लखनऊः जिला जेल लखनऊ में 22 वर्ष पहले बंदी चांद को मुख्तार अंसारी व उसके गुर्गों द्वारा मारपीट करने तथा जेलर व उप जेलर को धमकी देने के मामले में अभियोजन की ओर से गवाही पूरी हो गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने सभी आरोपियों का धारा 313 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत बयान दर्ज करने के लिए 13 जनवरी की तारीख नियत की है. अदालत ने आदेश दिया है कि उस दिन मुख्तार अंसारी का बयान दर्ज करने के लिए बांदा जेल से तलब किया जाए.
मामले की सुनवाई के समय अदालत में अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट जेलर एसएन द्विवेदी व उप जेलर बैजनाथ राम ने 1 अप्रैल 2000 को थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 29 मार्च को करीब छह बजे शाम को पेशी से वापस आकर जिस समय बंदी जेल में जा रहे थे, उसी समय जिस बैरक में बंदी चांद बंद था, उसमें माफिया विधायक मुख्तार अंसारी ने अपने साथी युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित, प्रभु जिंदर सिंह व लालजी यादव के साथ मिलकर बंदी चांद को बुरी तरह से मारना पीटना शुरू कर दिया. कहा गया कि जब जेलर व उप जेलर ने उन्हें बचाने का प्रयास किया तो इन लोगों ने जेल के अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. यह भी आरोप है कि यह सभी लोगों अलार्म होने पर पथराव करते हुए अपने-अपने बैरक में चले गए तथा दोनों जेल अधिकारियों को धमकी दी थी कि उन्हें व उनके परिवार को मार दिया जाएगा.