लखनऊ: विवादित ढांचा को ढहाए जाने के आपराधिक मामले में मुख्य विवेचक एम नारायणन से लालकृष्ण आडवाणी और कल्याण सिंह समेत सभी अभियुक्तों की ओर से जिरह के बाद अभियोजन की गवाही की प्रक्रिया पूरी हो गई है. सीबीआई की ओर से इस मामले में कुल 351 गवाह पेश किए गए. विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने इस मामले में अभियुक्तों का बयान दर्ज करने के लिए 24 मार्च की तारीख तय की है. 24 मार्च को अभियुक्तों का बयान दर्ज किया जाएगा. कोर्ट ने पहले दिन अभियुक्त चंपत राय बंसल, लल्लू सिंह और प्रकाश शर्मा को अपना बयान दर्ज कराने के लिए उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
19 दिसंबर 2019 से सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) में मुख्य विवेचक और सीबीआई के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर एम नारायणन की गवाही के बाद उनसे बचाव पक्ष के वकीलों की जिरह चल रही थी. 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पुरा करने का आदेश दिया था. तय मियाद में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. 19 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अदालत की अर्जी पर यह अवधि नौ माह के लिए और बढ़ा दी. साथ ही यह भी आदेश दिया कि अगले छह माह में गवाहाें को पेश करने की कार्यवाही पूरी कर ली जाए. अब ऐसे में संभव है कि इस मामले में अप्रैल 2020 तक अदालत का फैसला आ जाए. विशेष अदालत में इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन हो रही है.
क्या था मामला
6 दिंसबर 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में कुल 49 एफआईआर दर्ज हुए थे. एक एफआईआर फैजाबाद के थाना रामजन्म भूमि में एसओ प्रियवंदा नाथ शुक्ला और दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी. शेष 47 एफआईआर अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने भी दर्ज कराए थे. पांच अक्टूबर 1993 को सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए था. इनमें 17 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है.