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कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या, जानिए विशेषज्ञों की राय - यूपी में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी है. ऐसे में पाॅजिटिव निकल रहे मरीज कुछ ज्यादा ही संवेदनशील हो रहे हैं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ बढ़ रही है. डाॅक्टरों के अनुसार पाॅजिटिव मरीजों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है.

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Published : Apr 12, 2023, 9:11 AM IST

कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.

लखनऊ : कोरोना वायरस ने एक बार फिर से यूपी में दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इन मरीजों को सबसे अधिक समस्या सांस लेने में हो रही है. बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ. आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि निश्चित तौर पर एक बार फिर से कोरोना वायरस के मरीज मिल रहे हैं. इस बार ओमीक्रोन XBB.1.16 वैरीयंट की ही जिनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है. अभी उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज तो बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी वायरस खतरनाक नहीं हुआ है. इसके लिए जरूरी है कि अस्पतालों में पहले से ही व्यवस्था पूरी की जाए.

डॉ. आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि अभी अस्पताल की ओपीडी में हाल-फिलहाल में अधिक सीरियस केस नहीं आ रहे हैं. बहुत ही नॉर्मल मरीज आ रहे हैं, लेकिन जो मरीज आ रहे हैं, उनकी आरटीपीआर जांच कराई जा रही है. ताकि अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनका इलाज उसी तरह से शुरू किया जाएगा. ओपीडी में कुछ मरीज ऐसे आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है. वैसे तो यह नॉर्मल मरीज हैं, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते केस को लेकर इन मरीजों में नर्वसनेस और डर हो जाता है. जिसके कारण उन्हें और भी समस्या उत्पन्न होने लगती हैं. इन दिनों गले में चुभन होने की समस्या से भारी संख्या में अस्पताल की ओपीडी में मरीज पहुंच रहे हैं. मरीजों को गले में चुभन, हल्की सर्दी जुखाम बुखार हो रहा है और इनकी कोविड जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं.

कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.
कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर घर सबसे ज्यादा खतरनाक थी. कोरोना वायरस ने सभी के बॉडी ऑर्गन को प्रभावित किया है. यही कारण है कि कोविड के बाद से हार्ट अटैक के किस उम्र में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम बढ़ गया है. यही कारण है कि कोरोना वायरस का असर मानव शरीर के सभी ऑर्गन पर पड़ा है. फेफड़ों से लेकर धमनियों तक इसका असर देखने को मिला है. ब्लड क्लॉट हो जाने के कारण मरीज को हार्टअटैक आ जाता है. हालांकि इस समय स्थिति अभी नार्मल है, लेकिन स्थिति बिगड़ने में तनिक भी समय नहीं लगता है.कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी : हाल ही में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि बेहतर कोविड प्रबन्धन के लिए चार स्तरों पर अलग-अलग निर्देश दिया गया है. इसमें कोविड सैम्पलिंग, सर्विलांस और संवेदीकरण गतिविधियां, रैपिड रिस्पांस टीम की क्रियाशीलता व चिकित्सालयों के लिए निर्देश शामिल हैं. उन्होंने कोविड सैम्पलिंग के लिए सभी कोविड प्रयोगशालाओं की पूर्ण सक्रियता सुनिश्चित करने और जीनोम सिक्वन्सिंग के लिए कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैम्पल माइक्रोवायोलॉजी लैब केजीएमयू भेजने के निर्दश दिया है. इसके अलावा लक्षणयुक्त मरीजों का परीक्षण 24 घंटे के अन्दर करा लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सर्विलांस और संवेदीकरण के लिए निर्देशित किया गया है. जनपदों में स्थापित इन्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर दोबारा सक्रिय करने के साथ विदेश यात्रा से आने वाले व्यक्तियों की कोविड रोग बचाव के लिए निगरानी के रखने को कहा गया है. जनपद और ब्लाॅक स्तर पर गठित निगरानी समिति एवं आरआरटी टीमों का दोबारा संवेदीकरण करने, आवश्यकता पड़ने पर पूर्व की भांति आशा, आंगनबाड़ी वर्कर व ग्राम निगरानी टीम सदस्य लक्षणयुक्त मरीजों को मेडीसिन किट का वितरण करने, बेहतर व त्वरित रिस्पांस के लिए निर्देश दिया गया है. रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा सूचना प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर कोविड पॉजीटिव व्यक्ति का गृह भ्रमण कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.


यह भी पढ़ें : लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का चुनाव 29 अप्रैल को, 18 अप्रैल को होगा नामांकन

कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.

लखनऊ : कोरोना वायरस ने एक बार फिर से यूपी में दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. इन मरीजों को सबसे अधिक समस्या सांस लेने में हो रही है. बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ. आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि निश्चित तौर पर एक बार फिर से कोरोना वायरस के मरीज मिल रहे हैं. इस बार ओमीक्रोन XBB.1.16 वैरीयंट की ही जिनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है. अभी उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीज तो बढ़ रहे हैं, लेकिन अभी वायरस खतरनाक नहीं हुआ है. इसके लिए जरूरी है कि अस्पतालों में पहले से ही व्यवस्था पूरी की जाए.

डॉ. आनंद कुमार गुप्ता ने बताया कि अभी अस्पताल की ओपीडी में हाल-फिलहाल में अधिक सीरियस केस नहीं आ रहे हैं. बहुत ही नॉर्मल मरीज आ रहे हैं, लेकिन जो मरीज आ रहे हैं, उनकी आरटीपीआर जांच कराई जा रही है. ताकि अगर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उनका इलाज उसी तरह से शुरू किया जाएगा. ओपीडी में कुछ मरीज ऐसे आ रहे हैं जिन्हें सांस लेने में समस्या हो रही है. वैसे तो यह नॉर्मल मरीज हैं, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते केस को लेकर इन मरीजों में नर्वसनेस और डर हो जाता है. जिसके कारण उन्हें और भी समस्या उत्पन्न होने लगती हैं. इन दिनों गले में चुभन होने की समस्या से भारी संख्या में अस्पताल की ओपीडी में मरीज पहुंच रहे हैं. मरीजों को गले में चुभन, हल्की सर्दी जुखाम बुखार हो रहा है और इनकी कोविड जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही हैं.

कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.
कोविड पॉजिटिव मरीजों को वायरस के डर से हो रही सांस लेने में समस्या.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर घर सबसे ज्यादा खतरनाक थी. कोरोना वायरस ने सभी के बॉडी ऑर्गन को प्रभावित किया है. यही कारण है कि कोविड के बाद से हार्ट अटैक के किस उम्र में भी बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम बढ़ गया है. यही कारण है कि कोरोना वायरस का असर मानव शरीर के सभी ऑर्गन पर पड़ा है. फेफड़ों से लेकर धमनियों तक इसका असर देखने को मिला है. ब्लड क्लॉट हो जाने के कारण मरीज को हार्टअटैक आ जाता है. हालांकि इस समय स्थिति अभी नार्मल है, लेकिन स्थिति बिगड़ने में तनिक भी समय नहीं लगता है.कोविड को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी : हाल ही में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि बेहतर कोविड प्रबन्धन के लिए चार स्तरों पर अलग-अलग निर्देश दिया गया है. इसमें कोविड सैम्पलिंग, सर्विलांस और संवेदीकरण गतिविधियां, रैपिड रिस्पांस टीम की क्रियाशीलता व चिकित्सालयों के लिए निर्देश शामिल हैं. उन्होंने कोविड सैम्पलिंग के लिए सभी कोविड प्रयोगशालाओं की पूर्ण सक्रियता सुनिश्चित करने और जीनोम सिक्वन्सिंग के लिए कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैम्पल माइक्रोवायोलॉजी लैब केजीएमयू भेजने के निर्दश दिया है. इसके अलावा लक्षणयुक्त मरीजों का परीक्षण 24 घंटे के अन्दर करा लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सर्विलांस और संवेदीकरण के लिए निर्देशित किया गया है. जनपदों में स्थापित इन्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर दोबारा सक्रिय करने के साथ विदेश यात्रा से आने वाले व्यक्तियों की कोविड रोग बचाव के लिए निगरानी के रखने को कहा गया है. जनपद और ब्लाॅक स्तर पर गठित निगरानी समिति एवं आरआरटी टीमों का दोबारा संवेदीकरण करने, आवश्यकता पड़ने पर पूर्व की भांति आशा, आंगनबाड़ी वर्कर व ग्राम निगरानी टीम सदस्य लक्षणयुक्त मरीजों को मेडीसिन किट का वितरण करने, बेहतर व त्वरित रिस्पांस के लिए निर्देश दिया गया है. रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा सूचना प्राप्त होने के 24 घण्टे के अन्दर कोविड पॉजीटिव व्यक्ति का गृह भ्रमण कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.


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