लखनऊ: भारतीय सेना के गोपनीय, प्रतिबंधित दस्तावेज और वर्गीकृत आंकड़ें आईएसआई को भेजने वाले अभियुक्त अनस याकूब गिटैली और सौरव शर्मा की उन्मोचित किए जाने की मांग वाली अर्जियों को एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्तों पर आरोप तय करने के लिए आगामी 30 अगस्त को जेल से तलब किया है.
खुद को आरोपों से मुक्त किए जाने की मांग वाली अर्जियां आरोपी अनस याकूब गिटैली और सौरभ शर्मा की ओर से अलग-अलग दाखिल की गई थी. अनस याकूब गिटैली की ओर से कहा गया कि उसके छह रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं जिनसे वह बात करता था. उसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कभी कोई संपर्क नहीं रहा. वहीं, सौरभ शर्मा की ओर से कहा गया कि उसने 2013 में सेना में नौकरी प्राप्त की थी. चिकित्सीय आधार पर 2020 में सेवा मुक्त हुआ. इस दौरान उसकी सेवा को लेकर कभी कोई शिकायत विभाग से नहीं रही. उसके विरुद्ध जो भी गुप्त और प्रतिबंधित सूचनाएं प्राप्त कराने का आरोप लगाया गया है, वह नौकरी छोड़ने के बाद लगाया गया है.
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उन्मोचन अर्जियों के विरोध में एनआईए के विशेष लोक अभियोजक का तर्क था कि सौरभ शर्मा ने भारतीय सेना में रहते हुए, भारतीय सेना के गोपनीय प्रतिबंधित, दस्तावेज और वर्गीकृत आंकड़ें आईएसआई गुप्तचर एजेंसी की एजेंट कथित नेहा शर्मा के साथ साझा किया था. सौरव शर्मा और उसकी पत्नी पूजा सिंह के खाते में विदेशों से हजारों रुपये भेजे गए हैं. यह भी कहा गया कि अभियुक्त सौरव शर्मा की पत्नी पूजा सिंह के खाते में अनस याकूब गिटैली द्वारा भी पैसे भेजे गए. कहा गया है कि पैसा खाते में भेजने से संबंधित स्क्रीनशॉट पहले नेहा शर्मा को भेजा गया है. उसके बाद वही स्क्रीन शॉट नेहा शर्मा ने सौरव शर्मा को भेजा है, जो अभियुक्त सौरभ शर्मा द्वारा प्रयोग किए जा रहे मोबाइल फोन से विवेचना के दौरान प्राप्त किया गया है.
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