लखनऊ: विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार के बाद मैच को लेकर जो उत्साह लखनऊ में था, वह ठंडा पड़ गया. जहां-जहां बड़ी स्क्रीन पर मैच का प्रसारण हो रहा था, 30 ओवर बीतने तक सन्नाटा छाने लगा. लोग अपने घरों की ओर जाने लगे थे. कुछ लोग जो रुके हुए भी थे, वह मैंच समाप्त होने से पहले जा चुके थे. शहर में अभूतपुर था. क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि भारतीय टीम ने उस तरह का खेल नहीं खेला, जैसी उनसे उम्मीद थी. यह बात दीगर है कि पिछले 10 मैच में टीम इंडिया ने शानदार खेल खेलकर एक छाप जरूर छोड़ी. मगर फाइनल मैच का दुर्भाग्य हमारे साथ जारी है. अपने देश में विश्व न जीतने का गम लखनऊ के क्रिकेट प्रेमियों को सताता रहा.
मैच समाप्त होने से पहले ही निकल गए प्रशंसक
केडी सिंह बाबू स्टेडियम का बैडमिंटन हॉल, विश्वविद्यालय का पवेलियन ग्राउंड या फिर सेंट जोसफ स्कूल का सभागार हो, सभी जगह प्रशंसक निराश होकर मैच समाप्त होने से काफी पहले ही निकल गए. विश्वविद्यालय ग्राउंड में मैच देखने आईं प्रकृति ने बताया कि भारत ने अब तक कितना अच्छा खेला और फाइनल में बहुत निराश किया. पहले बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया और उसके बाद गेंदबाजी और फील्डिंग में भी निराश किया. हमको बहुत उम्मीद थी कि टीम इंडिया इस बार विश्व कप जीतेगी. मगर या इतना निराशाजनक है कि शायद पूरे जीवन याद रहेगा.
चहेते खिलाड़ियों ने किया निराश
बाबू स्टेडियम के वरिष्ठ क्रिकेटर मोहम्मद आसिफ ने बताया कि बहुत जोश था बच्चों में जो कि यहां देखने आए थे. सबको बहुत निराशा हुई और मैच समाप्त होने से पहले वे यहां से निकल गए. मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा सभी ने बहुत निराश किया. सिराज तो विकेट लेने के नजदीक भी नजर नहीं आए. ऐसा खेल बहुत ही खराब लगा.
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