10:19 AM IST

लखनऊ: दिल्ली के एक जज के साले को उसके बहनोई की आवाज में किसी ने कॉल की और बताया कि उनके साथ सड़क हादसा हो गया है. उसे पैसों की जरूरत है. जज के साले ने डेढ़ लाख रुपए ऑनलाइन बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए. थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपने बहनोई को कॉल की तो पता चला उन्होंने तो कोई कॉल ही नही की. पीड़ित को अहसास हो गया कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. पीड़ित ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

राजधानी स्थित प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कार्यालय में तैनात फूलचंद्र दिवाकर के जीजा दिल्ली में जज हैं. उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई. कॉलर की आवाज उनके बहनोई जैसी सुनाई दी. पीड़ित के अनुसार कॉल उठाने पर बहनोई की आवाज में किसी शख्स ने कहा कि एक काम के चलते वह लखनऊ आए थे, लेकिन यहां उनके साथ आया दोस्त सड़क हादसे में घायल हो गया हैं. इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. कॉल करने वाले ने पीड़ित को ई-वॉलट आईडी दी, जिसमे फूलचंद्र ने एक लाख 58 हजार रुपये जमा कर दिए. थोड़ी देर बाद जब पीड़ित फूलचंद्र ने अपने बहनोई को कॉल कर उनके घायल दोस्त की स्थिति पूछी तो उनके बहनोई ने किसी भी सड़क हादसे और पैसों के मांगने की बात होने से अनभिज्ञता जताई. हुसैनगंज इंस्पेक्टर जितेश कुमार सिंह के मुताबिक पीड़ित से धोखाधड़ी से जिस खाते में पैसा ट्रांसफर करवाया गया ही वह लखनऊ में ही संचालित हो रहा है.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस यानी कि एआई टेक्नोलॉजी का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं. यही साइबर ठग पहले सोशल मीडिया में फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों के करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांगते थे, लेकिन अब शातिर ठग आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस की डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. अमित कहते है कि यह तकनीकी बहुत खतरनाक हैं, क्योंकि इसमें अब आपके जानने वालों की वीडियो कॉलिंग और ऑडियो कॉलिंग में हू-ब-हू उनके जैसे चेहरे और आवाज में बातचीत कर पैसा उड़ाया जा सकता है. लोगों को सावधान रहने की आवश्कयता है.




ऐसे होती है ठगी

  • आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस डीपफेक एक पावर्ड फेस-स्वैपिंग चीन की टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से ठग खुद पीड़ित का करीबी रिश्तेदार या दोस्त बन वीडियो या ऑडियो कॉल करता है और उन्हें ठगने की कोशिश करता है।
  • साइबर ठग आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस की डीपफेक टेक्नोलॉजी की इस्तेमाल कर वीडियो और ऑडियो कॉल लोगों से जरूरत के लिए पैसों की मांग करता है. ऐसे में लोग आवाज और चेहरा रिशेतदार का सुन देख झांसे में आ जाते है और मदद के लिए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं.
  • हाल ही में सामने आए केस स्टडी के अनुसार, आर्टिफीशियल इंटिलेजेंस के जरिए वीडियो या ऑडियो पर बात करने वाला जालसाज बहुत जल्दबाजी में रहेगा और आपसे पैसों की मांग करेगा.



    ऐसे करे अपना बचाव
    यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते है कि ऐसे ठगों से बचने के लिए बचने का सबसे बड़ा हथियार सावधानी और जागरूकता है. फिर भी इस ठगी के तरीके से बचने के लिए कई बातें ध्यान रख सकते है. जैसे वीडियो की क्वालिटी, इस तरह की वीडियो कॉल की वीडियो गुणवत्ता खराब होती है. दूसरा यदि कोई आपका करीबी वीडियो कॉल करेगा तो वह अपने हो नंबर से करेगा तो ऐसे में आप उसके व्हाट्सएप नंबर पर ध्यान दें. सतीश साहू के अनुसार, वीडियो कॉल के दौरान पहले उसकी अच्छी तरह से जांच कर लें, तभी आगे कोई कदम उठाएं. साथ ही दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करते रहें.

लखनऊ: दिल्ली के एक जज के साले को उसके बहनोई की आवाज में किसी ने कॉल की और बताया कि उनके साथ सड़क हादसा हो गया है. उसे पैसों की जरूरत है. जज के साले ने डेढ़ लाख रुपए ऑनलाइन बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए. थोड़ी देर बाद जब उन्होंने अपने बहनोई को कॉल की तो पता चला उन्होंने तो कोई कॉल ही नही की. पीड़ित को अहसास हो गया कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस धोखाधड़ी का शिकार हो गया है. पीड़ित ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

राजधानी स्थित प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कार्यालय में तैनात फूलचंद्र दिवाकर के जीजा दिल्ली में जज हैं. उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई. कॉलर की आवाज उनके बहनोई जैसी सुनाई दी. पीड़ित के अनुसार कॉल उठाने पर बहनोई की आवाज में किसी शख्स ने कहा कि एक काम के चलते वह लखनऊ आए थे, लेकिन यहां उनके साथ आया दोस्त सड़क हादसे में घायल हो गया हैं. इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. कॉल करने वाले ने पीड़ित को ई-वॉलट आईडी दी, जिसमे फूलचंद्र ने एक लाख 58 हजार रुपये जमा कर दिए. थोड़ी देर बाद जब पीड़ित फूलचंद्र ने अपने बहनोई को कॉल कर उनके घायल दोस्त की स्थिति पूछी तो उनके बहनोई ने किसी भी सड़क हादसे और पैसों के मांगने की बात होने से अनभिज्ञता जताई. हुसैनगंज इंस्पेक्टर जितेश कुमार सिंह के मुताबिक पीड़ित से धोखाधड़ी से जिस खाते में पैसा ट्रांसफर करवाया गया ही वह लखनऊ में ही संचालित हो रहा है.


साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस यानी कि एआई टेक्नोलॉजी का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं. यही साइबर ठग पहले सोशल मीडिया में फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों के करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे मांगते थे, लेकिन अब शातिर ठग आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस की डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. अमित कहते है कि यह तकनीकी बहुत खतरनाक हैं, क्योंकि इसमें अब आपके जानने वालों की वीडियो कॉलिंग और ऑडियो कॉलिंग में हू-ब-हू उनके जैसे चेहरे और आवाज में बातचीत कर पैसा उड़ाया जा सकता है. लोगों को सावधान रहने की आवश्कयता है.




ऐसे होती है ठगी

  • आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस डीपफेक एक पावर्ड फेस-स्वैपिंग चीन की टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से ठग खुद पीड़ित का करीबी रिश्तेदार या दोस्त बन वीडियो या ऑडियो कॉल करता है और उन्हें ठगने की कोशिश करता है।
  • साइबर ठग आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस की डीपफेक टेक्नोलॉजी की इस्तेमाल कर वीडियो और ऑडियो कॉल लोगों से जरूरत के लिए पैसों की मांग करता है. ऐसे में लोग आवाज और चेहरा रिशेतदार का सुन देख झांसे में आ जाते है और मदद के लिए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं.
  • हाल ही में सामने आए केस स्टडी के अनुसार, आर्टिफीशियल इंटिलेजेंस के जरिए वीडियो या ऑडियो पर बात करने वाला जालसाज बहुत जल्दबाजी में रहेगा और आपसे पैसों की मांग करेगा.



    ऐसे करे अपना बचाव
    यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते है कि ऐसे ठगों से बचने के लिए बचने का सबसे बड़ा हथियार सावधानी और जागरूकता है. फिर भी इस ठगी के तरीके से बचने के लिए कई बातें ध्यान रख सकते है. जैसे वीडियो की क्वालिटी, इस तरह की वीडियो कॉल की वीडियो गुणवत्ता खराब होती है. दूसरा यदि कोई आपका करीबी वीडियो कॉल करेगा तो वह अपने हो नंबर से करेगा तो ऐसे में आप उसके व्हाट्सएप नंबर पर ध्यान दें. सतीश साहू के अनुसार, वीडियो कॉल के दौरान पहले उसकी अच्छी तरह से जांच कर लें, तभी आगे कोई कदम उठाएं. साथ ही दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करते रहें.

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Last Updated : Dec 20, 2023, 10:19 AM IST
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