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यूपी के इको टूरिज्म को कोरोना का झटका, 15 दिनों में 191 पर्यटक पहुंचे

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है, लेकिन कोरोना ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रदेश के तीन मुख्य इको पर्यटन क्षेत्रों में 15 दिनों में सिर्फ 191 पर्यटक ही पहुंचे.

अरण्य विकास भवन लखनऊ
अरण्य विकास भवन लखनऊ
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Published : Nov 24, 2020, 4:20 PM IST

लखनऊः कोरोना का असर यूपी के मुख्य वन पर्यटन क्षेत्रों में भी पड़ रहा है. कोविड-19 संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्य वन पर्यटन क्षेत्र दुधवा राष्ट्रीय उद्यान लखीमपुर, चूका टाइगर रिजर्व पीलीभीत और कतर्निया वन्यजीव अभ्यारण्य बहराइच में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. इस बार इन पर्यटन क्षेत्रों को 1 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक मात्र 191 पर्यटक ही इन क्षेत्रों में पर्यटन के लिए पहुंचे हैं.

इको पर्यटन में दर्ज हुई गिरावट.

कहां कितने पहुंचे पर्यटक
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान लखीमपुर में 15 दिनों में 130 पर्यटक पहुंचे. वहीं कतर्निया वन्यजीव घाट बहराइच में 56 पर्यटक पहुंचे और चूका टाइगर रिजर्व पीलीभीत में पांच पर्यटक ही 15 दिनों में पहुंचे.

पिछले वर्ष की अपेक्षा संख्या में गिरावट
वन विभाग इको टूरिज्म जनरल मैनेजर ईवा शर्मा ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो. पर्यटकों की गिर रही संख्या के पीछे बड़ा कारण कोविड-19 माना जा रहा है. पर्यटकों की संख्या इतनी भी नहीं गिरी है, जिससे निराश हुआ जाए. उत्साहजनक परिणाम तो नहीं है, लेकिन परिणाम संतोषजनक जरूर है. इसे बेहतर करने के लिए काम किया जा रहा है.

कोविड-19 में लगाई गई पाबंदी
ईवा शर्मा ने बताया कि इस बार कोविड-19 संक्रमण को लेकर इन पर्यटन क्षेत्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. इसके लिए कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. पर्यटन क्षेत्रों में 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष की आयु से अधिक के बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.

पर्यटन सत्र में पहुंचे थे 28,000 पर्यटक
वर्ष 2019 में पर्यटन सत्र 15 नवंबर से लेकर 18 मार्च तक चलाया गया था. इस दौरान तीनों पर्यटन क्षेत्रों में 28,000 पर्यटक पहुंचे थे. इस वर्ष पर्यटन सत्र 15 दिन पहले 1 नवंबर को शुरू किया गया है. शुरुआती 15 दिनों में 191 पर्यटक पहुंचे हैं.

लखनऊः कोरोना का असर यूपी के मुख्य वन पर्यटन क्षेत्रों में भी पड़ रहा है. कोविड-19 संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के मुख्य वन पर्यटन क्षेत्र दुधवा राष्ट्रीय उद्यान लखीमपुर, चूका टाइगर रिजर्व पीलीभीत और कतर्निया वन्यजीव अभ्यारण्य बहराइच में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है. इस बार इन पर्यटन क्षेत्रों को 1 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था. 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक मात्र 191 पर्यटक ही इन क्षेत्रों में पर्यटन के लिए पहुंचे हैं.

इको पर्यटन में दर्ज हुई गिरावट.

कहां कितने पहुंचे पर्यटक
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, दुधवा राष्ट्रीय उद्यान लखीमपुर में 15 दिनों में 130 पर्यटक पहुंचे. वहीं कतर्निया वन्यजीव घाट बहराइच में 56 पर्यटक पहुंचे और चूका टाइगर रिजर्व पीलीभीत में पांच पर्यटक ही 15 दिनों में पहुंचे.

पिछले वर्ष की अपेक्षा संख्या में गिरावट
वन विभाग इको टूरिज्म जनरल मैनेजर ईवा शर्मा ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्ष की अपेक्षा पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो. पर्यटकों की गिर रही संख्या के पीछे बड़ा कारण कोविड-19 माना जा रहा है. पर्यटकों की संख्या इतनी भी नहीं गिरी है, जिससे निराश हुआ जाए. उत्साहजनक परिणाम तो नहीं है, लेकिन परिणाम संतोषजनक जरूर है. इसे बेहतर करने के लिए काम किया जा रहा है.

कोविड-19 में लगाई गई पाबंदी
ईवा शर्मा ने बताया कि इस बार कोविड-19 संक्रमण को लेकर इन पर्यटन क्षेत्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. इसके लिए कुछ प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. पर्यटन क्षेत्रों में 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे और 65 वर्ष की आयु से अधिक के बुजुर्गों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है.

पर्यटन सत्र में पहुंचे थे 28,000 पर्यटक
वर्ष 2019 में पर्यटन सत्र 15 नवंबर से लेकर 18 मार्च तक चलाया गया था. इस दौरान तीनों पर्यटन क्षेत्रों में 28,000 पर्यटक पहुंचे थे. इस वर्ष पर्यटन सत्र 15 दिन पहले 1 नवंबर को शुरू किया गया है. शुरुआती 15 दिनों में 191 पर्यटक पहुंचे हैं.

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