लखनऊ: सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा (CBI Special Judicial Magistrate Samridhi Mishra) ने कर्नाटका कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत (IAS anurag tiwari death case) के मामले में दोबारा दाखिल की गई क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने यह आदेश अनुराग के भाई मंयक तिवारी की प्रोटेस्ट अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. साथ ही, प्रोटेस्ट अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज करने का भी आदेश देते हुए उनके बयान के लिए 14 अक्टूबर की तिथि नियत की है. यूपी में बहराइच जिले के रहने वाले आईएएस अनुराग तिवारी बंगलोर में फूड सिविल सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर में कमिश्नर के पद पर तैनात थे.
इस मामले में 19 फरवरी, 2019 को सीबीआई ने अपनी विवेचना के बाद पहली क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त करते हुए प्रोटेस्ट अर्जी में उठाए गए सवालों के आधार पर सीबीआई को अग्रिम विवेचना का आदेश दिया था. 28 जनवरी, 2021 को सीबीआई ने पुनः क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की. 25 अक्टूबर, 2021 को मयंक तिवारी ने इसे चुनौती देते हुए प्रोटेस्ट अर्जी दाखिल की थी.
16/17 मई, 2017 को आईएएस अनुराग तिवारी की मौत स्थानीय मीराबाई मार्ग पर संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई थी. वह स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-19 में ठहरे थे. 25 मई, 2017 को उनकी मौत के इस मामले में उनके भाई मयंक तिवारी की ओर से हत्या की एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया था. बाद में इस मामले की विवेचना सीबीआई को सौंप दी गई.
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