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लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी के थानाध्यक्ष को कोर्ट ने किया तलब

लखनऊ में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करने के एक मामले में थानाध्यक्ष सुशांत गोल्फ सिटी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

सुशांत गोल्फ सिटी के थानाध्यक्ष को कोर्ट ने किया तलब
सुशांत गोल्फ सिटी के थानाध्यक्ष को कोर्ट ने किया तलब
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Published : Aug 16, 2021, 10:44 PM IST

लखनऊः अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने के एक मामले में थानाध्यक्ष को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. थानाध्यक्ष सुशांत गोल्फ सिटी को कोर्ट ने तलब किया है. कोर्ट ने उनसे पूछा है कि मुकदमा दर्ज करने के बाद सात दिन में उसकी प्रति अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद किन परिस्थितियों में ऐसा नहीं किया गया.

कोर्ट ने उन्हें 17 अगस्त को इसके पीछे की वजह को स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि कारण स्पष्ट करने में इस बार कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए. दरअसल विगत 28 जुलाई को अदालत ने मरीज की मौत के बाद जबरिया लाखों रुपये की रकम जमा करने और रकम न अदा करने पर शव को कोरोना पॉजिटिव कराने की धमकी देने के एक आपराधिक मामले में एडवांस न्यूरो एण्ड जनरल हॉस्पिटल के मालिक डॉ. विनोद तिवारी, डॉ. सीमा तिवारी और मैनेजर शशिकांत के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया था.

इसे भी पढ़ें- महंत पर पूजा करने गई महिला के साथ रेप का आरोप, परिजनों ने की जांच की मांग

इसके साथ ही एफआईआर की प्रति सात दिन में कोर्ट को पेश करने का भी आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश अम्बेडकर नगर के सुनील मिश्र की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल द्वारा दाखिल अर्जी को मंजूर करते हुए दिया था. लेकिन अदालत के लिपिक की आख्या के मुताबिक अभी तक एफआईआर की प्रति दाखिल नहीं की गई है. जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें- जौनपुर: दारोगा पर घर में घुसकर ताजिया तोड़ने का आरोप, लोगों ने किया शाहगंज कोतवाली का घेराव

लखनऊः अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं करने के एक मामले में थानाध्यक्ष को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. थानाध्यक्ष सुशांत गोल्फ सिटी को कोर्ट ने तलब किया है. कोर्ट ने उनसे पूछा है कि मुकदमा दर्ज करने के बाद सात दिन में उसकी प्रति अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया गया था. इसके बावजूद किन परिस्थितियों में ऐसा नहीं किया गया.

कोर्ट ने उन्हें 17 अगस्त को इसके पीछे की वजह को स्पष्ट करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि कारण स्पष्ट करने में इस बार कोई त्रुटि नहीं होनी चाहिए. दरअसल विगत 28 जुलाई को अदालत ने मरीज की मौत के बाद जबरिया लाखों रुपये की रकम जमा करने और रकम न अदा करने पर शव को कोरोना पॉजिटिव कराने की धमकी देने के एक आपराधिक मामले में एडवांस न्यूरो एण्ड जनरल हॉस्पिटल के मालिक डॉ. विनोद तिवारी, डॉ. सीमा तिवारी और मैनेजर शशिकांत के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया था.

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इसके साथ ही एफआईआर की प्रति सात दिन में कोर्ट को पेश करने का भी आदेश दिया था. कोर्ट ने यह आदेश अम्बेडकर नगर के सुनील मिश्र की ओर से वकील प्रांशु अग्रवाल द्वारा दाखिल अर्जी को मंजूर करते हुए दिया था. लेकिन अदालत के लिपिक की आख्या के मुताबिक अभी तक एफआईआर की प्रति दाखिल नहीं की गई है. जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

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