लखनऊ : समाज में छवि धूमिल करने के लिए मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र भेजकर मानहानि करने का आरोप भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगाया गया है. डॉ. मोहम्मद कामरान के परिवाद पर संज्ञान लेते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने बृजभूषण शरण सिंह को 2 फरवरी को अदालत के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.
अदालत में दाखिल किया परिवाद : सांसद बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध यह परिवाद इंदिरा नगर के रहने वाले अधिवक्ता एवं पत्रकार डॉ. मोहम्मद कामरान ने अदालत में दाखिल किया है. परिवाद में उन्होंने कहा है कि सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उनके खिलाफ मानहानि कारक पत्रों को मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भेजा था. इन पत्रों को प्रिंट मीडिया एवं डिजिटल मीडिया में भी बदनाम करने के लिए सर्कुलेट किया गया. भाजपा सांसद ने परिवादी (डॉ. मोहम्मद कामरान) को कहा है कि वह पत्रकार नहीं बल्कि ब्लैकमेलर है. यह भी कहा गया है कि 25 सितंबर 2022 को यह जानते हुए कि उक्त पत्र निराधार एवं असत्य हैं, उसके बावजूद भी भाजपा सांसद द्वारा प्रकाशित कराया गया. इन पत्रों पर सांसद ने खुद हस्ताक्षर करके जारी किया है. अदालत को बताया गया कि सांसद द्वारा जारी किए गए इन पत्रों के आधार पर रविवार के दिन लेख प्रसारित किया गया तथा पोर्टल एवं व्हाट्सएप पर भ्रामक व मानहानि कारक खबरें चलाई गईं. आरोप है कि बृजभूषण शरण सिंह ने अपने पत्रों में डॉ. कामरान के विरुद्ध कथित रूप से आपत्तिजनक शब्द इस्तेमाल किया है.