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लखनऊः तिहरे हत्याकांड के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

लखनऊ के मलिहाबाद में 12 दिसंबर 2009 को हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर कई धाराओं के तहत सजा के साथ ही अर्थदंड भी लगाया है. दरअसल दोषी ने अपनी सास समेत दो मासूम बच्चों का कत्ल किया था.

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जिला एवं सत्र न्यायालय.
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Published : Jan 24, 2020, 9:30 PM IST

लखनऊः अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग नरायन सिंह ने सास और साले के बेटे-बेटी की बांके से वार कर नृशंस हत्या मामले के आरोपी बुद्धा को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही फांसी की सजा की पुष्टि के लिए मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश भी दिया है.

कोर्ट ने इन धाराओं के तहत सुनाई सजा
कोर्ट ने आरोपी बुद्धा को आईपीसी की धारा 302/34 में मौत की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि आईपीसी की धारा 307/34 हत्या का प्रयास करने पर दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना, आईपीसी की धारा 323/34 मारपीट करने के आरोप में एक साल सजा, धारा 452/34 हमला करने के इरादे से घर घुसने के तहत सात साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

वहीं अभियुक्त को शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 में भी दो साल का कठोर कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माने की आधी राशि राकेश और शेष आधी धनराशि मृत बच्चों के पिता रामचंद्र को प्रदान की जाए.

मासूमों के सिर और चेहरे पर बांके से किया था प्रहार
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि दोषी बुद्धा का यह आपराधिक कृत्य न्यायिक और सामाजिक अन्तःकरण को क्षुब्ध और झकझोर देने वाला है. उसने अपनी वृद्ध सास सुरसती देवी के सिर, गर्दन और चेहरे पर बांके से कई बार वार किया था. अपने साले रामचंद्र के दस साल के मासूम बेटे सूरज और छह साल की अबोध बच्ची शिवांकी के सिर व चेहरे पर भी कई वार किए थे, इससे उनके दिमाग व चेहरे पर हड्डी की गहराई तक गंभीर जख्म पाए गए.

बच्ची के दाहिने हाथ की तीन अगुंलियां भी कटी हुई पाई गई थीं, जिससे यह प्रदर्शित होता है कि जब हत्यारे ने बांके से बच्ची के सिर पर हमला किया होगा, तो उसने बचाव में अपना हाथ सिर पर रखा होगा. दोषी ने घटना के दौरान अपने साले को छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी थी.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: गंगा यात्रा में शामिल होना बच्चों के लिए बनी चुनौती, वार्षिक परीक्षा बनी वजह

क्या था मामला
12 दिसंबर 2009 को इस जघन्य तिहरे हत्याकांड की एफआईआर राकेश कुमार ने थाना मलिहाबाद में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक रात्रि करीब दो बजे राकेश और उसकी मां सुरसती देवी तथा उसका भतीजा सूरज और भतीजी शिवांकी घर के अंदर लेटे हुए थे. तभी उसका बहनोई बुद्धा अपने साथियों के साथ घर में घुस आया और धारदार हथियार से उसकी मां तथा भतीजे व भतीजी की हत्या कर दी.

आरोपी राकेश को गंभीर चोट पहुंचाकर मौके से भाग गया. राकेश ने अपनी इस तहरीर में यह भी कहा था कि 10 साल पहले उसकी बहन देशपति की शादी बुद्धा से हुई थी, लेकिन इनकी आपस में नहीं पटती थी. इसलिए उन्होंने अपनी बहन की शादी बाराबंकी में पंचाराम से कर दी था. घटना से एक दिन पहले उसकी बहन उन लोगों से मिलने घर आई थी और मिलकर चली गई थी. वहीं दोषी बुद्धा ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह देशपति और उसके दूसरे पति को मारने के इरादे से घर में घुसा था, लेकिन वे दोनों नहीं मिले.

लखनऊः अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग नरायन सिंह ने सास और साले के बेटे-बेटी की बांके से वार कर नृशंस हत्या मामले के आरोपी बुद्धा को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही फांसी की सजा की पुष्टि के लिए मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश भी दिया है.

कोर्ट ने इन धाराओं के तहत सुनाई सजा
कोर्ट ने आरोपी बुद्धा को आईपीसी की धारा 302/34 में मौत की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि आईपीसी की धारा 307/34 हत्या का प्रयास करने पर दस साल के कठोर कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना, आईपीसी की धारा 323/34 मारपीट करने के आरोप में एक साल सजा, धारा 452/34 हमला करने के इरादे से घर घुसने के तहत सात साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

वहीं अभियुक्त को शस्त्र अधिनियम की धारा 3/25 में भी दो साल का कठोर कारावास और दो हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माने की आधी राशि राकेश और शेष आधी धनराशि मृत बच्चों के पिता रामचंद्र को प्रदान की जाए.

मासूमों के सिर और चेहरे पर बांके से किया था प्रहार
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि दोषी बुद्धा का यह आपराधिक कृत्य न्यायिक और सामाजिक अन्तःकरण को क्षुब्ध और झकझोर देने वाला है. उसने अपनी वृद्ध सास सुरसती देवी के सिर, गर्दन और चेहरे पर बांके से कई बार वार किया था. अपने साले रामचंद्र के दस साल के मासूम बेटे सूरज और छह साल की अबोध बच्ची शिवांकी के सिर व चेहरे पर भी कई वार किए थे, इससे उनके दिमाग व चेहरे पर हड्डी की गहराई तक गंभीर जख्म पाए गए.

बच्ची के दाहिने हाथ की तीन अगुंलियां भी कटी हुई पाई गई थीं, जिससे यह प्रदर्शित होता है कि जब हत्यारे ने बांके से बच्ची के सिर पर हमला किया होगा, तो उसने बचाव में अपना हाथ सिर पर रखा होगा. दोषी ने घटना के दौरान अपने साले को छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी थी.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: गंगा यात्रा में शामिल होना बच्चों के लिए बनी चुनौती, वार्षिक परीक्षा बनी वजह

क्या था मामला
12 दिसंबर 2009 को इस जघन्य तिहरे हत्याकांड की एफआईआर राकेश कुमार ने थाना मलिहाबाद में दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक रात्रि करीब दो बजे राकेश और उसकी मां सुरसती देवी तथा उसका भतीजा सूरज और भतीजी शिवांकी घर के अंदर लेटे हुए थे. तभी उसका बहनोई बुद्धा अपने साथियों के साथ घर में घुस आया और धारदार हथियार से उसकी मां तथा भतीजे व भतीजी की हत्या कर दी.

आरोपी राकेश को गंभीर चोट पहुंचाकर मौके से भाग गया. राकेश ने अपनी इस तहरीर में यह भी कहा था कि 10 साल पहले उसकी बहन देशपति की शादी बुद्धा से हुई थी, लेकिन इनकी आपस में नहीं पटती थी. इसलिए उन्होंने अपनी बहन की शादी बाराबंकी में पंचाराम से कर दी था. घटना से एक दिन पहले उसकी बहन उन लोगों से मिलने घर आई थी और मिलकर चली गई थी. वहीं दोषी बुद्धा ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह देशपति और उसके दूसरे पति को मारने के इरादे से घर में घुसा था, लेकिन वे दोनों नहीं मिले.


तिहरे हत्याकांड के अभियुक्त को फांसी की सजा
वृद्ध सास और दो मासूमों की बांके से की थी हत्या  
विधि संवाददाता
लखनऊ अपर सत्र न्यायाधीश दुर्ग नरायन सिंह ने पत्नी की वृद्ध मां और उसके भाई के मासूम बेटे व बेटी की बांके के प्रहार से नृशंस हत्या करने के आरोपी बुद्धा को दोषसिद्ध करते हुए मृत्यु की सजा सुनाई है। कोर्ट ने निर्णय देने के साथ ही फांसी की सजा की पुष्टि के लिए इस मामले की समस्त पत्रावली अविलंब हाईकोर्ट को भेजने का आदेश भी दिया है। 
   कोर्ट ने बुद्धा को आईपीसी की धारा 302/34  में मौत की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जबकि आईपीसी की धारा 307/34  में दस साल के कठोर कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माना, आईपीसी की धारा 323/34  में एक साल, धारा 452/34  में सात साल का कठोर कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं अभियुक्त को शष्त्र अधिनियम की धारा 3/25  में भी दो साल का कठोर कारावास व दो हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जुर्माने की आधी धनराशि राकेश व शेष आधी धनराशि मृत बच्चों के पिता रामचंद्र को प्रदान की जाए
मासूमों के सिर व चेहरे पर बांके से किया था प्रहार
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बुद्धा का यह आपराधिक कृत्य न्यायिक व सामाजिक अन्तःकरण को क्षुब्ध व झकझोर देने वाला है। सने अपनी वृद्ध सास सुरसती देवी के सिर, गरदन व चेहरे पर बांके से कई बार प्रहार किया। अपने साले रामचंद्र के दस साल के मासूम बेटे सूरज व छह साल की अबोध बच्ची शिवांकी के सिर व चेहरे पर भी कई जगह वार किया। जिससे उनके दिमाग व चेहरे पर हड्डी की गहराई तक गंभीर जख्म पाए गए। बच्ची के दाहिने हाथ की तीन अगुंलिया भी कटी हुई पाई गई। जिससे यह प्रदर्शित होता है कि जब बुद्धा ने बांके से बच्ची के सिर पर हमला किया होगा, तो उसने बचाव में अपना हाथ सिंर पर रखा होगा। लेकिन बार-बार के प्रहार से उसकी अंगुलियां कट गई। उसने घटना के दौरान अपने साले को छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी। जबकि वे तीनो निर्दोष, निरपराध व निरीह प्राणी थे।
   कोर्ट ने आगे कहा
बुद्धा ने यह जघन्य अपराध बहुत सोच-समझकर व ठंडे दिमाग से किया है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला निर्मम हत्या का एक असाधारण मामला है। इसलिए उम्र कैद की सजा का दंड अपर्याप्त होगा। लिहाजा बुद्धा को मृत्युदंड व अर्थदंड से दंडित किया जाना ही न्यायोचित होगा। 

क्या था मामला
12 दिसंबर 2009 को इस जघन्य तिहरे हत्याकांड की एफआईआर राकेश कुमार ने थाना मलिहाबाद में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक रात्रि करीब दो बजे वो और उसकी मां सुरसती देवी तथा उसका भतीजा सूरज व भतीजी शिवांकी घर के अंदर लेटे हुए थे। तभी उसका बहनोई बुद्धा अपने साथियों के साथ घर में घुस आया और धारदार हथियार से उसकी मां तथा भतीजे व भतीजी की हत्या कर दी। उसे भी गंभीर चोट पहुंचाकर भाग गया। राकेश ने अपनी इस तहरीर में यह भी कहा था कि 10 साल पहले उसकी बहन देशपति की शादी बुद्धा से हुई थी। लेकिन इनकी आपस में नहीं पटती थी। इसलिए उन्होंने अपनी बहन की शादी बाराबंकी में पंचाराम से कर दिया था। घटना से एक दिन पहले उसकी बहन उन लोगों से मिलने घर आई थी और मिलकर चली गई थी। 
वहीं बुद्धा ने पुलिस के पूछताछ में बताया था कि वह देशपति व उसके दूसरे पति को मारने घर में घुसा था लेकिन वे दोनों नहीं मिले।

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Chandan Srivastava
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