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कोर्ट ने की अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग के सदस्य की जमानत याचिका खारिज - लखनऊ की ताजा खबर

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग के एक सदस्य की जमानत याचिका खारिज कर दी है. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त एक इंटरनेशनल रैकेट से जुड़ा हुआ है. इसके चलते उसे रिहा नहीं किया जा सकता.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Apr 11, 2022, 9:50 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग के एक सदस्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त एक इंटरनेशनल रैकेट से जुड़ा हुआ है, जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और बैंक एकाउंट्स को हैक करके आम लोगों के साथ ठगी करते हैं. इसी के चलते अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

ये आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त सोनू उर्फ लोकेश की जमानत याचिका पर ये फैसला दिया है. जमानत का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि अभियुक्त के पास से एटीएस ने 24 एक्टीवेटेड सिम और 16 सिम रैपर्स बरामद किए थे. मामले के एक अन्य अभियुक्त हर्ष कौशिक उर्फ लोडी उर्फ रॉडी से सिम प्राप्त कर के विशेष शर्मा उर्फ विष्णु नाम के अभियुक्त को मुहैया कराता था.

यह भी पढ़ें- लखनऊ विश्वविद्यालय में एआईएसए और एबीवीपी के समर्थक आए आमने-सामने

वहीं, सरकारी वकील ने बताया कि उक्त विशेष शर्मा उर्फ विष्णु और चीनी नागरिक ली टेंगली उर्फ एलिस के बीच दस बार बात हो चुकी थी. जबकि याची और विशेष शर्मा के बीच 257 बार बात हुई थी. यह भी कहा गया कि अभियुक्त द्वारा मुहैया कराए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल चीन, इंडोनेशिया, फिलीपिंस और लाओस में होता था. इन्हीं देशों से लोगों के बैंक एकाउंट हैक करके उनमें से पैसे निकाल लिए जाते थे. बता दें कि इस मामले में एटीएस जू जुंगफू और सुन लि यिंग नाम के दो अन्य चीनी नागरिकों को भी गिरफ्तार कर के जेल भेज चुकी है.

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लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गैंग के एक सदस्य की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि अभियुक्त एक इंटरनेशनल रैकेट से जुड़ा हुआ है, जो ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और बैंक एकाउंट्स को हैक करके आम लोगों के साथ ठगी करते हैं. इसी के चलते अभियुक्त को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

ये आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल सदस्यीय पीठ ने अभियुक्त सोनू उर्फ लोकेश की जमानत याचिका पर ये फैसला दिया है. जमानत का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि अभियुक्त के पास से एटीएस ने 24 एक्टीवेटेड सिम और 16 सिम रैपर्स बरामद किए थे. मामले के एक अन्य अभियुक्त हर्ष कौशिक उर्फ लोडी उर्फ रॉडी से सिम प्राप्त कर के विशेष शर्मा उर्फ विष्णु नाम के अभियुक्त को मुहैया कराता था.

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वहीं, सरकारी वकील ने बताया कि उक्त विशेष शर्मा उर्फ विष्णु और चीनी नागरिक ली टेंगली उर्फ एलिस के बीच दस बार बात हो चुकी थी. जबकि याची और विशेष शर्मा के बीच 257 बार बात हुई थी. यह भी कहा गया कि अभियुक्त द्वारा मुहैया कराए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल चीन, इंडोनेशिया, फिलीपिंस और लाओस में होता था. इन्हीं देशों से लोगों के बैंक एकाउंट हैक करके उनमें से पैसे निकाल लिए जाते थे. बता दें कि इस मामले में एटीएस जू जुंगफू और सुन लि यिंग नाम के दो अन्य चीनी नागरिकों को भी गिरफ्तार कर के जेल भेज चुकी है.

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