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बांग्लादेशी शख्स को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, अवैध रूप से भारत में रहने का है दोषी - एनआईए/एटीएस के जज का फैसला

एनआईए/एटीएस के विशेष जज ने एक बांग्लादेशी को पांच साल की सजा सुनाई है. बांग्लादेशी शख्स अवैध रूप से भारत में रहने के मामले में दोषी पाया गया है.

बांग्लादेशी शख्स को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा
बांग्लादेशी शख्स को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा
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Published : Sep 22, 2021, 10:42 PM IST

लखनऊ : एनआईए/एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में एक बांग्लादेशी को 5 साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त अब्दुला उर्फ अब्दुला अल मामुन उर्फ अब्दुल्लाह को पांच साल की कारावास का साथ, कोर्ट ने 22 हजार का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सजा की अवधि पूरी होने के बाद यदि अभियुक्त किसी दूसरे मामले में वांछित न हो, तो इसे नियमानुसार बांग्लादेश के दूतावास के जरिए उसके देश भेज दिया जाए.

विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्त बांग्लादेश के जिला मैमन सिंह के ग्राम हुसैनपुर का मूल निवासी है. वह वर्ष 2011 से अवैध रुप से देवबंद के थाना अम्बेहटा शेख में रह रहा था. आरोप है कि अभियुक्त प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अन्सारुल्ला बांग्ला टीम से भी जुड़ा था. अभियुक्त के पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईकार्ड, पैनकार्ड व सिम आदि बरामद हुआ था.

इसे भी पढे़ं- जबरन धर्मांतरण मामला: मौलाना कलीम सिद्दीकी 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया जेल

आपको बता दें, अभियुक्त को मुज्जफरनगर के कुटेसरा से गिरफ्तार किया गया था. उस पर बांग्लादेश से शिक्षा ग्रहण करने दारुल उलूम देवबंद, सहारनपुर आने वाले छात्रों का फर्जी आईडी बनाने का भी आरोप है. 20 जुलाई, 2017 को इस मामले की एफआईआर उप-निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार सिंह ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. विचारण के दौरान अभियुक्त ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था. जबकि इससे पहले तीन अन्य मुल्जिमों ने भी अपना जुर्म कुबूल किया था.

लखनऊ : एनआईए/एटीएस के विशेष जज योगेन्द्र राम गुप्ता ने भारत में अवैध रुप से रहने के मामले में एक बांग्लादेशी को 5 साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त अब्दुला उर्फ अब्दुला अल मामुन उर्फ अब्दुल्लाह को पांच साल की कारावास का साथ, कोर्ट ने 22 हजार का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि सजा की अवधि पूरी होने के बाद यदि अभियुक्त किसी दूसरे मामले में वांछित न हो, तो इसे नियमानुसार बांग्लादेश के दूतावास के जरिए उसके देश भेज दिया जाए.

विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह के मुताबिक अभियुक्त बांग्लादेश के जिला मैमन सिंह के ग्राम हुसैनपुर का मूल निवासी है. वह वर्ष 2011 से अवैध रुप से देवबंद के थाना अम्बेहटा शेख में रह रहा था. आरोप है कि अभियुक्त प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अन्सारुल्ला बांग्ला टीम से भी जुड़ा था. अभियुक्त के पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईकार्ड, पैनकार्ड व सिम आदि बरामद हुआ था.

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आपको बता दें, अभियुक्त को मुज्जफरनगर के कुटेसरा से गिरफ्तार किया गया था. उस पर बांग्लादेश से शिक्षा ग्रहण करने दारुल उलूम देवबंद, सहारनपुर आने वाले छात्रों का फर्जी आईडी बनाने का भी आरोप है. 20 जुलाई, 2017 को इस मामले की एफआईआर उप-निरीक्षक प्रमेन्द्र कुमार सिंह ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी. विचारण के दौरान अभियुक्त ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया था. जबकि इससे पहले तीन अन्य मुल्जिमों ने भी अपना जुर्म कुबूल किया था.

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