लखनऊ: साल 2017 में योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, वैसे ही बादशाहों ने अपराध न करने की शपथ ले ली थी. नतीजन जिन्होंने शपथ तोड़ी वो एनकाउंटर में ढेर हो गए. एक बार फिर अपराध की दुनिया से ताल्लुक रखने वाले अपने बिल से बाहर आकर पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे है.
राजधानी में पहले 10 किलोमीटर तक पीछाकर फायरिंग करने का मामला सामने आया. इसका खुद सीएम योगी ने संज्ञान लिया तो कार्यवाही हुई. अब फिर मई महीने के पहले ही दिन अपराधियों ने गोली की तड़तड़ाहट से राजधानी में हड़कम मचा दिया. इसके चलते लोगों के मन में डर का माहौल है. एक ही सवाल पनप रहा है कि क्या एनकाउंटर का डर अब अपराधियों में नहीं बचा.
कार को ओवरटेक कर की 4 राउंड फायरिंग : एक मई की रात दो अलग-अलग घटनाओं को अपराधियों ने अंजाम देकर सनसनी मचा दी थी. पहली घटना बीबीडी थाना अंतर्गत घटी जहां रात साढ़े 8 बजे हासेमऊ गांव के प्रधान के बड़े भाई राजकरन यादव उर्फ गंगू की कार को ओवरटेक कर बदमाशों ने 4 राउंड फायरिंग कर दी. हालांकि राजकरन के हाथ में गोली लगी और बाल-बाल बच गए. घटना के पीछे मां की हत्या का बदला लेने का एंगल सामने आया.
शराब पिला प्रोपर्टी डीलर के पेट मे मारी गोली : इस घटना के महज 3 घंटे बाद लखनऊ एक बार फिर गोलियों की आवाज से कांप उठा. राजधानी के पाॅश इलाके गोमतीनगर के विनीतखंड स्थित मकान में प्रॉपर्टी डीलरों की शराब की पार्टी के दौरान एक प्रॉपर्टी डीलर विजय शंकर सिंह को प्रतापगढ़ से आए अपराधियों ने गोली मार दी. विजय के पेट मे गोली लगी थी जिसे गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. गोली मारने का आरोप प्रतापगढ़ के दबंग अजय सिंह और वाराणसी के संदीप पर लगा. यहीं नहीं, इस गोलीकांड के पीछे सुल्तानपुर के एक बड़े माफिया का नाम सामने आ रहा है.
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पुलिसिंग पर सवाल : बीते दिनों जिस तरह अपराधी सड़कों पर आतंक मचा रहे है. उससे लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट पर सवार उठ रहे है. सवाल इस लिए भी उठ रहे है क्योंकि हर जोन में दो आईपीएस अधिकारी तैनात है. भारी भरकम थानों और क्राइम ब्रांच की फौज ने मोर्चा संभाला है. उसके बावजूद अपराधी सड़क पर पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे हैं. बीते 17 अप्रैल को वाटरपार्क से आ रहे अभिषेक सिंह की कार में अपराधियों ने तीन थानों से गुजरते हुए 10 किलोमीटर तक फायरिंग की. इसके बाद फरार हो गए. घटना का जब संज्ञान खुद सीएम योगी ने लिया, तब जाकर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की.
यूपी के डीजीपी रहे एके जैन का मानना है कि देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है. इसी बीच रमजान, जुलूस और ईद के चलते अधिकतम पुलिस फोर्स संवेदनशील इलाकों और जुलूस को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर लगा था. इस कारण रियल पुलिसिंग नहीं हो पा रही थी. इसका फायदा अपराधी उठा रहे थे. अब जब सभी त्योहार शांतिपूर्ण संपन्न हो गए तो पुलिस भी रियल पुलिसिंग की तरफ लौट रही है. इससे ऐसी आपराधिक घटनाओं में कमी आएगी.
वहीं, लखनऊ के संयुक्त पुलिस कमिश्नर अपराध नीलाब्जा चौधरी का कहना है कि पूर्व में जितनी भी घटनाएं हुई है. उनमें आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई है जबकि बीबीडी और गोमतीनगर में हुई घटना का अनावरण के लिए टीम गठित की गई है. जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा.
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